भारत का निर्माण कर रही हैं जमीनी स्तर की महिलाएं: श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, महिला और बाल विकास मंत्री

Grassroots Women are Building India
CII वुमन एग्जेम्पलर अवॉर्ड 2025 के विजेताओं की घोषणा
नई दिल्ली: Grassroots Women are Building India: "ये जमीनी स्तर की महिलाएं छोटे-छोटे गांवों से निकलकर, कई चुनौतियों को पार कर, परिवर्तन की प्रतीक बन चुकी हैं और भारत के निर्माण में योगदान दे रही हैं।" यह बात महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने CII वुमन एग्जेम्पलर अवॉर्ड 2025 के विजेताओं को सम्मानित करते हुए कही। यह कार्यक्रम ‘समाजिक परिवर्तन की अगुवाई करती महिलाएं: CII वुमन एग्जेम्पलर अवॉर्ड्स’ के तहत CII की वार्षिक आम सभा और वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन 2025 के दौरान आयोजित किया गया।
उन्होंने कहा कि किसी भी देश की प्रगति का एक महत्वपूर्ण संकेतक महिलाओं की स्थिति होती है। आज महिलाएं प्रगति कर रही हैं और विमानन, अनुसंधान से लेकर खनन जैसे विविध क्षेत्रों में सक्रिय हैं। उन्होंने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसे कई सरकारी प्रयासों का उल्लेख किया, और महिला-नेतृत्व वाले विकास की सरकार की दृष्टि पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि 'विकसित भारत 2047' के विजन को साकार करने में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उद्योग जगत द्वारा महिलाओं के समर्थन और प्रोत्साहन की सराहना करते हुए उन्होंने सभी से आगे आकर महिलाओं को सहयोग देने की अपील की ताकि भारत वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ का लक्ष्य हासिल कर सके।
CII वुमन एग्जेम्पलर अवॉर्ड उन ग्रामीण और वंचित समुदायों की महिला नेताओं को सम्मानित करता है, जिन्होंने गहरी सामाजिक और आर्थिक बाधाओं को पार कर समाज में परिवर्तन लाने का कार्य किया है। इस वर्ष एक नई श्रेणी ‘कम्युनिटी स्ट्रेंथनिंग (सामुदायिक सशक्तिकरण)’ को जोड़ा गया है, जिसके अंतर्गत उन महिलाओं को सम्मानित किया गया जो विभिन्न पहलों के माध्यम से अपने समुदायों को अधिक मजबूत और सक्षम बना रही हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा और सूक्ष्म उद्यम की पूर्ववर्ती श्रेणियां इस कार्यक्रम का अभिन्न हिस्सा बनी हुई हैं।
सेलम, तमिलनाडु की अलमेलु वी को कम्युनिटी स्ट्रेंथनिंग श्रेणी में, मेवात, हरियाणा की फरहीन हुसैन को स्वास्थ्य श्रेणी में, कोल्हापुर, महाराष्ट्र की वर्षा अंकुश पाटिल को शिक्षा श्रेणी में, और मधुबनी, बिहार की नर्मदा झा को सूक्ष्म उद्यम श्रेणी में सम्मानित किया गया। प्रत्येक विजेता को एक ट्रॉफी, प्रमाण पत्र और ₹3 लाख की नकद राशि प्रदान की गई। इस पुरस्कार के लिए 400 से अधिक नामांकनों में से एक प्रतिष्ठित जूरी द्वारा प्रभाव, नेतृत्व क्षमता और बदलाव के विस्तार की संभावनाओं के आधार पर विजेताओं का चयन किया गया।
इन महिला नेतृत्वकर्ताओं के संकल्प और संघर्ष की सराहना करते हुए CII के अध्यक्ष श्री संजीव पुरी ने कहा, "ये महिलाएं उस भारत की भावना का प्रतिनिधित्व करती हैं जो कभी हार नहीं मानता।"
CII के महानिदेशक श्री चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि CII वर्ष 2005 से जमीनी महिला नेतृत्व को सम्मानित करता आ रहा है। उन्होंने कहा कि इन महिलाओं ने सामाजिक परिवर्तन के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है और यदि उन्हें उचित सहयोग मिले तो वे और भी अधिक कर सकती हैं। अब ये महिलाएं देशभर में फैले 150+ वुमन एग्जेम्पलर्स के नेटवर्क का हिस्सा हैं, जो अपने-अपने समुदायों में सामाजिक बदलाव ला रही हैं और हर वर्ष 20 लाख से अधिक लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल रही हैं। CII फाउंडेशन इन महिला नेतृत्वकर्ताओं की क्षमता विकास और सामाजिक प्रभाव को बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलों के माध्यम से लगातार सहयोग कर रहा है।