खड़े-खड़े मौत, ये बेहद डरावनी तस्वीर; 26 साल के एडवोकेट को अचानक आया हार्ट अटैक, बस कदम लड़खड़ाए और जिंदगी थम गई, वीडियो

Lucknow 26 Year Old Advocate Sudden Death Heart Attack Video Viral

Lucknow 26 Year Old Advocate Sudden Death Heart Attack Video Viral

Advocate Sudden Death Video: जिंदगी अब अचानक छोड़कर चल दे रही है। मौत दबे पांव चुपके से आकर साथ ले जा रही है। आखिर हम अचानक होने वाली मौतों को लेकर क्यों नहीं चेत रहे। ऐसी और कितनी मौतों का इंतजार है? कब तक हम हंसते-खेलते और चलते-फिरते लोगों को मौत के मुंह में जाते हुए यूं ही देखते रहेंगे। अब एक और चलते-फिरते अचानक मौत की तस्वीर आंखों के सामने है। जो कि दिल दहला रही है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 26 साल के एक युवा एडवोकेट की खड़े-खड़े ही मौत हो गई।

मौत का लाइव वीडियो सामने आया

युवा एडवोकेट की अचानक मौत का लाइव वीडियो सामने आया है। पूरा मंजर सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। यह सब देखना वाकई बेहद डरावना है। जो वीडियो सामने आया है उसमें देखा जा सकता है कि, युवा एडवोकेट अपने एक साथी के साथ सड़क पर चलते हुए आता है। इसी बीच दोनों एक जगह रुक जाते हैं और खड़े रहते हैं। युवा एडवोकेट को मोबाइल चलाते हुए देखा जा सकता है। आसपास से अन्य लोग गुजर रहे है। अगले कुछ ही पलों में क्या होने वाला है। किसी को कुछ अंदाजा नहीं होता।

थोड़ी देर में दिखता है कि, युवा एडवोकेट के कदम आगे बढ़ते हैं और इस बीच एडवोकेट को लड़खड़ाते हुए देखा जाता है। वहीं युवा एडवोकेट के जमीन पर बेसुध होकर गिरने के बाद मौके पर हड़कंप मच जाता है। पास में मौजूद लोग दौड़ते हैं। युवा एडवोकेट को आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया जाता है। जहां डाक्टरों ने युवा एडवोकेट को मृत घोषित कर दिया। माना जा रहा है कि, युवा एडवोकेट को अचानक हार्ट अटैक आया। जिसके चलते उसकी मौत हो गई.

वीडियो देखकर लोग स्तब्ध

अचानक मौत का लाइव वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसे देखकर लोग भी स्तब्ध रह जा रहे हैं। मन में बस एक सवाल आ रहा है कि, कब तक हम यूं ही आएदिन ऐसी मौतों को देखते रहेंगे और बेबस होंगे। आखिर अचानक मौतों को ये सिलसिला कब थमेगा और कहां जाकर रुकेगा? लोगों का कहना है कि, अचानक मौत के बढ़ते मामलों पर सरकार को गंभीर होना चाहिए और इस पर रिसर्च करवानी चाहिए। अगर इस पर गंभीरता से गौर नहीं किया गया तो आने वाले समय में स्थिति कहीं और भयावह न हो जाये.

अचानक मौत का यह पहला मामला नहीं

ध्यान रहे कि, इन दिनों अचानक मौत के मामले एकदम से बढ़ गए हैं। इन मामलों में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि, लोगों की हंसते-खेलते मौत हो जा रही है। देखा जा रहा है कि, वे बिलकुल ठीक हैं और उन्हें अचानक हार्ट अटैक आ गया और चंद मिनटों में उनकी मौत हो गई। ऐसे मामलों के जो वीडियोज सामने आए हैं।

देखा गया है कि, कोई चल रहा है, नाच रहा है और उसे हार्ट अटैक आ गया, कोई बैठा है या अखबार पढ़ रहा है, उसे हार्ट अटैक आ गया। कोई जिम कर रहा है या केमिस्ट पर दवाई लेने पहुंचा है, उसे हार्ट अटैक आ गया। कोई खाना खा रहा है, उसे हार्ट अटैक आ गया। जिन्हें हार्ट अटैक आया। उनमें ज़्यादातर नौजवान शामिल हैं। आखिर ये क्या हो रहा है?

बहराल, ऐसी मौतों को लेकर चर्चा होनी चाहिए और बचाव के उपाय बताए जाने चाहिए। सरकार को इस ओर मुख्यता ध्यान देना चाहिए। ऐसी मौतों पर मेडिकल साइंस को अब रिसर्च कर कोई इलाज का रास्ता निकालना चाहिए। क्योंकि दिनों-दिन स्थिति बिगड़ती जा रही है और मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हम कितनी ऐसी मौत के बाद मानेंगे कि यह वास्तव में एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति हो गई है।

लोग बोल रहे- कोरोना वैक्सीन लगने से ऐसा हो रहा

अचानक मौतों के पीछे लोगों की तमाम प्रतिक्रियाएं सामने आ रहीं हैं। एक तरफ जहां लोग सरकार से इस तरफ ध्यान को लेकर सवाल उठा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ लोग इन मौतों के पीछे कोरोना वैक्सीन को कारण मान रहे हैं। लोगों का कहना है कि, कोरोना वैक्सीन लगने से इस प्रकार मौतें हो रहीं हैं। लोगों की यह चिंता तब और बढ़ गई है जब पिछले दिनों कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ था।

ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने यूके की कोर्ट में पहली बार वैक्सीन की खामी कबूल की थी। कोर्ट में दाखिल अपने दस्तावेजों में एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि, वैक्सीन से थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) जैसे खतरनाक गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) से शरीर में खून के थक्के जमने (Blood Clots) लगते हैं। प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगती हैं। जिससे ब्रेन स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।

हालांकि, एस्ट्राजेनेका का यह भी कहना था कि बेहद दुर्लभ मामलों में ही ऐसे साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं। सभी लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। बता दें कि, भारत में 80% लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन ही लगाई गई है। भारत में उत्पादन के बाद भारत समेत दुनियाभर के और लोगों को भी कोविशील्ड वैक्सीन सप्लाई की गई।

बता दें कि, कोरोना महामारी के दौरान एस्ट्राजेनेका ने इस वैक्सीन के फॉर्मूले को यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के साथ मिलकर तैयार किया था। वहीं बाद में भारत में इस वैक्सीन का उत्पादन अदार पूनावाला के सीरम इंस्टिट्यूट ने किया था. इसी वैक्सीन को भारत में हम कोविशील्ड के नाम से जानते हैं। एस्ट्राजेनेका की यह वैक्सीन दुनिया में कोविशील्ड के साथ-साथ वैक्सजेवरिया नाम से भी जानी गई।

 

हार्ट अटैक आने पर कैसे दें CPR?

ये स्थिति हम में से किसी के साथ भी घटित हो सकती है। इसलिए अगर आपके सामने ऐसी कोई भी स्थिति आती है तो सबसे पहले मरीज़ को फ़र्श पर लिटा कर उसकी पल्स और धड़कन देखने की कोशिश करें। किसी एक व्यक्ति को फ़ौरन एंबुलेंस को कॉल करने को कहें। अगर नज़दीकी अस्पताल का नंबर है तो उसपर कॉल करें। अगर पल्स नहीं मिल रही तो तुरंत CPR शुरू करें। मरीज़ के आसपास भीड़ ना लगाएँ और CPR तब तक देते रहें जब तक मदद ना आ जाये या मरीज़ की पल्स ना मिलने लगे।

अगर आपको CPR देने की विधि मालूम नहीं है तो आप यहां जान लीजिये। CPR देने की क्रिया में आप मरीज के कन्धों के पास घुटनों के बल बैठ जाएं। इसके बाद अपनी एक हाथ की हथेली को मरीज की छाती के बीच में रखें. दूसरे हाथ की हथेली को पहले हाथ की हथेली के ऊपर रखें। अपनी कोहनी को सीधा रखें और कन्धों को मरीज के छाती के ऊपर सीधाई में रखें।

वहीं अपने ऊपर के शरीर के वजन का इस्तेमाल करते हुए मरीज की छाती को कम से कम 2 इंच (5 सेंटीमीटर) और ज़्यादा से ज़्यादा 2.5 इंच (6 सेंटीमीटर) तक दबाएं और छोड़ें।  एक मिनट में 100 से 120 बार ऐसा करें। अगर आपको फिर भी सीपीआर देना नहीं आ रहा है, तो व्यक्ति के हिलने डुलने तक या मदद आने तक उसकी छाती दबाते रहें। शायद आपका कोई दवाब उसकी साँसों को दोबारा लाने में सफल हो जाये। उसका हार्ट काम करने लग जाये।