मध्यप्रदेश में पहली बार डेढ़ लाख से अधिक कृषकों ने 812 पानी चौपाल का आयोजन किया

pani chopal

भोपाल। मध्यप्रदेश में जल संरक्षण के लिए बेहतरी से प्रयास किये जा रहे है और इसमें किसानों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। इसके चलते प्रदेश में पहली बार डेढ़ लाख से अधिक किसानों ने विभिन्न विकास खंडों में 812 पानी चौपाल का आयोजन किया और इसमें न केवल पानी का संरक्षण करने के लिए संकल्प लिया गया वहीं गांवों में स्थित कुए और प्राचीन बावड़ियों को भी पुर्नजीवित किया गया। बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य भर में गंगा जल संवर्धन अभियान चलाया गया था।

पानी गांव में रोकने के लिए खेत तालाबों का चयन सिपरी सॉफ्टवेयर से

देश में पहली बारखेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में रोकने के लिए खेत तालाबों का चयन सिपरी सॉफ्टवेयर से किया गया। अभियान में 83 हजार से अधिक बनने वाले खेत-तालाबों से प्रदेश के अन्नदाता में नई उम्मीद जागी है। अब वे अपने खेत में एक नहीं कई फसलें ले सकते हैं।

खेत तालाब के अलावा अमृत सरोवर और डगवेल रिचार्ज बनाने में भी सिपरी सॉफ्टवेयर, एआई और प्लानर सॉफ्टवेयर जैसी तकनीक का उपयोग किया गया है। इस तकनीक से निर्धारित लक्ष्य को समय रहते प्राप्त करने में आसानी हुई है और गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इसके लिए नियमित जानकारी प्राप्त करने के लिए डैशबोर्ड डाटा को एआई के माध्यम के उपयोग से अभियान की प्रगति में सुधार और गति दी गई। इस अभियान में प्रदेश के नगर-नगर और गांव-गांव में जल स्रोतों को शुद्ध और उपयोगी बनाने का कार्य चला, अनेक पोखर और बावड़ियों को पुनर्जीवन प्राप्त हुआ। यह सरकार और समाज का संयुक्त प्रयास है।