Terrorist Arrestet: ट्रेनिंग के लिए आतंकी नदीम को भेजी गई थी 70 पेज की पीडीएफ फाइल, उर्दू भाषा बनी बाधा

Terrorist Arrestet: ट्रेनिंग के लिए आतंकी नदीम को भेजी गई थी 70 पेज की पीडीएफ फाइल, उर्दू भाषा बनी बाधा

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Terrorist Arrestet: ट्रेनिंग के लिए आतंकी नदीम को भेजी गई थी 70 पेज की पीडीएफ फाइल, उर्दू भाषा बनी ब

Terrorist Arrestet: जैश-ए-मुहम्मद(Jaish-e-Muhammad) और तहरीक-ए-तालिबान(Tehreek-e-Taliban) के संपर्क में रहे मोहम्मद नदीम के फोन से बरामद हुई 70 पेज की पीडीएफ फाइल में आतंक फैलाने का तरीका बताया गया है। इस पीडीएफ फाइल में बारूद इक्कठा करने से लेकर फिदायीन हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। एटीएस(ATS) के हाथ ऐसे कई अहम सुराग लगे हैं, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। कोतवाली गंगोह क्षेत्र के गांव कुंडाकला निवासी नदीम को आतंकियों ने पीडीएफ फाइल(PDF File) भेजकर कहा था कि वह पीडीएफ फाइल में दिए गए निर्देशों को पूरा करे। इसके बाद वह फिदायीन हमले के लिए तैयार हो जाएगा और उसे पाकिस्तान बुलाकर विशेष ट्रेनिंग भी दी जाएगी। उसे यह भी बताया जाएगा कि किन-किन जगहों पर कैसे हमले करने हैं। फिलहाल नुपुर शर्मा(Nupur Sharma) की हत्या का टॉस्क नदीम को आतंकी संगठनों के आकाओं ने दिया था। 

आतंक फैलाना था मकसद 

नदीम(Nadeem) का मकसद देश में आतंक फैलाना था। वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के आतंकियों के इशारे पर ही काम कर रहा था। बीते चार सालों से वह देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त था, लेकिन इसकी भनक उसने अपने गांव में रहने वाले साथियों तक को नहीं लगने दी। एटीएस ने उसके भाई तैमूर को भी शक के आधार पर हिरासत में लिया था, लेकिन उसे बाद में छोड़ दिया गया। 

किसी से मतलब नहीं रखता था नदीम

गांव कुंडाकला निवासी नदीम के जैश-ए-मुहम्मद(Jaish-e-Muhammad) और तहरीक-ए-तालिबान(Tehreek-e-Taliban) के आतंकियों के संपर्क होने का खुलासा होने पर ग्रामीण भी हैरान हैं। नदीम के मामले को लेकर गांव में जगह-जगह चर्चाओं का बाजार गर्म है। ग्रामीण बताते हैं कि नदीम किसी से ज्यादा मतलब नहीं रखता था। वह खेत पर काम में या फिर मोबाइल फोन में व्यस्त रहता था।

कोतवाली गंगोह क्षेत्र के गांव कुंडाकला निवासी नफीस के दो बेटों नदीम और तैमूर को एटीएस के उठाने और उसके बाद उनमें से नदीम के आतंकी संगठनों से जुड़े होने का खुलासा होने के बाद ग्रामीणों में भी तरह-तरह की चर्चाएं हैं। ग्रामीण नदीम के बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहते। ग्राम प्रधान गुलफाम, पड़ोसी बुद्धू ने बताया की वह नदीम काम से काम रखता था। हालांकि, उसको अक्सर मोबाइल फोन में ज्यादा व्यस्त देखा गया।

नदीम के मामले का खुलासा होने पर ग्रामीणों का उसके घर पर तांता लगा रहा। ग्रामीणों के जहन में भी अनेक सवाल खड़े हो रहे हैं। कोई ग्रामीण कहता है कि वह सीधा-साधा लड़का था, लेकिन उसके संपर्क आतंकियों से कैसे हो गए, इसका उन्हें भी यकीन नहीं हो रहा है