पोषण माह के अंतर्गत ब्लाक सीतो गुंनो में जागरूकता मुहिम शुरू

पोषण माह के अंतर्गत ब्लाक सीतो गुंनो में जागरूकता मुहिम शुरू

Awareness Campaign

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फास्ट फूड नही, पोष्टिक आहार है सबसे महत्वपूर्ण- डॉ. नवीन मित्तल

पोषण माह में ब्लाक की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में पौष्टिकता के बारे में किया जा रहा है जागरुक: ब्लॉक एजुकेटर सुनील टंडन

Awareness Campaign: सीएचसी सीतो गुंनो के अंतर्गत आते विभिन्न गांवो में ममता दिवस व स्पेशल कैम्प लगा कर गर्भवती महिलाओ को पोषण माह के तहत  1   से 7 सितंबर तक सही खान-पान के बारे में  जागरूक किया जा रहा है उक्त बात आज हैल्थ एंड वैलनेस सेंटरो में आयोजित किये जा रहे के संबंध में ब्लॉक मास मीडिया इंचार्ज सुनील टंडन ने कही। 

उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन फाज़िलका डॉ. सतीश गोयल के दिशा निर्देशों अनुसार राष्ट्रीय पोषण माह ( सितंबर 2023) के सन्दर्भ में ब्लाक सीतो गुंनो के अन्तर्गत आते सभी हैल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में ख़ासकर गर्भवती व छोटे बच्चों की महिलाओं को उनका सही ख़ानपान के प्रति जागरूक किया जा रहा है  इस श्रृंखला में आज हेल्थ सेंटर रामपुरा नारायणपुर, और बाज़ीदपुर भोमा में स्टाफ द्वारा लोगो को बताया  कि पोष्टिक आहार हमारी शारीरिक और मानसिक वृद्धि के लिए बहुत जरूरी है। अगर हमारे खाने में कार्बोहाइड्रेट, खनिज, प्रोटीन, विटामिन और फाइबर प्राप्त मात्रा में है तो हमारा खाना पोष्टिक खाना है। पर आजकल फास्ट फूड ने हमारे खाने का सारा तरीका ही बदल दिया है। 

सी एच ओ पंकज और फतेह सिंह ने कहा कि आज हम ज्यादातर सिर्फ स्वाद को सामने रख कर खाना खाते हैं। पौष्टिकता का कहीं नामों निशान नहीं होता। इसी लिए आज प्लेट तो भरी दिखाई देती है पर उसमें पौष्टिकता कहीं नहीं होती। सब से बेहतर खाने पीने के लिए कुदरत ने हमे हमारे आस-पास ही दे दिया है। भाव लोकल जो खाना उपलब्ध है वही हमारे लिए स्वास्थ्यवर्धक है। उन्होंने बताया कि इस माह में ब्लाक की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में गर्भवती महिलाओं, बच्चों को दूध पिलाने वाली माताओं, किशोरों और बच्चों को पौष्टिकता के बारे में जागरुक किया जा रहा है।इस दौरान सभी गांवो में ममता दिवस पर गर्भवती औरतों को 9 महीनों के दौरान अपने सही खान पान जैसे हरी सब्जियां, सलाद , गुड़, फ्रूट आदि के बारे में बताया गया। सब सेंटर पर कार्यरत एएनएम स्टाफ द्वारा लगातार गर्भवती औरतों के साथ तालमेल रहता है। जिसमे शुरू के तीन महीनों में हल्का भोजन व तरल पर्दाथ की अधिकता ज्यादा रहती है। उसके बाद अगले 6 महीनों में पेट मे पल रहे बच्चे के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए पोस्टिक भोजन की जरूरत ज्यादा रहती है ।इस अवसर पर हैल्थ वर्कर दविंदर कौर,भागवंती,राज कुमार रामपुरा और समूह आशा वर्कर एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रहे

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