Jagannath:

जगन्नाथ जाकर नहीं किए मंदिर के दर्शन तो अधूरी रहेगी यात्रा

Jaggannath

Jagannath: हिंदू धर्म में मंदिरों का बहुत ही महत्वपूर्ण तथा पूजन योग्य स्थान है। साक्षी गोपाल मंदिर कलिंग शैली में बना बहुत ही खूबसूरत मंदिर है। यह मंदिर भुवनेश्वर राजमार्ग पर पुरी से 50 कि.मी. तथा जगन्नाथपुरी से 15 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यहां श्री कृष्ण राधा के साथ बसते हैं। मंदिर में पूरे वर्ष के दौरान पर्यटकों की भीड़ रहती है। कहा जाता है कि जब तक आप इस मंदिर के दर्शन नहीं करेंगे तब तक जगन्नाथ दर्शन पूरे नहीं होते। 

कहा जाता है कि एक धनवान ब्राह्मण आयु के अंतिम पड़ाव में तीर्थयात्रा करने के लिए वृंदावन की ओर चला तो उसके साथ एक गरीब ब्राह्मण लडक़ा भी चल पड़ा। यात्रा के दौरान गरीब लडक़े की सेवा से खुश होकर वृंदावन के गोपाल मंदिर में ब्राह्मण ने अपनी कन्या का रिश्ता उससे पक्का कर दिया तथा वापस जाकर इस कार्य को पूरा करने का वचन भी दे दिया। लम्बे समय के बाद जब वे दोनों पुरी आए तो उस लडक़े ने उस ब्राह्मण को भगवान गोपाल जी के सामने किया वादा याद करवाया।

ब्राह्मण ने जब यह बात अपने घर-परिवार में की तो उसके अपने बेटे इस रिश्ते के लिए सहमत न हुए। इस मुद्दे को लेकर ब्राह्मण के परिवार वालों ने उस गरीब लडक़े की बहुत बेइज्जती की। 

इस बेइज्जती तथा वादा खिलाफी से दुखी होकर वह लडक़ा पंचायत के पास गया तो पंचों की ओर से इस बात का सबूत मांगा गया। लडक़े ने कहा कि विवाह के वादे के समय गोपाल (भगवान) जी भी उपस्थित थे। गरीब लडक़े की इस बात से पंचों की ओर से उसका मजाक उड़ाया गया। अपने सच को साबित करने के लिए वह लडक़ा फिर वृंदावन पहुंच गया। यहां पहुंच कर उसने भगवान गोपाल जी को अपनी पूरी दर्दभरी कहानी सुनाई तथा हाथ जोडक़र विनती की कि अब आप ही मेरे साथ जाकर पंचायत को सारी बात समझा सकते हैं। 

उस लडक़े के दृढ़ विश्वास को देखकर गोपाल जी बहुत प्रसन्न हुए तथा उसके साक्षी (गवाह) बनने के लिए तैयार हो गए।  
भगवान जी ने कहा कि मैं तुम्हारे पीछे-पीछे आऊंगा तथा मेरे घुंघरुओं की झंकार तुम्हारे कानों में पड़ती रहेगी। तुम मेरे आगे-आगे चलते रहना, पीछे नहीं देखना। यदि तुमने पीछे देखा तो मैं वहीं स्थिर हो जाऊंगा। लडक़ा मान गया तथा दोनों पुरी की ओर चल पड़े। चलते-चलते जब वह अटक के नजदीकी गांव पुलअलसा के पास पहुंचे तो रेतीला रास्ता आरंभ हो गया। रेतीले रास्ते के कारण घुंघरुओं की आवाज बंद हो गई तथा वह लडक़ा पीछे की ओर देखने लगा। देखते ही गोपाल जी स्थिर हो गए। 

अपने साक्षी (भगवान) की स्थिरता को देखकर वह लडक़ा परेशान हो गया पर भगवान जी ने उस लडक़े को कहा कि तुम परेशान न हो बल्कि जाकर पंचायत को यहीं ले आओ। वह गरीब लडक़ा गया और पंचायत को वहां ले आया, जहां गोपाल जी खड़े थे। 
पंचायत के आने पर गोपालजी ने वह सारी बात दोहरा दी जो धनवान ब्राह्मण ने उस गरीब लडक़े से उनकी उपस्थिति में की थी। उनकी याद में बना साक्षी गोपाल मंदिर इस निश्चय को पक्का करता है कि जो भक्त अपने भगवान पर भरोसा रखते हैं भगवान भी संकट के समय उनका साथ देते हैं तथा अपना हाथ देकर संकट से उन्हें उबार लेते हैं।