Give priority to accumulating fame rather than worldly wealth

दुनियावी धन-दौलत की बजाए नाम धन इकट्ठा करने को प्राथमिकता दें

Give priority to accumulating fame rather than worldly wealth

Give priority to accumulating fame rather than worldly wealth

Give priority to accumulating fame rather than worldly wealth- चण्डीगढ़I इस संसार में हर इन्सान दुनियावी धन-दौलत व सुख-सुविधाएं इकट्ठा करने में दिन-रात भाग दौड़ करके अपना मानुष जन्म व्यर्थ गंवा रहा है जबकि इन्सान को इनकी बजाए  नामधन इकट्ठा करने को प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि दुनियावी धन-दौलत व सुख सुविधायें तो एक परछाई के समान हैं जो किसी के हाथ नही आती।

सुख-सुविधाएं मिलने से पहले इन्सान इसलिए दुखी होता है कि ये किसी तरीके मुझे मिल जाएं और जब प्राप्त हो जाती हैं तो फिर इसलिए दुखी होता है कि कहीं ये वापिस न चली जाएं, अर्थात दोनों अवस्थाओं में इन्सान दुखी ही रहता है इसलिए इन्सान को परमात्मा की भक्ति करने की ओर हमेशा ध्यान देना चाहिए क्योंकि यह धन इन्सान ने जीवन को हर अवस्था में सुखी बनाता है, ये उद्गार आज यहां सैक्टर 30 में स्थित सन्त निरंकारी सत्संग भवन में देहली से आए केन्द्रीय प्रचारक श्री इन्द्रजीत शर्मा जी ने यहां हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए ।

नामधन की परिभाषा बारे धार्मिक ग्रन्थों का हवाला देते हुए श्री शर्मा जी ने बताया कि वर्तमान सत्गुरू माता सुदीक्षा जी की शरण में आकर परमपिता परमात्मा की जानकारी हासिल करके और कण-कण में इस परमात्मा का एहसास करते हुए सभी से प्यार, करूणा, दया, सहनशाीलता से जीवन व्ययतीत करना तथा काम-क्रोध-लोभ-मोह-अंहकार से उचित दूरी बना कर रखना ही असली नामधन है।

इससे पूर्व यहां के ज़ोनल इन्चार्ज श्री ओ.पी.  निरंकारी जी  ने देहली से आए श्री शर्मा जी का सभी की ओर से स्वागत व धन्यवाद किया । इस अवसर पर यहां के संयोजक श्री नवनीत पाठक तथा बाक़ी सेक्टरों  के मुखी महात्माओं श्री एस एस बांगा जी, श्री पवन कुमार जी एवं एन के गुप्ता जी भी उपस्थित थे