इंदिरा गांधी को गिरफ्तार करने वाले पूर्व सीबीआई ऑफिसर का निधन, जानिए कौन थे एनके सिंह?

Former CBI officer NK Singh Passes Away

Former CBI officer NK Singh Passes Away

मधेपुरा: Former CBI officer NK Singh Passes Away: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को गिरफ्तार करने वाले पूर्व सीबीआई ऑफिसर एनके सिंह (निर्मल कुमार सिंह) का रविवार की रात 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. दिल्ली स्थित एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. उन्हें दिल्ली में ही पंचतत्व में विलीन किया गया. वो मधेपुरा जिले के कुमारखंड के रहने वाले थे, जहां पर अब उनका स्टाफ रहता है.

ब्रेन हेमरेज से हुआ निधन: परिजनों के अनुसार पूर्व सीबीआई अधिकारी निर्मल कुमार सिंह उर्फ एनके सिंह (88) का निधन ब्रेन हेमरेज से हुआ है. दो दिन पहले 4 अक्टूबर को दिल्ली में टहलने के दौरान सड़क पर गिरने से उन्हें सिर पर गंभीर चोट लग गई थी. इसके बाद रविवार को सुबह तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां रविवार की रात उन्होंने अंतिम सांस ली.

पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को किया था गिरफ्तार: तीन अक्टूबर 1977 को उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था. उस समय केंद्र में मोरारजी देसाई की सरकार थी. गिरफ्तारी का आधार 1977 के आम चुनाव में रायबरेली के दौरान 100 जीपों की खरीद और एक फ्रांसीसी कंपनी को अनुबंध देने से हुए 11 करोड़ रुपए के राजस्व नुकसान को बनाया गया था.

सेवानिवृत्ति के बाद राजनीति से जुड़े: एनके सिंह 1961 बैच के आईपीएस अधिकारी थे. उन्होंने अपने करियर में दिल्ली के डीजीपी और सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर के रूप में भी कार्य किया है. वो वर्ष 1994 में आईएएस अधिकारी (सीबीआई में जॉइंट डायरेक्टर और दिल्ली के पुलिस महानिदेशक) के पद से रिटायर्ड हुए थे. सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और समता पार्टी और बाद में जदयू से जुड़े रहे. समता पार्टी से उन्होंने मधेपुरा लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था.

पंडित जवाहरलाल नेहरू से थे प्रभावित: सेवानिवृत्ति के बाद एनके सिंह ने खारा सच, द प्लेन ट्रुथ और हॉल ट्रुथ नामक तीन पुस्तकें भी लिखीं. द प्लेन ट्रुथ में उन्होंने सीबीआई में अपने अनुभव साझा किए हैं, जबकि हॉल ट्रुथ में अपनी जीवन यात्रा का वर्णन किया है. उन्होंने अपनी आत्मकथा में लिखा कि उनके जीवन पर दो व्यक्ति पंडित जवाहरलाल नेहरू और जमुई के स्वतंत्रता सेनानी श्याम प्रसाद सिंह का गहरा प्रभाव रहा.

छठ पर आने की कहकर गए थे बात: एनके सिंह हर साल दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ पर्व के अलावा और भी मौके पर गांव आते थे. वो इस साल छह जून को चचेरे भाई प्रेम शंकर सिंह की बरसीं में अंतिम बार गांव आए थे. गांव से वापस जाने के दौरान कहकर गए थे कि अब छठ पर्व में आऊंगा, लेकिन अब वह कभी गांव नहीं आएंगे. एनके सिंह की पत्नी का निधन लगभग दस साल पहले हो चुका है, जबकि बेटे पप्पू कुमार सिंह की भी सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई है. वर्तमान में एनके सिंह अपने बेटे प्रदीप कुमार सिंह, बहू और नाती-नातीन के साथ दिल्ली में रहते थे.

पूरा परिवार था शिक्षित: एनके सिंह का परिवार शैक्षणिक परिवार है. उनके पिता सुरेश नारायण सिंह जमींदार और कोर्ट में मुख्तार थे. एनके सिंह के घर में दो आईएएस अधिकारी रह चुके हैं. एनके सिंह चार भाई थे और एक बहन. छोटे भाई बीके सिंह (बिमल कुमार सिंह) का एक महीना पहले ही निधन हुआ था. बीके सिंह से छोटे भाई कमल कुमार सिंह का 90 साल की उम्र में ही निधन हो गया था. बीके सिंह पश्चिम बंगाल के डीजीपी से रिटायर्ड अफसर थे. फिलहाल सबसे छोटे भाई सुशील कुमार सिंह और बहन शैल देवी स्वस्थ हैं.

''एनके सिंह हमेशा लोगों की मदद किया करते थे. सभी के सुख-दुख में साथ रहते थे. कॉल करके सभी से हाल जाना करते थे. एक महीने पहले ही अपने छोटे भाई बीके सिंह के निधन से वह बहुत टूट चुके थे. कहा करते थे कि मैने लक्ष्मण जैसे भाई को खो दिया है''. -अशोक कुमार सिंह, -एनके सिंह के चचेरे भाई