सिख बंदी गुरमीत सिंह इंजीनियर की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए आप सरकार प्रतिकूल रिपोर्ट वापिस ले : शिरोमणी अकाली दल

सिख बंदी गुरमीत सिंह इंजीनियर की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए आप सरकार प्रतिकूल रिपोर्ट वापिस ले : शिरोमणी अकाली दल

Akali Dal Questions AAP govt

Akali Dal Questions AAP govt

मुख्यमंत्री भगवंत मान बताएं कि उन्होने बंदी सिंहों की रिहाई के खिलाफ रूख क्यों अपनाया 

अमृतसर/23नवंबर: Akali Dal Questions AAP govt : शिरोमणी अकाली दल ने आज आम आदमी पार्टी सरकार से सिख बंदी गुरमीत सिंह इंजीनियर(Sikh prisoner Gurmeet Singh Engineer) की रिहाई का विरोध करते हुए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय(Punjab and Haryana High Court) को सौंपी गई प्रतिकूल रिपोर्ट वापिस लेने की मांग(Demand to withdraw adverse report) की, जो पहले ही 27 साल जेल में काट चुका है।

यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए वरिष्ठ नेता सरदार विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप पार्टी की सरकार ने गुरमीत सिंह की रिहाई का यह कहते हुए विरोध करते हुए कहा कि इससे देश में शांति भंग होगी। उन्होने कहा, ‘‘ यहां तक कि  यह रिपोर्ट पटियाला के डिप्टी कमिशनर द्वारा एक साल की अवधि में तेरह रिमाइंडर के बाद प्रस्तुत की गई’’।

 सरदार वल्टोहा ने  मुख्यमंत्री भगवंत मान से पूछा  कि उनकी सरकार ने बंदी सिंहों की रिहाई के खिलाफ रूख क्यों अपनाया हुआ है। उन्होने कहा, ‘‘ गुरमीत सिंह पिछले दस सालों से पैरोल दी गई तथा उनके खिलाफ कोई भी शिकायत लंबित नही है। उनके अच्छे आचरण का  रिकॉर्ड है। उन्होने कहा कि इस बात का दावा करने का कोई आधार नही कि उनकी रिहाई से  राज्य में शांति भंग होगी’’।

शिरोमणी अकाली दल अन्याय के खिलाफ लड़ता रहेगा

शिरोमणी अकाली दल अन्याय के खिलाफ लड़ता रहेगा कहते हुए वरिष्ठ अकाली नेता ने कहा कि ‘‘ गुरमीत सिंह 27 साल से जेल में बंद हैं और उसका मामला रिहाई के लिए उपयुक्त है’’। उन्होने गुरदीप सिंह खैरा, देवेंद्रपाल सिंह भुल्लर, लखविंदर सिंह लक्खा और शमशेर सिंह शेरा सहित चार और सिख बंदियों का भी उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हे पिछले पांच साल से पैरोल दी गई  और कहा कि भाई जगतार सिंह हवारा  के साथ भाई जगतार सिंह तारा और परमजीत सिंह भिओरा को  रिहा किया जाना चाहिए।

सभी सिख बंदियों की तत्काली रिहाई की मांग

वरिष्ठ अकाली नेता ने भाई बलंवत सिंह राजोआणा और देवेंदपाल सिंह भुल्लर सहित सभी सिख बंदियों की तत्काली रिहाई की मांग की। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले भाई राजोआणा के मामले में अपनी रिपोर्ट दाखिल करने में देरी की थी, अब उसने प्रतिकूल रिपोर्ट दी है। उन्होने कहा कि इसी तरह अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली दिल्ली की आप सरकार पिछले आठ महीनों से भाई देवेंद्रपाल सिंह भुल्लर की रिहाई के आदेशों पर हस्ताक्षर नही कर रही है। उन्होने कहा कि यह इस तथ्य के बावजूद किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने 2019 में श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर भाई राजोआणा की मौत की सजा को कम करने के अलावा आजीवन कारावास की सजा काट रहे सभी सिख बंदियों को रिहा करने का फैसला किया था। उन्होने कहा ,‘‘  सजा पूरी कर चुके बंदियों को रिहा न करना उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन करने जैसा है’’।

अकाली नेता ने यह भी मांग की कि सिख समुदाय और अन्य से संबंधित मामलों से निपटने में दोहरे मापदंड नही होने चाहिए। उन्होने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को भी रिहा कर दिया गया और यहां तक कि बिलकिस बानो के बलात्कारी , जो रिहा करने के लायक भी नही थे, उन्हे भी रिहा कर दिया गया , लेकिन सिख बंदियों को  अपनी उम्रकैद की सजा पूरी करने के बाद भी 27 साल से अधिक समय से जेल में रखा जा रहा है।।

यह पढ़ें:

यह पढ़ें: