हाईकोर्ट ने सेक्टर 24 की ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों की करोड़ों की देनदारी पर लगाई रोक

High Court bans liability

High Court bans liability

बाशिंदों को नहीं देनी होगी एचएसवीपी को देनदारी
सेक्टरवासी इस समाधान के लिए 2013 से लड़ाई लड़ रहे थे
हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष के प्रयासों से लोग हुए गदगद

अर्थ प्रकाश आदित्य शर्मा
पंचकूला, 12 फरवरी। High Court bans liability: 
सेक्टर 24 की ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों में रहने वाले परिवारों को अब एनहांसमेंट के लिए एचएसवीपी को कोई देनदारी नहीं देनी होगी। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एचएसवीपी द्वारा लोगों पर थोपे लाखों रुपए की देनदारी पर रोक लगा दी है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण एनहासमेंट के करोड़ों रुपए की मांग कर रहा था। अगर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सोसायटियों के बाशिंदों को बड़ी राहत दी है। एनहासमेंट की यह रकम इतनी बड़ी थी कि यहां रहने वाले प्रत्येक फ्लैट धारक को 25 से 30 लाख रूपए प्रति फ्लैट देना पड़ता। हाईकोर्ट के न्यायाधीश अरूण पल्ली और विक्रम अग्रवाल की बेंच ने फैसला सुनाया कि लोगों को एचएसवीपी को एनहांसमेंट के लिए राशि का भुगतान नहीं करना होगा। सेक्टरवासी इस समाधान के लिए 2013 से लड़ाई लड़ रहे थे और यह मामला वर्तमान में 2017 से लंबित था। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने 1989 की अधिसूचना के तहत 1997 में सेक्टर 24 और सेक्टर 28 के लिए भूमि का अधिग्रहण किया था। सेक्टर 24 में 44 एकड़ भूमि शमिल थी। इसके बाद 2011-12 में सेक्टर 24 के साथ लगती घग्गर नदी की 76 एकड़ जमीन को इस सेक्टर में शामिल कर लिया गया। इस कारण से यहां पहले से ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों को अलॉट की गई भूमि की एनहासमेंट की रकम बढ़ा दी गई। यह रकम करोड़ों रूपए की देनदारी हो गई। सेक्टर वासियों को 19 एकड़ सामान्य जमीन पर भूमि की लागत वृद्धि का भुगतान करने को कहा गया। तब प्रत्येक ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी को 6021.56 रुपए प्रति वर्ग गज की दर से पहली भूमि लागत वृद्धि जारी की गई। इस प्रकार 14,920 रूपए प्रति वर्ग गज भूमि लागत वृद्धि कर दी गई। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के नोटिस के खिलाफ सेक्टर 24 स्थित हिमप्रस्थ को-ऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी और अन्य की तरफ से वर्ष 2017 में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिका में कहा गया कि 76 एकड़ क्षेत्र को जोड़कर एनहासमेंट की रकम बनाया जाना सेक्टरवासियों के साथ अन्याय है। एचएसवीपी की ओर से 22 अगस्त 2019 को जारी नोटिस का भी हवाला दिया गया। इसमें कहा गया था कि घग्गर  नदी के संबंध में मुआवजे में वृद्धि का बोझ आवंटियों या भूखंड धारकों पर नहीं डाला जाएगा। उनकी दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने यह रकम 2255 रूपए प्रति गज निर्धारित की है।

विस स्पीकर कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे

हिमप्रस्थ को-ऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के लोग एचएसवीपी द्वारा लगाए जा रहे करोड़ों रूपए की देनदारी को लेकर हरियाणा विधान सभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता के समक्ष कई बार मांग कर चुके थे। सेक्टर 24 रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान एचडी शर्मा और  महासचिव उपेंद्र पाठक का कहना है कि गुप्ता ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के बाद सेक्टरवासियों ने विस अध्यक्ष का के प्रति हर्ष व्यक्त करते हुए उनका आभार प्रकट किया। लोगों ने कहा कि विस अध्यक्ष इस दौरान सेक्टरवासियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे।

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