किसान की बेटी ने कनाडा में किया पंजाब का नाम रौशन

किसान की बेटी ने कनाडा में किया पंजाब का नाम रौशन
- लेस्टर बी. पियर्सन अंतर्राष्ट्रीय छात्र पुरस्कार के लिए चयनित
अर्थ प्रकाश / मनिंदर मनौली
Farmers Daughter Brighten : बनूड । पास के गांव जंगपुरा के किसान सुखदेव सिंह व मंजीत कौर की 19 वर्षीय बेटी हसलीन कौर को कनाडा में लेस्टर बी. पियर्सन इंटरनेशनल स्टूडेंट अवार्ड के लिए चुना गया है। उन्हें कनाडा के टोरंटो विश्वविद्यालय में नंबर एक रैंक वाले चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के मुफ्त अध्ययन के अलावा आवास, भोजन और प्रति वर्ष 2000 डॉलर के अन्य खर्चों की सुविधा के साथ छात्रवृत्ति मिली है। इस पुरस्कार के लिए दुनिया भर से 37 छात्रों का चयन किया गया था, जिनमें से भारत के चार छात्रों का चयन किया गया। इन चारों छात्रों में पंजाब की दो लड़कियां शामिल है, जिसमें हसलीन के अलावा दूसरी लड़की रायकोट की महकप्रीत कौर सागू है। इसके अलावा करनाल के एक युवक परमवीर सिंह को भी इस पुरस्कार के लिए चुना गया है।
हसलीन कौर ने सेक्टर 22-डी, चंडीगढ़ के शिशु निकेतन स्कूल से कॉमर्स विषय के तहत कक्षा 12 में 500 में से 494 अंक हासिल किए थे और पिछले साल ट्राईसिटी में दूसरे स्थान पर रही थी। बहुआयामी व्यक्तित्व की मालकिन हसलीन ने 13 साल की उम्र में धार्मिक पाखंड के खिलाफ 'कोशिश एक परी की' नामक किताब भी लिखी है। अपने गांव के बच्चों को गुरमुखी और गुरमति से जोड़ने के लिए उन्होंने गुरमति अकादमी भी बनाई है और इसके तहत कई कार्यक्रम किए है। किसान आंदोलन के दौरान हसलीन काफी सक्रिय रही। वह लगातार अपने गांव और राष्ट्रीय राजमार्ग पर किसान झंडा फहराकर कृषि कानूनों के खिलाफ लामबंदी करती रही है। हसलीन के माता-पिता ने बताया कि हसलीन कौर अपनी उपलब्धि से खुश है। उन्होंने कहा कि उनका बड़ा भाई पहले से ही कनाडा में पढ़ रहा है। परिवार के सीमित संसाधनों के कारण लाखों रुपये खर्च करके कनाडा जाना संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि उसी के अनुरूप उसने दिन-रात मेहनत करने का रास्ता चुना और सफलता हासिल की। उन्होंने कहा कि वह कनाडा में गुरुमुखी और गुरमति के प्रचार-प्रसार के लिए अपनी गतिविधियां जारी रखेंगी। हसलीन ने कहा कि उसकी ओंटारियो टेक यूनिवर्सिटी द्वारा ग्लोबल लीडर्स अवार्ड के लिए भी चुना गया था, लेकिन उन्होंने लेस्टर बी पियर्सन फैलोशिप के कारण उक्त पुरस्कार के तहत जाने से इनकार कर दिया। बेटी की इस उपलब्धि से उसके माता-पिता बेहद खुश है। बड़ी संख्या में ग्रामीण और स्थानीय निवासी भी बधाई दे रहे है।
बॉक्स
फेलोशिप के लिए चयन का तरीका
उक्त फैलोशिप के चयन के लिए नवंबर में फॉर्म भरे जाते है। विश्वविद्यालय बच्चे के सभी रिकॉर्ड स्कूल से ही प्राप्त करता है। अध्ययन के साथ-साथ साहित्य, कला, समाज, धर्म, खेलकूद तथा अन्य क्षेत्रों में विद्यार्थी की उपलब्धियाँ आवश्यक है। विश्वविद्यालय की टीम द्वारा छात्र की उपलब्धियों की एक प्रस्तुति और एक साक्षात्कार भी आयोजित किया जाता है, जिसके बाद चयन प्रक्रिया पूरी होती है। परिणाम अप्रैल में घोषित किया जाता है और सितंबर में पढ़ाई शुरू होती है। पहले वर्ष में छात्र को विश्वविद्यालय परिसर में रहना होता है, बाद में वह अपनी पसंद के अनुसार परिसर में या बाहर रहना चुन सकता है।