पंजाब के सभी जिलों में ‘फूड सेफ्टी ऑन व्हीलज़’ का हुआ विस्तार ; लोगों को अपने भोजन की जांच करवाने की अपील, स्वास्थ्य मंत्री डा. बलबीर सिंह ने मिलावटखोरी के विरुद्ध दी चेतावनी, कहा 5 सालों में 145 दोषियों को हुई सज़ा

'Food Safety on Wheels' expanded to all districts of Punjab
'Food Safety on Wheels' expanded to all districts of Punjab : चंडीगढ़। राज्य के लोगों को सुरक्षित और सेहतमंद भोजन यकीनी बनाने के मद्देनज़र मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की वचनबद्धता को दोहराते हुये स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डा. बलबीर सिंह ने बुधवार को लोगों को ‘फूड सेफ्टी ऑन व्हीलज़’ पहलकदमी, जिसका अब सभी जिलों में विस्तार किया गया है, का अधिकतम लाभ लेने के लिए अपील की।
ज़िक्रयोग्य है कि ‘फूड सेफ्टी ऑन व्हीलज़’ मोबाइल फूड टेस्टिंग वैनें हैं, जो दूध, पनीर, पानी और अन्य रोज़मर्रा के प्रयोग वाली चीजें समेत भोजन की प्रमुख श्रेणियों में मिलावट की जांच करने के लिए लैस हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह वैनें भोजन मिलावट के विरुद्ध हमारी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण साधन हैं - मैं हरेक व्यक्ति को अपने भोजन की जांच करवाने की अपील करता हूँ। स्वास्थ्य मंत्री यहाँ पंजाब भवन में ‘इफ इट्स नोट सेफ, इट्स नोट फूड’ के सलोगन वाली प्रैस कान्फ़्रेंस को संबोधन कर रहे थे। उनके साथ प्रमुख सचिव ( स्वास्थ्य) कुमार राहुल, कमिशनर फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, पंजाब दिलराज सिंह, डायरैक्टर लैबज़ रवनीत कौर और संयुक्त कमिशनर फूड सेफ्टी डा. अमित जोशी भी मौजूद थे।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के सत्ता में आने के बाद, विभाग की तरफ से कुल 18,559 इनफोरसमैंट सैंपल और 12,178 निगरानी सैंपल लिए गए हैं। इसके इलावा, ‘फूड सेफ्टी ऑन व्हीलज़’ पर मिलावटखोरी के लिए अब तक 13,000 से अधिक नमूनों की जांच की गई है। उन्होंने कहा कि मुख्य श्रेणियों में पनीर, घी, दूध, मसाले, फल और सब्जियाँ, मिठाईयां, खोया आदि शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डा. बलबीर सिंह ने एफ.डी.ए. अधिकारियों को इन फूड सेफ्टी वैनों की पूरी क्षमता के साथ प्रयोग करने और लोगों ख़ास कर विद्यार्थियों में जागरूकता पैदा करने के निर्देश दिए, इसके साथ ही उनको पारदर्शी ढंग के साथ काम करने और विभाग की सभी नीतियों को लगन के साथ लागू करने के लिए कहा। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि सिर्फ़ ‘शुद्ध अन्न’ से ही ‘शुद्ध मन और स्वस्थ तन’ संभव है।
उन्होंने दोहराया कि भोजन में मिलावटखोरी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और ऐसी गतिविधियों में शामिल पाये जाने वाले किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि माननीय अदालत ने पिछले पाँच सालों में मिलावटखोरी के 145 मामलों में छह महीने तक की कैद और जुर्माने की सज़ा सुनाई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि अब तक फूड बिज़नस आपरेटरों को कुल 3.17 लाख लायसेंस और रजिस्ट्रेशन जारी किये गए हैं और उन्होंने स्ट्रीट फूड वैंडरों समेत सभी ऐफबीओज़ को फूड एंड ड्रग्गज़ एडमिनिस्ट्रेशन के अधीन अपने आप को रजिस्टर करने की अपील की।
उन्होंने संतुलित ख़ुराक और बेहतर ख़ुराक विकल्पों की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया और एफ.डी.ए. को पोषण और सरकारी स्वास्थ्य पहलकदमियों के बारे जन शिक्षा मुहिमों को तेज़ करने की अपील की। उन्होंने पंजाबियों को ‘सही खाओ, सेहतमंद रहो’ पहुँच अपनाने और एक सेहतमंद और पोषण पक्ष से सुरक्षित पंजाब के सृजन में योगदान डालने की अपील की।
इस दौरान मंत्री ने बताया कि एफ.डी.ए. द्वारा लगभग 500 जागरूकता कैंप लगाए गए हैं जिनमें 55000 से अधिक व्यक्तियों को साफ़-सफ़ाई, सही खाने-पीने और भोजन सुरक्षा अभ्यासों के बारे प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले तीन सालों के दौरान राज्य में लोगों को भोजन सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए सही खाने-पीने के बारे 13 मेले लगाए गए हैं। इसके इलावा, इट राइट कैंपस, मंडियों, स्ट्रीट फूड हब आदि क्षेत्र में 150 सर्टीफिकेशन हासिल किये गए हैं।
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