आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang), 4 अक्टूबर 2025 : आज पद्मनाथ द्वादशी प्रदोष व्रत, जानें पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

Aaj ka Panchang 4 October 2025

Aaj ka Panchang 4 October 2025

Aaj ka Panchang 4 October 2025: शनि प्रदोष व्रत शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त करने का एक पावन अवसर है। यह व्रत प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की प्रदोष तिथि को होता है और विशेष रूप से शनिवार के दिन किया जाता है।

इस दिन भक्त शनि देव की उपासना कर उनके सामने दीपक जलाते हैं, सोना, तिल और काले वस्त्र अर्पित करते हैं। शनि प्रदोष व्रत करने से जीवन के कष्ट, ऋण और बाधाओं में कमी आती है तथा शनिदेव की दीर्घकालीन कृपा प्राप्त होती है।

आज का  पंचांग (Panchang 4 October 2025)

आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि - शाम 5 बजकर 9 मिनट तक

शूल योग - शाम 7 बजकर 27 मिनट तक

करण -

बालव - शाम 5 बजकर 9 मिनट तक

कौलव - प्रातः 4 बजकर 11 मिनट तक (5 अक्टूबर)

वार - शनिवार

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 6 बजकर 16 मिनट से

सूर्यास्त - शाम 6 बजकर 3 मिनट पर

चंद्रोदय - शाम 4 बजकर 21 मिनट पर

चंद्रास्त - प्रातः 4 बजकर 3 मिनट पर (5 अक्टूबर)

सूर्य राशि - कन्या

चंद्र राशि - कुंभ

आज के शुभ मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक

अमृत काल - देर रात 1 बजकर 9 मिनट से रात 2 बजकर 41 मिनट तक

आज का अशुभ समय

राहुकाल - सुबह 9 बजकर 13 मिनट से दोपहर 10 बजकर 41 मिनट तक

गुलिक काल - सुबह 6 बजकर 16 मिनट से सुबह 7 बजकर 44 मिनट तक

यमगण्ड - दोपहर 1 बजकर 38 मिनट से दोपहर 3 बजकर 7 मिनट तक

आज का नक्षत्र

आज चंद्रदेव धनिष्ठा  नक्षत्र में रहेंगे…

धनिष्ठा नक्षत्र - सुबह 9 बजकर 9 मिनट तक

सामान्य विशेषताएं: आत्मविश्वासी, शक्तिशाली, धैर्यवान, परिश्रमी, प्रसिद्धि, सौंदर्य, धन, कलात्मक प्रतिभा, स्वतंत्र स्वभाव, स्वार्थी, लालची, क्रोधी, विश्वसनीय और दानशील

नक्षत्र स्वामी: मंगल देव

राशि स्वामी: शनि देव

देवता: आठ वसु (भौतिक समृद्धि के देवता)

प्रतीक: ढोल या बांसुरी

आज का व्रत और त्योहार - शनि प्रदोष व्रत

त्रयोदशी अवधि-

त्रयोदशी तिथि प्रारंभ – 4 अक्टूबर शाम 5 बजकर 9 मिनट से

त्रयोदशी तिथि समाप्त – 5 अक्टूबर दोपहर 3 बजकर 3 मिनट पर

व्रत की विधि -

  • व्रती प्रातःकाल शुद्ध होकर स्नान करें।
  • घर के पूजा स्थल को स्वच्छ करके शनि देव की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  • काले वस्त्र, तिल, काले उड़द या काले फूल शनि देव को अर्पित करें।
  • दीपक जलाकर शनि देव का ध्यान और मंत्र जाप करें।
  • व्रत के दिन साधारणतः सात्विक भोजन करें और कष्टकर कर्म या झूठ से दूर रहें।
  • यदि संभव हो तो शनि मंदिर में जाकर दर्शन और प्रसाद अर्पित करें।
  • व्रत की पूर्ण श्रद्धा से पूजा करने पर शनिदेव की कृपा से जीवन में बाधाओं और परेशानियों में कमी आती है, तथा मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है।