जल्द सस्ता होगा आटा, FCI ने मार्केट में बेचा 5.08 लाख टन गेहूं, जानें कीमतों पर कैसे पड़ेगा असर

जल्द सस्ता होगा आटा, FCI ने मार्केट में बेचा 5.08 लाख टन गेहूं, जानें कीमतों पर कैसे पड़ेगा असर

Flour will be Cheaper

Flour will be Cheaper

नई दिल्ली। Flour will be Cheaper: भारतीय खाद्य निगम के चेयरमैन और प्रबंधक निदेशक अशोक के मीना ने गुरुवार को कहा कि खुला बाजार बिक्री योजना (OMSS) के चलते गेहूं के थोक मूल्य में कमी आई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस योजना का गेहूं के खुदरा मूल्य पर आने वाले हफ्तों में असर दिखाई देगा।

थोक खरीदारों को गेहूं की बिक्री / sale of wheat to bulk buyers

गेहूं और आटे के बढ़ते मूल्य पर अंकुश लगाने के लिए सरकार (OMSS) के जरिये आटा मिलों जैसे थोक खरीदारों को गेहूं की बिक्री कर रही है। FCI की ओर से आयोजित ई-नीलामी के जरिये अब तक 18.05 लाख टन गेहूं की बिक्री की जा चुकी है, जिसमें से खरीदारों को 11 लाख टन गेहूं दिया जा चुका है। योजना के तहत एफसीआइ को कुल 45 लाख टन गेहूं बेचना है। मीना ने कहा कि ओएमएसएस योजना को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।

अशोक के मीना ने जताई उम्मीद / Ashok's Meena expressed hope

गेहूं के थोक मूल्य पर इसका प्रभाव पहले ही दिखने लगा है। खुदरा मूल्य पर इसका प्रभाव दिखने में समय लगेगा। अशोक के मीना ने उम्मीद जताई कि इसी सप्ताह से खुदरा मूल्य में कमी दिखने लगेगी। मीना ने कहा कि अब अधिकांश मंडियों में गेहूं का थोक मूल्य घटकर 2,200-2,300 रुपये प्रति क्विटंल पर आ गया है।

ओएमएसएस के तहत दक्षिणी और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के थोक खरीदारों ने बड़ी मात्रा में गेहूं की खरीद की है। उन्होंने भरोसा जताया कि इस योजना से पूरे देश में गेहूं का मूल्य सामान्य करने में मदद मिलेगी।

सामान्य रहेगी गेहूं की सरकारी खरीद / Government procurement of wheat will remain normal

मीना ने कहा कि चालू रबी सीजन में गेहूं की फसल अच्छी हैं और विपणन वर्ष 2023-24 में सरकारी खरीद 300-400 लाख टन के सामान्य स्तर पर रहेगी। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार अधिक रकबे में गेहूं की बोआई हुई है और मौजूदा हालात गेहूं की फसल के लिए अच्छे हैं। पिछले वर्ष घरेलू उत्पादन घटने और ज्यादा निर्यात के कारण गेहूं की सरकारी खरीद में कमी रही थी।

एक सवाल के जवाब में मीना ने कहा कि बढ़ते तापमान का गेहूं की फसल पर कोई असर पड़ने की उम्मीद नहीं है और छोटी अवधि में तापमान बढ़ने से फसल पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सरकार ने फसल वर्ष 2023-24 में 11.21 करोड़ टन गेहूं के उत्पादन का अनुमान जताया है।

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