Property Dealer Killed: दोस्‍तों ने ही प्रापर्टी डीलर को अगवाकर मार डाला, मांगी थी डेढ़ करोड़ की फिरौती

Property Dealer Killed: दोस्‍तों ने ही प्रापर्टी डीलर को अगवाकर मार डाला, मांगी थी डेढ़ करोड़ की फिरौती

Property Dealer Killed

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Property Dealer Killed: राजधानी लखनऊ में एक करोड़ फिरौती के लिए सात दिन पहले दुबग्गा से अगवा प्रॉपर्टी डीलर की हत्या कर दी गई। उसका शव हरदोई के अतरौली में पुल से गोमती नदी में फेंक दिया गया। दोस्‍तों ने ही पहले पार्टी के नाम पर उसे अगवा किया और फिरौती की रकम न मिलने पर मार डाला। 

गुमशुदगी दर्ज होने के बाद उसकी तलाश नहीं की गई। सर्विलांस लोकेशन माल नमकीन फैक्टरी में मिली लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया। शनिवार पुलिस ने उसके पांच दोस्तों को गिरफ्तार कर शव की गोमती में तलाश कराया लेकिन नहीं मिला। विशाल (20) प्रॉपर्टी डीलिंग करता था। 25 सितंबर को दोस्त का फोन आने पर पार्टी में चला गया था। 26 को विशाल के ही नंबर से उसकी बहन संध्या से एक करोड़ की फिरौती मांगी गई।

पार्टी के बहाने बुलाकर गला घोंट दिया

हफ्ते भर पहले पार्टी के बहाने जेहटा से अपहृत प्रॉपर्टी डीलर को भरोसे में लेकर उसके दोस्त माल इलाके में चले गए। कॉल डिटेल खंगालने पर पता चला कि 25 सितंबर की रात विशाल को दोस्त राजेश गौतम ने फोन किया था।

प्रॉपर्टी डीलर काकराबाद के पास पहुंचा था। तभी वैन सवार बदमाशों ने उसे अगवा कर लिया। अपहरणकर्ता विशाल को लेकर माल के गहदो स्थित नमकीन फैक्ट्री में पहुंचे। जहां उसे बंधक बना कर रखा गया। आरोपियों ने विशाल से उसका मोबाइल फोन छीन लिया। वाई-फाई कॉल कर फिरौती मांगी गई। मांग पूरी नहीं होने पर नमकीन फैक्ट्री में गला दबा कर विशाल की हत्या कर दी गई। 

शव को बोरी में भर कर वैन से लेकर हत्यारोपी हरदोई के अतरौली पहुंचे। गोमती पुल से शव को नदी में फेंकने के बाद आरोपी लौट आए। हिरासत में लिए गए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि शव उतरा कर ऊपर न आ सके। इसके लिए विशाल के पैर में रस्सी से पत्थर बांधे गए थे। एसीपी काकोरी अनिद्ध विक्रम सिंह के मुताबिक हत्यारोपियों की बताई जगह से शव नहीं मिला है।

पुलिस अधिकारी घटना को बताते रहे संदिग्ध दुबग्गा से प्रॉपर्टी डीलर को अगवा किए जाने की सूचना मिलने के बाद एसीपी काकोरी और इंस्पेक्टर दुबग्गा घटना को संदिग्ध बताते रहे। दावा किया गया कि प्रॉपर्टी डीलर की बाइक मिल गई है। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने सही तरीके से छानबीन नहीं की। अगर समय पर मोबाइल की लोकेशन खंगाली गई होती तो विशाल को बचाया जा सकता था।