Grand inauguration of 76th annual Nirankari Sant Samagam

विश्व में सुकून चाहते हैं तो पहले अंतर्मन में सुकून लाना होगा:  सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज

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Grand inauguration of 76th annual Nirankari Sant Samagam

76वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम का भव्य शुभारम्भ

चण्डीगढ/पंचकुला /मोहाली/समालखा। ‘‘हर एक इंसान चाहता है कि विश्व में शांति हो, सुकून हो, हर कोई सुकून की जिंदगी जी पाये। वास्तविक रूप में यह तभी सम्भव है जब हम अपने अंतर्मन में पहले सुकून ले आयें।’’ उक्त उद्गार निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने 28 अक्तूबर, 2023 को 76वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के शुभारम्भ में मानवता के नाम दिये सन्देश में व्यक्त किए।

‘सुकून अंतर्मन का’ शीर्षक पर आधारित यह तीन दिवसीय सन्त समागम निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा, हरियाणा में आयोजित किया गया है जिसमें चण्डीगढ, मोहाली, पंचकुला और देश के कोने-कोने से एवं दूर देशों से लाखों की संख्या में उपस्थित होकर इस पावन अवसर का भरपूर आनंद प्राप्त कर रहे हैं।  

सत्गुरु माता जी ने सुकून का जिक्र करते हुए फरमाया कि जब हम स्वयं बेचैन हैं, हमारे अंतर्मन में उथल-पुथल है तो हम कहीं पर भी चले जायें हमें सुकून प्राप्त नहीं हो सकता। यदि हमें सही मायनों में सुकून प्राप्त करना है तो हमें पहले मानवीय गुणों को अपनाना होगा। उसके उपरान्त ही हम समुचे संसार के लिए वरदान बन सकते हैं। हमारे मन में यदि स्वयं के लिए मानवता का भाव नहीं तो हमारे जीवन में चैन, अमन, सुकून नहीं आ सकता।

अंत में सत्गुरु माता जी ने कहा कि जीवन का सबसे बड़ा सुकून परमात्मा को जानकर इसके साथ जुडने में ही है। जब हम निरंकार प्रभू से जुड़ जाते हैं तब हर समय हर स्थान पर केवल इस परमात्मा के ही दर्शन होते हैं और प्रेमभाव से युक्त होकर मन में सुकून धारण कर  इसकी लहरों को अपने परिवार, प्रियजनों से होते हुए पूरे देश एवं विश्व में विस्तृत करते चले जायें।

दिव्य युगल का भव्य आगमन
इसके पूर्व सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के समागम स्थल पर आगमन होते ही सन्त निरंकारी मण्डल के प्रधान पूज्य सी.एल.गुलाटी जी एवं मंडल के कार्यकारिणी समिति के विभिन्न सदस्यों द्वारा फूलों के गुलदस्ते एवं फूलों की मालाओं द्वारा दिव्य युगल का हार्दिक स्वागत किया गया। उसके उपरान्त दिव्य युगल को एक फूलों से सजाई गई पालकी में विराजमान कर समागम के मुख्य प्रवेश द्वार से मुख्य मंच तक ले जाया गया। निरंकारी इन्स्टिट्यूट आॅफ म्युज़िकल आर्टस ;छप्ड।द्ध के 11 शहरों से आये हुए बच्चों द्वारा गाये जा रहे अभिनंदन गीत के साथ यह पालकी चल रही थी जिसकी अगुवाई संत निरंकारी सेवादल बैण्ड, संत निरंकारी मण्डल की कार्यकारिणी समिति और केंद्रीय नियोजन एवं सलाहकार समिति के सदस्यों द्वारा की गई।

दिव्य युगल को अपने समक्ष पाकर समागम स्थल पर उपस्थित श्रद्धालु भक्त भावविभोर हो उठे। आनंद से सराबोर सभी श्रद्धालु भक्त अपने भीगे नयनों से और हाथ जोड़कर धन निरंकार के जयघोष के साथ उनका अभिवादन कर रहे थे। भक्तों के अभिवादन को स्वीकार करते हुए दिव्य युगल ने भी अपनी मधुर मुस्कान द्वारा सभी भक्तों को पावन आशीर्वाद प्रदान किया।

निरंकारी प्रदर्शनी:
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी समागम स्थल पर विशाल रूप में निरंकारी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है जिसका मुख्य विषय है ‘सुकून - अंतर्मन का’ जो समागम का मुख्य विषय है। इस विषय पर आधारित प्रदर्शनी नजर-ए-सुकून, दिदार-ए-सुकून, रहमतें-ए-सुकून, बहार-ए-सुकून, एतबार-ए-सुकून, उम्मीद-ए-सुकून आणि सुकून-ए-सद्गुरु इत्यादि आठ दालन बनाये गए हैं।

इस वर्ष प्रदर्शनी को 6 भागों में बांटा गया है जिसमें मुख्य प्रदर्शनी के अतिरिक्त स्टुडियो डिवाईन, बाल प्रदर्शनी, स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग प्रदर्शनी, थिएटर एवं डिजाईन स्टुडियो इत्यादि का समावेश है।

विगत 25 अक्तूबर को इस प्रदर्शनी का उद्घाटन सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के करकमलों द्वारा किया गया। उसके उपरान्त से ही इसे देखने के लिए प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है।