सहकारिता भर्ती : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माहरा, हरीश रावत और गोदियाल बैठे धरने पर, कहा- भ्रष्टाचार ने सरकार की कलई खोलकर रख दी

सहकारिता भर्ती : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माहरा, हरीश रावत और गोदियाल बैठे धरने पर, कहा- भ्रष्टाचार ने सरकार की कलई खोलकर रख दी

सहकारिता भर्ती : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माहरा

सहकारिता भर्ती : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माहरा, हरीश रावत और गोदियाल बैठे धरने पर, कहा- भ्रष्टाचार न

देहरादून: प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सहकारी बैंक में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती में अनियमितता का आरोप लगाते हुए सरकार को घेरा। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ कार्यकत्र्ताओं ने सोमवार को सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने भर्ती की जांच सीबीआइ से करवाने की मांग की।

सोमवार को पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में वरिष्ठ नेता और कार्यकत्र्ता सचिवालय के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठे। धरने के दौरान पत्रकारों से बातचीत में गणेश गोदियाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि सहकारी बैंक के चतुर्थ श्रेणी पदों की भर्ती में भारी धांधली हुई है। इसकी जांच सीबीआइ से कराई जानी चाहिए। साथ ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। कहा कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। रोजगार के नाम पर युवाओं के साथ छल किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी सहकारी बैंक में हुई भर्ती में भारी भ्रष्टाचार को अंजाम देने की नीयत से परीक्षा उत्तराखंड के बजाय नोयडा में करवाई गई। इसमें स्थानीय बेरोजगार नौजवानों के हक को मारा गया। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने स्वयं स्वीकार किया था कि सरकार में उगाही की खुली लूट मची हुई है। नवनियुक्त प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो प्रतिशत टालरेंस का दावा करने वाली राज्य सरकार में हर स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है। चाहे एनआरएचएम घोटाला हो, छात्रवृत्ति घोटाला, सिडकुल घोटाला या फिर सहकारी बैंक की नियुक्तियों में। धरने में पूर्व विधायक मनोज रावत, महामंत्री संगठन मथुरादत्त जोशी, नवीन जोशी, गोदावरी थापली, पीके अग्रवाल, गरिमा दसौनी, आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा आदि उपस्थित रहे।

जीरो प्रतिशत टालरेंस की कलई खुल गई है: हरीश रावत

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पिछली सरकार में नैनीताल हाई कोर्ट ने अपने फैसले में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री के मामले में सीबीआइ व पक्षकारों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो दिन का वक्त दिया था। मुख्यमंत्री पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से भाजपा सरकार के जीरो टालरेंस की कलई खुल चुकी थी। यह सिद्ध हो चुका था कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। एक वरिष्ठ मंत्री ने अपनी ही सरकार में हो रहे भ्रष्टाचार को खुले रूप में स्वीकार किया। इससे स्पष्ट हो गया था कि भाजपा सरकार में हर स्तर पर भारी लूट हो रही है। भ्रष्टाचार मुक्ति का दम भरने वाली सरकार की नाक के नीचे कुंभ मेले में कोरोना टेस्टिंग महाघोटाले का मामला जनता के सामने है।