Chant these mantras daily in Sawan

सावन में रोजाना करें इन मंत्रों का जाप, कष्टों से मिलेगी निजात

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Chant these mantras daily in Sawan

सावन का महीना देवों के देव महादेव को अति प्रिय है। इस महीने में प्रत्येक दिन महादेव और माता पार्वती की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही सावन सोमवार पर भगवान शिव के निमित्त व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करने से साधक के सभी मनोरथ पूर्ण हो जाते हैं। साथ ही व्यक्ति विशेष को उनकी मनोकामना के अनुरूप फल की प्राप्ति होती है। अत: साधक यथा शक्ति तथा भक्ति भाव से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं।

शास्त्रों में निहित है कि सृष्टि के रचयिता भगवान शिव महज जलाभिषेक से प्रसन्न हो जाते हैं। इसके लिए सावन के महीने में प्रतिदिन भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करें। साथ ही रोजाना पूजा के समय इन मंत्रों का जाप करें। इन मंत्रों के जाप से साधक को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। 

शिव मूल मंत्र
ऊँ नम: शिवाय॥

रूद्र मंत्र
ऊँ नमो भगवते रूद्राय ।

रूद्र गायत्री मंत्र
ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय
धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्॥

महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात॥

शिव प्रार्थना मंत्र
करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥

शिव नमस्कार मंत्र
शम्भवाय च मयोभवाय च नम: शंकराय च मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च।।
ईशान: सर्वविध्यानामीश्वर: सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।

शिव नामावली मंत्र
श्री शिवाय नम:
श्री शंकराय नम:
श्री महेश्वराय नम:
श्री सांबसदाशिवाय नम:
श्री रुद्राय नम:
ऊँ पार्वतीपतये नम:
ऊँ नमो नीलकण्ठाय नम:

शिव आवाहन मंत्र
ऊँ मृत्युंजय परेशान जगदाभयनाशन ।
तव ध्यानेन देवेश मृत्युप्राप्नोति जीवती ।।
वन्दे ईशान देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने ।
नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने ।
आदिमध्यांत रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।
त्र्यंबकाय नमस्तुभ्यं पंचस्याय नमोनम: ।
नमोब्रह्मेन्द्र रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।
नमो दोर्दण्डचापाय मम मृत्युम् विनाशय ।।
देवं मृत्युविनाशनं भयहरं साम्राज्य मुक्ति प्रदम् ।
नमोर्धेन्दु स्वरूपाय नमो दिग्वसनाय च ।
नमो भक्तार्ति हन्त्रे च मम मृत्युं विनाशय ।।
अज्ञानान्धकनाशनं शुभकरं विध्यासु सौख्य प्रदम् ।
नाना भूतगणान्वितं दिवि पदै: देवै: सदा सेवितम् ।।
सर्व सर्वपति महेश्वर हरं मृत्युंजय भावये ।।

शिव स्तुति मंत्र
ऊँ नमो हिरण्यबाहवे हिरण्यवर्णाय हिरण्यरूपाय हिरण्यपतए
अंबिका पतए उमा पतए पशूपतए नमो नम:
ईशान सर्वविद्यानाम् ईश्वर सर्व भूतानाम
ब्रह्मादीपते ब्रह्मनोदिपते ब्रह्मा शिवो अस्तु सदा शिवोहम
तत्पुरुषाय विद्महे वागविशुद्धाय धिमहे तन्नो शिव प्रचोदयात
महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धिमहे तन्नों शिव प्रचोदयात
नमस्ते अस्तु भगवान विश्वेश्वराय महादेवाय त्र्यंबकाय त्रिपुरान्तकाय त्रिकाग्नी कालाय कालाग्नी
रुद्राय नीलकंठाय मृत्युंजयाय सर्वेश्वराय सदशिवाय श्रीमान महादेवाय नम:

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