हरियाणा में हो कामनवेल्थ खेलों का आयोजन: दीपेंद्र हुड्डा ने कहा खेल प्रदेश हरियाणा को मिले मेजबानी
- By Gaurav --
- Thursday, 27 Nov, 2025
Commonwealth Games should be organised in Haryana:
Commonwealth Games should be organised in Haryana: सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कामनवेल्थ खेलों का आयोजन फिर से भारत में होने पर खुशी जताते हुए कहा कि कॉमनवेल्थ खेल अहमदाबाद की बजाय खिलाड़ियों की खान, खेल प्रदेश हरियाणा में हों तो यहाँ बढ़िया खेल ढांचा तैयार होगा, भारत को और ज्यादा मेडल मिलेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे लिए ये अत्यंत गौरव की बात तब होती जब भारत के खेलों की राजधानी हरियाणा को भी इसके आयोजन में शामिल किया जाता। कॉमनवेल्थ खेल 2030 हरियाणा में खेल-ढाँचे में निवेश का एक ऐसा अवसर था जिसके देश की लिए दूरगामी सकारात्मक परिणाम आते। कॉमनवेल्थ खेल या तो देश की राजधानी में होते या अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 50% से ज्यादा मेडल जीतने वाले, खिलाड़ियों की खान माने जाने वाले हरियाणा में होते, जिससे यहाँ बढ़िया आधुनिक खेल ढांचा तैयार होता। कॉमनवेल्थ खेल की तैयारियों के लिए हरियाणा के खेल ढांचे में निवेश होता तो हमारे खिलाड़ी देश की झोली और ज्यादा पदकों से भरते। दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि भारत सरकार कॉमनवेल्थ खेलों की अंतर्राष्ट्रीय मेजबानी के अवसर में हरियाणा की अनदेखी न करे।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि आज प्रदेश में जर्जर हो चुके खेल ढांचे के कारण युवा खेल स्टेडियम में अभ्यास करते हुए हादसों में अपनी जान गंवा रहे हैं। पिछले 11 साल में भाजपा सरकार ने हरियाणा के खेल स्टेडियमों को एक रुपये का भी बजट नहीं दिया। कामनवेल्थ की मेजबानी हरियाणा में लाकर हम इसे सुधार सकते थे और हरियाणा को फिर से खेलों का सिरमौर बना सकते थे। दुर्भाग्य की बात है कि खेलों की खान हरियाणा को भारत सरकार ने भी अपने 3500 करोड़ के खेल बजट में से केवल 80 करोड़ दिया है। ये हमारे प्रदेश के खिलाड़ियों और मेडलों का अपमान है। उन्होंने कहा कि बजट आवंटन का आधार पदक होना चाहिए यानी अधिक पदक जीतने पर अधिक बजट और कम पदक जीतने पर कम बजट। जो प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 50% से ज्यादा मेडल जीतता है उसको देश के खेल बजट में सबसे कम बजट देना अन्याय है।
उन्होंने सवाल किया कि देश के 28 प्रदेशों में से खेलों की ताकत माने जाने वाले हरियाणा को खेल-आयोजन में क्यों छोड़ दिया गया? अगर मेरिट पर फैसला होता और हरियाणा को मेजबानी का अवसर मिलता तो हमारे खिलाड़ी पदकों से झोली भर देते देश का नाम रौशन होता। हरियाणा के खिलाडिय़ों ने ओलिंपिक, कामनवेल्थ, एशियन गेम्स में किसी में दो तिहाई, किसी में आधे तो किसी में एक तिहाई से ज्यादा मेडल जीतकर देश की झोली में डाले। नेशनल गेम्स में हरियाणा पदक तालिका में नंबर 1 पर था। उन्होंने सवाल किया कि हरियाणा के खिलाड़ियों का आखिर क्या कसूर है कि खेलो इंडिया के 3500 करोड़ के बजट में से गुजरात को सबसे ज्यादा और हरियाणा को सबसे कम 80 करोड़ का बजट दिया गया, 28 प्रदेशों में कॉमनवेल्थ खेलों की मेजबानी करने वाला प्रदेश हरियाणा की बजाय गुजरात होगा। गुजरात का नाम किस पर्ची से निकला?