विशाल हृदय सम्राट, श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी : जयराम

विशाल हृदय सम्राट, श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी : जयराम

Atal Bihari Vajpayee Jayanti

Atal Bihari Vajpayee Jayanti

शिमला, Atal Bihari Vajpayee Jayanti: भाजपा श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन को सुशासन दिवस(good governance day) के रूप में मनाती है इस उपलक्ष में पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर(Former Chief Minister Jairam Thakur), भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना,मंगल पांडे, सतपाल सत्ती विपिन परमार, रणधीर शर्मा,त्रिलोक जम्वाल, राकेश जम्वाल और अन्य भाजपा दिग्गज नेताओं ने रिज मैदान पर अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वाजपेयी जी ने अपने पूरे जीवन में शांति ,अस्तित्व, करुणा, समानता न्याय और बंधुत्व के आदर्शों का पालन किया अटल बिहारी वाजपेयी एक कवि ,लेखक, पत्रकार ,राजनेता, स्वतंत्रता सेनानी और दूरदर्शी व बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे । वह एक सच्चे राष्ट्रवादी थे और हमेशा राष्ट्रहित के लिए दलगत राजनीति से ऊंचे विचार रखते थे, वे चाहे सत्ता में रहे हो या विपक्ष में वह राष्ट्रहित के लिए सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते थे इसलिए उन्होंने भारतीय राजनीति का "अजातशत्रु" भी कहा जाता है। वास्तव में विशाल हृदय सम्राट, जननायक ने राजनीति में दृढ़ता व आदर्शों के साथ सम्मान प्राप्त किया।

Atal Bihari Vajpayee Jayanti

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा अटल बिहारी वाजपेयी जी 1932 में बहुत कम उम्र में ही भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों से प्रभावित होकर आरएसएस में शामिल हो गए और 1974 में प्रचारक बन गए। 1951 में वे भारतीय जनसंघ के सदस्य बनकर औपचारिक रूप से राजनीति में शामिल हुए, उन्होंने 1957 में पहले बार लोकसभा चुनाव लड़ा और बलरामपुर से निर्वाचित हुए। उसके बाद राजनीति के क्षेत्र में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सांसद में उनकी जीवंत और अर्थमयी तर्क-वितर्क और चर्चा से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने भविष्यवाणी की थी "वाजपेयी जी एक दिन देश के प्रधानमंत्री बनेंगे", 1980 में वे भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष बने।

Atal Bihari Vajpayee Jayanti

भाजपा नेताओं ने कहा आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी सुशासन के माध्यम से वाजपेयी जी के दृष्टिकोण को तार्किक निष्कर्ष पर ले जा रहे हैं ताकि कोई भी पीछे ना रहे और आत्मनिर्भर भारत का सपना जल्द से जल्द साकार हो सके । आज देश आजादी के 75 वर्षों को आजादी के अमृत काल के रूप में मना रहा है , वाजपेयी जी का सुशासन मंत्र जो अखंडता पर आधारित है जाति, धर्म, लिंग, विचारधारा और सामाजिक आर्थिक स्थिति की विविधता के साथ आगे बढ़ते हुए गरीब पिछड़े वंचित और अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को समान अवसर प्रदान कर रहा है देश आज उनकी जयंती को राष्ट्रीय सुशासन दिवस के रूप में मना रहा है।

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