How India's 'most wanted' terrorists were eliminated on Pakistani soil?

कैसे पाकिस्तान की धरती पर भारत के 'मोस्ट वांटेड' आतंकियों का किया गया सफाया?

How India's 'most wanted' terrorists were eliminated on Pakistani soil?

How India's 'most wanted' terrorists were eliminated on Pakistani soil?

How India's 'most wanted' terrorists were eliminated on Pakistani soil?- नई दिल्ली। पिछले दो वर्षों में पाकिस्तान और कनाडा में 20 से ज्‍यादा खूंखार आतंकवादी रहस्यमय तरीके से मारे गए, जो भारत की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल थे।

मारे गए सभी लोग लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिजबुल मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े थे।

हालांकि पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकवादियों को पनाह देने की बात से इनकार करता रहा है, मगर इन व्यक्तियों की हत्या ने इस्लामाबाद के झूठ को उजागर किया। इन व्यक्तियों में से कई भारत में आतंकवादी हमलों में शामिल थे।

जैसे-जैसे ये आतंकवादी हत्यारों की गोलियों का शिकार होते गए, विभिन्न हलकों में सवाल उठने लगे कि पाकिस्तानी और कनाडाई धरती पर भारत के दुश्मनों को किसने मारा।

क्या भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों को मार गिराने के पीछे भारतीय गुप्त एजेंट हैं, जैसा कि हाल ही में ब्रिटेन के विश्‍व के प्रमुख दैनिक द गार्जियन ने अज्ञात भारतीय और पाकिस्तानी खुफिया संचालकों के हवाले से एक रिपोर्ट में दावा किया है?

लंदन स्थित अखबार ने बताया कि भारत सरकार ने "विदेशी धरती पर आतंकवादियों को खत्म करने की एक व्यापक रणनीति के हिस्से के रूप में" पाकिस्तान में हत्याओं का आदेश दिया।

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने यूके अखबार के पहले के बयान को दोहराते हुए दावों का खंडन किया है कि वे "झूठे और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार" थे।

लेकिन रिपोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की इस छवि को पुख्‍ता किया है कि भारत की मौजूदा सरकार का पाकिस्तान या विदेश में किसी अन्य सुरक्षित पनाहगाह से पनपे आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता (जीरो टॉलरेंस) का दृष्टिकोण है।

द गार्जियन की "खुलासा" रिपोर्ट महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पीएम मोदी के उस बयान के करीब है, जिसमें उन्होंने बिहार में एक रैली में कहा था, "आज का भारत घर में घुस के मरता है"। इस रिपोर्ट से पीएम मोदी की छवि और पुख्‍ता हुई है।

जैसा कि द गार्जियन की रिपोर्ट में आतंकवाद के प्रति भारत के निडर दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला गया है, आंतरिक और बाहरी सुरक्षा विशेषज्ञ बता रहे हैं कि पिछले दो वर्षों में भारत की सर्वाधिक वांछित सूची में शामिल आतंकवादियों को पाकिस्तान और कनाडा में एक-एक करके कैसे मार दिया गया।

पिछले साल नवंबर के पहले पखवाड़े के भीतर पाकिस्तान में लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया था। सुरक्षा अधिकारी हत्या के प्रत्येक मामले में एक ही पैटर्न देखते हैं : "मोटरसाइकिलों पर सवार अज्ञात हथियारबंद लोगों ने भारत में आतंक फैलाने के आरोपी आतंकवादियों की एक के बाद एक हत्याएं कीं।"

ख्वाजा शाहिद उर्फ मियां मुजाहिद का अपहरण कर लिया गया था और बाद में 5 नवंबर, 2023 को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास उसका सिर कलम कर दिया गया था। वह लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी था और सुंजुवान में भारतीय सेना शिविर पर 2018 के आतंकी हमले के मास्टरमाइंड में से एक था। उसने सात लोगों की जान ले ली थी।

9 नवंबर, 2023 को खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर जिले में लश्कर आतंकवादी अकरम खान उर्फ ​​अकरम गाजी की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

इसी तरह, मौलाना मसूद अजहर के करीबी सहयोगी जेईएम आतंकवादी रहीम उल्लाह तारिक की 13 नवंबर, 2023 को अज्ञात लोगों ने कराची में गोली मारकर हत्या कर दी थी।

1999 में अफगानिस्तान के कंधार में भारतीय विमान आईसी-814 के अपहरण में शामिल आतंकवादी जहूर मिस्त्री 1 मार्च, 2022 को पाकिस्तान में मारा गया था। उसे कराची की अख्तर कॉलोनी में दो बाइक सवार हमलावरों ने मार डाला था।

सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि मिस्त्री के जनाजे में मसूद अजहर के नेतृत्व वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष नेता शामिल हुए थे। 1999 में जब आईसी-814 का अपहरण किया गया था, उस समय भारत सरकार द्वारा रिहा किए गए तीन आतंकवादियों में से एक अजहर भी था। कहा जाता है कि गोली लगने से पहले मिस्त्री कई वर्षों तक जाहिद अखुंद के रूप में गलत पहचान बनाकर रह रहा था।

पाकिस्तान ने इस हत्या के लिए भारतीय खुफिया अधिकारियों को दोषी ठहराया था और आरोप लगाया था कि नई दिल्ली ने इस कृत्य के लिए हत्यारों को काम पर रखा था।

इसी तरह, भारत के एक अन्य मोस्ट वांटेड आतंकवादी शाहिद लतीफ की अक्टूबर 2023 में पाकिस्तान के सियालकोट में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। लतीफ 2016 के पठानकोट आतंकी हमले में एक प्रमुख साजिशकर्ता था। इस हमले में सात सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। लतीफ की हत्या एक मस्जिद के अंदर की गई थी।

उसकी हत्या करने के बाद बंदूकधारी मोटरसाइकिल पर सवार होकर मौके से भाग गए। लतीफ की हत्या पाकिस्तान में मारे गए आतंकवादियों की सूची में एक और महत्वपूर्ण वृद्धि थी।

उनमें से एक मुफ़्ती क़ैसर फ़ारूक था, जिसे कराची में अज्ञात लोगों ने गोली मार दी थी। अक्टूबर 2023 में कराची के समानाबाद इलाके में एक धार्मिक संस्थान के पास उसे गोली मार दी गई थी।

फारूक लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य था और उसके प्रमुख और 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का सहयोगी था।

सितंबर 2023 में जियाउर रहमान, जो लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य था, कराची में मारा गया। दो मोटरसाइकिलों पर सवार अज्ञात बंदूकधारियों ने उसे निशाना बनाकर कई गोलियां चलाईं।

रहमान जब एक शाम सैर पर था, उसी समय उसे गोली मार दी गई।

इस लश्कर ऑपरेटिव की हत्या बिल्कुल खालिस्तान कमांडो फोर्स के चीफ परमजीत सिंह पंजवार की हत्या की तरह थी। भारत को आतंकवाद के मामले में पंजवार की भी तलाश थी।

पंजवार की मई 2023 में उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब वह लाहौर में अपने आवास के पास सुबह की सैर के लिए निकला था।

भारत के मोस्‍ट वांटेड आतंकवादियों में से एक हिजबुल कमांडर बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम को 20 फरवरी, 2023 को रावलपिंडी में एक दुकान के बाहर अज्ञात बंदूकधारियों ने मार डाला।

पीर की हत्या के दो हफ्ते बाद एनआईए ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में उसकी संपत्ति कुर्क कर ली थी। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को भेजने और घुसपैठ के लिए रसद का इंतजाम करने वाले पीर को पिछले साल अक्टूबर में सरकार द्वारा आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था। वह पाकिस्तान में हिजबुल का लॉन्चिंग चीफ था।

सलीम रहमानी एक अन्य आतंकवादी था, जिसे जनवरी 2022 में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी थी। भारत को भी उसकी आतंकवादी के रूप में तलाश थी।

एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में अज्ञात बंदूकधारियों ने सितंबर 2023 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के रावलकोट में अल-कुदुस मस्जिद के अंदर लश्कर-ए-तैयबा के एक शीर्ष आतंकवादी कमांडर रियाज अहमद उर्फ अबू कासिम की गोली मारकर हत्या कर दी।

वह कोटली से इबादत करने आया था, तभी उसके सिर में नजदीक से गोली मार दी गई। वह 1 जनवरी, 2023 को ढांगरी आतंकी हमले के पीछे मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था।

राजौरी जिले के ढांगरी गांव में आतंकवादियों के हमले और अंधाधुंध गोलीबारी में करीब सात लोगों की मौत हो गई थी।

2023 में सीमा पार से किसी शीर्ष आतंकवादी कमांडर की यह चौथी हत्या थी।

जमात-उद-दावा के मुल्ला सरदार हुसैन अरैन की अगस्त 2023 में सिंध के नवाब शाह जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

पाकिस्तान में इन हत्याओं के बीच विश्‍व का ध्यान ओटावा पर भी केंद्रित हो गया, क्योंकि कनाडा की धरती पर खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने उसकी हत्या में भारत की भूमिका होने का संदेह जताया था, जिस कारण भारत और कनाडा के बीच बड़े पैमाने पर राजनयिक टकराव शुरू हो गया।