लखनऊ लुलु माल विवाद पर सीएम योगी का आया बयान, बोले- बना दिया गया राजनीति का अड्डा

लखनऊ लुलु माल विवाद पर सीएम योगी का आया बयान, बोले- बना दिया गया राजनीति का अड्डा

लखनऊ लुलु माल विवाद पर सीएम योगी का आया बयान

लखनऊ लुलु माल विवाद पर सीएम योगी का आया बयान, बोले- बना दिया गया राजनीति का अड्डा

लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ (yogi adityanath) ने लुलु मॉल (Lulu Mall Controversy) में हुई हालिया घटनाओं पर नाराजगी जताई है। सोमवार को प्रदेश भर के पुलिस-प्रशासन के आला अफसरों संग विडियो कांफ्रेंसिंग में सीएम ने कहा कि लखनऊ में एक मॉल खुला है जो अपनी व्यवसायिक गतिविधियां चला रहा है। उसको राजनीति का अड्डा नहीं बनाया जाना चाहिए।

योगी ने कहा, 'अनावश्यक बयानबाजी करना, सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर, जनता का आवागमन बाधित करना स्वीकार्य नहीं है। इसके जरिए सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का कुत्सित प्रयास हो रहा है। लखनऊ प्रशासन इसे गंभीरता से ले और सख्ती से निपटे।'

'किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा'
प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ सख्‍ती का निर्देश देते हुए योगी ने कहा, 'जो बेवजह माहौल खराब कर रहे हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर न बख्शें। किसी को कोई समस्या है तो सूचना एवं शिकायत के लिए तंत्र है, लेकिन किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा।'

शुरू से ही विवाद
राजधानी लखनऊ का लुलु मॉल उद्घाटन के पहले से ही चर्चा में आ गया था। इसकी खासियत, तस्वीरें, मालिक का नाम, लुलु का मतलब ये सभी चीजें गूगल पर सर्च की जाने लगीं। 10 जुलाई को उद्घाटन करने खुद प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ पहुंचे और मॉल के मालिक यूसुफ अली ने खुद ड्राइव कर उन्हें मॉल घुमाया। लेकिन दो दिन बाद ही मॉल में नमाज पढ़े जाने का वीडियो सामने आया और विवाद खड़ा हो गया। हिंदू संगठनों ने विरोध जताया और आगे हनुमान चालीसा पढ़ने की बातें कही जाने लगीं।

ऐसे खुली सच्‍चाई
पुलिस की जांच में पता चला है कि 12 जुलाई को नमाज पढ़ने वाले पैदल आए थे। सीसीटीवी फुटेज देखने से पता चला कि नमाज के समय उनकी दिशा भी गलत थी। युवकों ने 17-18 सेकेंड में नमाज पढ़ी जबकि ठीक से नमाज पढ़ी जाए तो करीब 10 मिनट तक लगते हैं। इससे यह बात साफ हो गई कि चर्चा में आए लुलु मॉल से जोड़कर जानबूझकर विवाद पैदा किया गया।

मॉल प्रबंधन की सफाई
लुलु मॉल के क्षेत्रीय निदेशक जयकुमार गंगाधर ने बताया है कि हमारे प्रतिष्ठान में किसी भी व्यक्ति को धार्मिक गतिविधि संचालित करने की छूट नहीं है। इतना ही नहीं, प्रबंधन की ओर से बताया गया कि जिन लोगों ने सार्वजनिक स्थान पर प्रार्थना और नमाज पढ़ने की कोशिश की उनके खिलाफ FIR कराकर उचित कार्रवाई की गई है।