मुख्यमंत्री सुक्खू ने दो बड़े निर्णय लेकर कर दिया व्यवस्था परिवर्तन

Chief Minister Sukhu Changed the System
राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेलने वाले विद्यार्थियों की अटेंडेंस नहीं होगी शॉर्ट
सरकारी अस्पतालों में ड्यूटी टाइम में डॉक्टरों से एमआर के मिलने पर लगाई रोक
संदीप उपाध्याय
शिमला. Chief Minister Sukhu Changed the System: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज ऊना जिले के दौरे पर दो बड़े निर्णय लेकर व्यवस्था परिवर्तन कर दिया है। मुख्यमंत्री के दो बड़े निर्णय साबित करते हैं कि वह जनता की समस्याओं को गंभीरता से लेकर सख्त निर्णय के साथ पूरी व्यवस्था में परिवर्तन कर देते हैं।
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेलने वाले विद्यार्थियों की अटेंडेंस शॉर्ट नहीं होगी। अटेंडेंस पूरी करने के लिए रिलेक्सेशन की शक्तियां हेडमास्टर और प्रिंसिपल को मिलेंगी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने स्कूल शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को अधिसूचना जारी करने के दिये निर्देश हैं। ऊना के पूर्व विधायक सतपाल रायजादा ने मुख्यमंत्री के संज्ञान में विद्यार्थियों की समस्या लाई और मुख्यमंत्री ने निर्णय लिया। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में खेलने के लिए जाने पर अटेंडेंस में गैरहाजिरी लगती थी जिससे उन्हें परेशानी होती थी।
मुख्यमंत्री ने इसी तरह निर्णय लिया कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों से मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव नहीं मिल सकेंगे। टी टाइम के दौरान एमआर की डॉक्टरों से मुलाकात पर रोक लगा दी है। यह व्यवस्था शिमला के चमियाणा अस्पताल से हुई शुरूआत। एमआर व डॉक्टरों की मुलाकात से मरीजों को होने वाली दिक्कतों के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने बड़ा निर्णय लिया है। सरकारी आदेश के बावजूद एमआर से मिले डॉक्टर तो जवाबदेही तय होगी। ड्यूटी टाइम के बाद एमआर से मिल सकते हैं डॉक्टर, सभी अस्पतालों में धीरे-धीरे नई व्यवस्था लागू हो जाएगी ।
रोजगार पाने के लिए नही देने पड़ेंगे एजेंटों को पैसे: मुख्यमंत्री
राज्य सरकार प्रदेश के लोगों को विदेशों में नौकरी के अवसर प्रदान करने की दिशा में कार्य कर रही है। इस दिशा में विदेश मंत्रालय से आज हिमाचल प्रदेश इलैक्ट्रिोनिक्स विकास निगम (एचपीएसइडीसी) को भर्ती एजेंट लाइसेंस प्राप्त हो गया है। इसके अनुसार निगम को आधिकारिक तौर पर भर्ती करने की गतिविधियां शुरू करने की अनुमति मिल गई है। यह प्रमाण पत्र निगम को विदेशी नियोक्ताओं के लिए भारतीय श्रमिकों की भर्ती करने के लिए अधिकृत किया गया है
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश अब भारत के उन अग्रणी राज्यों में शुमार हो गया है जो निजी लाइसेंस धारकों के माध्यम से नहीं बल्कि सरकारी स्तर पर श्रमिकों को विदेश में रोजगार प्रदान करेगा। अब युवाओं को विदेश में रोजगार पाने के लिए एजेंटों को पैसे नहीं देने पड़ेंगे। इससे विदेश में रोजगार के इच्छुक लोगों को गुमराह होने से बचाया जा सकेगा और उन्हें रोजगार के उचित अवसर प्रदान किए जाएंगे।
इससे अब निगम अन्तरराष्ट्रीय रोजगार नियुक्तियों को नियंत्रित करने वाले नियमों की अनुपालना सुनिश्चित कर सकेगा। भर्ती एजेंट लाइसेंस निगम की विश्वसनीयता और कानूनी स्थिति को और अधिक सुदृढ़ करेगा। राज्य के लोगों को विदेशों में नौकरी करने के अवसर उपलब्ध होंगे।