Captain Amrinder singh's news update

भाजपा ने बख्शा बड़ा इनाम तो कैप्टन अमरिंदर पर क्यों उठने लगे सवाल  

captain with bjp

भाजपा ने कैप्टन को बनाया है राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य

Captain Amrinder singh : पंजाब में अपने विस्तार में जुटी भाजपा अगर पांच महीने के अंदर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल कर लेती है तो यह कैप्टन के कद को और पंजाब की राजनीति में उनके महत्व को प्रदर्शित करता है। 80 वर्षीय कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साल 2021 में कांग्रेस की अंर्तकलह के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे की वजह बने थे (Navjot singh sidhu) नवजोत सिंह सिद्धू, जिन्होंने खुद के लिए पार्टी आलाकमान को इतना मजबूर कर दिया कि जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi accpets captain Amrinder's singh resignation) से बात करनी चाही तो उन्होंने कैप्टन से बात करने तक से इनकार कर दिया। मतलब साफ था कि रास्ते अलग हो चुके हैं और कैप्टन के लिए कांग्रेस में और कुछ बाकी नहीं था। 


कैप्टन ने मुख्यमंत्री पद छोड़ा और उसके बाद कांग्रेस। उन्होंने अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का गठन किया और पंजाब विधानसभा चुनाव में उतर गए। हालांकि न वे खुद कामयाब हो सके और न ही उनकी नवोदित पार्टी। उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, उस समय ही उनकी भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं के साथ नजदीकी इसके संकेत देने लगी थी कि वे अपनी पार्टी का विलय भाजपा में कर सकते हैं, और सितंबर 2022 आते-आते कैप्टन भाजपा के हो चुके थे। हालांकि इससे पहले उनके मुख्यमंत्री रहते पंजाब कांग्रेस के प्रधान रहे (Sunil jakhar) सुनील जाखड़ भी भाजपा खेमे में आ चुके थे। जाखड़ और कैप्टन के बीच राजनीतिक रिश्ते मधुर रहे। जाखड़ प्रदेश अध्यक्ष रहते कैप्टन के साथ कदमताल करते रहे लेकिन सिद्धू की शतरंजी चाल में उन्हें भी मात मिली थी। मई 2022 में सुनील जाखड़ भाजपा में आ गए। इसके बाद बारी कैप्टन अमरिंदर सिंह की थी।

 

सुनील जाखड़ पंजाब कांग्रेस के निर्विवाद नेता रहे। हालांकि एक हिंदू होना तरक्की की राह में रोड़ा बन गया। क्योंकि कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद कांग्रेस आलाकमान जब किसी सर्वमान्य नेता की तलाश कर रहा था, तब सुनील जाखड़ का नाम प्रस्तावित था। सर्वाधिक कांग्रेस विधायकों ने उन्हें इस पद के अनुकूल पाया था, लेकिन कांग्रेस आलाकमान की नजदीकी एक महिला नेता ने उनके नाम पर ऐतराज जताया, यह कहते हुए कि एक हिंदू को पंजाब का सीएम नहीं बनाया जाना चाहिए। इस सवाल का जवाब अब किसी के पास नहीं है कि आखिर क्यों एक हिंदू पंजाब का मुख्यमंत्री नहीं हो सकता? 

 

दरअसल, कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ को भाजपा ने अगर इतना सम्मान प्रदान किया है तो यह न केवल कांग्रेस बल्कि उनके विरोधियों को भी खल रहा है। सोशल मीडिया पर कैप्टन अमरिंदर सिंह के संबंध में जो कमेंट किए गए हैं, वे बेहद निम्न दर्जे के हैं और किसी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन करने वाले हैं। ये कमेंट तब किए गए हैं, जब कैप्टन ने खुद को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किए जाने पर पार्टी नेतृत्व का आभार जताया। 
 

 ट्विटर पर प्रवीण शर्मा कैप्टन अमरिंदर और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कमेंट करते हुए लिखते हैं-

दो महाराजा... जो कांग्रेस में भी राजा की तरह रहे, अब एक फेंकू के यहां 2 कौड़ी के दरबारी बन गए हैं...***

 

वहीं यू रविंद्रा पैदियार कैप्टन के समर्थन में लिखते हैं-
सर, आप इसके अधिकारी हैं। मैंने आपसे बड़ा कोई राष्ट्रवादी नहीं देखा, जिसके लिए राष्ट्र प्रथम हो। आप चाहे कांग्रेस में रहे या फिर भाजपा में, देश आपको सैल्यूट करता है। अगर आप बॉर्डर राज्य पंजाब के सीएम बने रहते तो आज हम ऐसे हालात नहीं देख रहे होते। पंजाब के लोग इसके लिए पछता रहे हैं।

 

वहीं संजय करण लिखते हैं...
मोदी का पालतू बनने का इनाम...बधाई

 

आशीष लिखते हैं...
क्या दिन देखना पड़ रहा है, आपको। कांग्रेस में शान थी, इधर, एक स्टूल की तरह बना दिया, जोकि चपरासी की तरह होता है।

 

वहीं नवीन जैन कहते हैं...
न बीजेपी को आपको पार्टी में ले के फायदा होगा, न आपको बीजेपी में जाने का। उल्टा बीजेपी के पंजाब के पुराने वर्कर इससे नाराज हो जाएंगे। अगर फायदा होगा तो बस इसी बात का की आपके घर ईडी या सीबीआई वाले नहीं आएंगे। खैर आप लोग अंदर-बाहर का खेल खेलते रहो, इधर आप अपना जनाधार बढ़ा रही है।

 

राम श्रीवास्तव का ट्वीट है...
हैरानी है, शर्मिंदा होने के बजाय आपको इस पर खुशी हो रही है। आर्मी से हो, आपने कांग्रेस में दशकों तक फायदा उठाया और अब अचानक...
कम ही कहा जाए तो बेहतर है।
विचारधारा, सिद्धांत, नीति के बारे में क्या? 
या
जो बस आपको सत्ता की शक्ति दे
यह है देश के लिए काम करना!

 

2024 के चुनाव पंजाब के लिए होंगे खास

2024 के लोकसभा चुनाव पंजाब में भाजपा के लिए बेहद खास रहने वाले हैं। विधानसभा चुनाव में अपने बलबूते उतरी पार्टी की स्थिति कांग्रेस के मुकाबले कहीं बेहतर रही थी। अब जब प्रदेश में आप की सरकार है, वहीं कांग्रेस के ज्यादातर बड़े नेता भाजपा में आ चुके हैं तो कांग्रेस के सामने नेतृत्व का संकट भी पैदा हो गया है। अब बेशक नवजोत सिंह सिद्धू की रिहाई की चर्चा है लेकिन वापस लौटने के बाद पंजाब की जनता उन्हें कितना स्वीकार करेगी, यह देखने वाली बात होगी। कृषि कानूनों के विरोध के चलते भाजपा से अलग हुई शिअद भी पछता रही है और लोकसभा चुनाव में फिर भाजपा की तरफ उसकी राहें खुल सकती हैं। ऐसे में कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़ और दूसरे उन नेताओं जोकि कांग्रेस से आए हैं, को भाजपा ने अहम पदों पर नियुक्त कर दिया है। इस समय पंजाब भाजपा की राज्य और राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 18 सिख चेहरे हैं। पार्टी ने पंजाब में सिख चेहरों को ही आगे रखा है, जोकि रणनीति का हिस्सा है। इससे पहले राज्य में भाजपा का लक्ष्य हिंदू समाज की अग्रणी बनने का था। 

 

भाजपा लड़ेगी कैप्टन, जाखड़ के बूते
भाजपा ने राष्ट्रीय संगठनात्मक ढांचे में पहली बार पंजाब के 6 दिग्गजों को जगह प्रदान की है। इनमें कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व सांसद सुनील जाखड़ सबसे बड़े चेहरे बनकर उभरे हैं। पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पूर्व मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया व अमनजोत कौर रामूवालिया को भी सदस्य बनाया है। इसके अलावा कांग्रेस से आए जयवीर शेरगिल भी राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाए गए हैं। शेरगिल कांग्रेस में भी प्रवक्ता की भूमिका में थे। 

 

पार्टी का पुराना काडर सकते में
भाजपा नेतृत्व ने कांग्रेस से आए नेताओं को अपने यहां बड़े सम्मान से नवाज दिया है, लेकिन इस कदम से पार्टी के पुराने नेता सकते में हैं। उनका कहना है कि अब तो भाजपा का कांग्रेसमय करण हो गया है। नीचे से लेकर ऊपर तक हर जगह कांग्रेस नेताओं को ही जगह दी गई है। गौरतलब है कि पंजाब भाजपा ने दूसरी पार्टियों के नेताओं को समायोजित करने के लिए अपने यहां पदों की संख्या बढ़ा दी है। पहले जहां 7 उपप्रधान होते थे वहीं अब इनकी संख्या 11 हो गई है। हैरानी इसकी है कि पार्टी ने अपने काडर के सिर्फ 3 लोगों को जगह दी है। ऐसे में भाजपा के अंदर उन काडर आधारित नेताओं की नाराजगी बढ़ती जा रही है, जोकि वर्षों से इससे जुड़े हैं और उसे आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे रहे हैं।