हिस्ट्रीशीटर को जमानत मिलने पर समर्थकों की जमकर हर्ष फायरिंग, जांच शुरू

हिस्ट्रीशीटर को जमानत मिलने पर समर्थकों की जमकर हर्ष फायरिंग, जांच शुरू

Harsh firing on Getting Bail

Harsh firing on Getting Bail

पीपीगंज। Harsh firing on Getting Bail: हत्या के मामले में सात साल से जेल में बंद हिस्ट्रीशीटर की जमानत अर्जी मंजूर होने पर उसके गांव में हर्ष फायरिंग को लेकर पीड़ित पक्ष दहशत में है। गुरुवार को पीपीगंज थाने पर पहुंचे पीड़ित परिवार ने जानमाल का खतरा बताकर सुरक्षा की मांग की है।

उनका कहना था कि हिस्ट्रीशीटर ओमप्रकाश तिवारी उर्फ भवन्नर जब भी जमानत पर बाहर आया उसने कोई न कोई वारदात की है। वहीं, हर्ष फायरिंग की भी जांच कर रही है। इससे पहले मई महीने में भी हिस्ट्रीशीटर का वीडियो वायरल हुआ था। तब वह पेशी पर कचहरी आया था और अपना वीडियो पोस्ट कराया था।

पीपीगंज थानाक्षेत्र के नयनसर निवासी हिस्ट्रीशीटर ओमप्रकाश उर्फ भवन्नर तिवारी को हरपुर हत्याकांड में लोअर कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है। सजा मिलने के बाद भी वह 2011 में हाईकोर्ट से सशर्त जमानत पर रिहा हुआ था। आरोप है कि रिहा होने के कुछ महीने बाद ही होली के दिन गांव के तीन युवकों को गोली मार दी थी, जिसमे दो की मौत हो गई थी।

इस मामले में केस दर्ज हुआ था। इस हत्याकांड में वह जेल गया था लेकिन डेढ़ साल बाद एक बार फिर उसकी जमानत हाईकोर्ट से हो गई थी। उसके बाद 2015 में पंचायत चुनाव के समय उसने अपने सहयोगी की हत्या कर लाश को गायब कराने का आरोप है। उस मामले पर ओमप्रकाश के साथ ही उसके पूरा परिवार हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था।

कुछ साल बाद परिवार के लोगों को जमानत मिल गई पर ओमप्रकाश करीब सात साल से अभी जेल में ही बंद है। उसकी जमानत दो बार हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। पीड़ित पक्ष का कहना है कि 30 सितम्बर को ओमप्रकाश को हत्या के मामले में सशर्त जमानत मिल गई है। जमानत मिलने के बाद से ओमप्रकाश पक्ष गांव में दहशत फैला रहा है।

बुधवार की रात गांव में हर्ष फायरिंग की बात सामने आई। वहीं, गुरुवार को पीड़ित पक्ष से इंदू तिवारी ने पीपीगंज थाने में तहरीर देकर बताया कि ओमप्रकाश तिवारी और उनके बेटों ने मेरे पति की हत्या कर दी थी। अब उनके बेटे मुकदमे में सुलह की धमकी दे रहे हैं।

हत्या के मुकदमे में हिस्ट्रीशीटर ओमप्रकाश तिवारी को जमानत मिलने की सूचना है लेकिन अभी एक और मुकदमे में जमानत न होने से वह रिहा नहीं हुआ है, इस बीच उसके विपक्षियों की सूचना पर गांव में पुलिस की सक्रियता बढ़ा दी गई है। साथ ही पीड़ित परिवारों की पूरी जिम्मेदारी से पुलिस सुरक्षा करेगी।

- शिव शंकर चौबे,पीपीगंज थानेदार