18 साल पूर्व दस्यु सुंदरी सरला जाटव इटावा जेल से आईं बाहर, अपहरण में हुई थी सजा, हाईकोर्ट ने मंजूर की जमानत

18 साल पूर्व दस्यु सुंदरी सरला जाटव इटावा जेल से आईं बाहर, अपहरण में हुई थी सजा, हाईकोर्ट ने मंजूर की जमानत

18 साल पूर्व दस्यु सुंदरी सरला जाटव इटावा जेल से आईं बाहर

18 साल पूर्व दस्यु सुंदरी सरला जाटव इटावा जेल से आईं बाहर, अपहरण में हुई थी सजा, हाईकोर्ट ने मंजूर क

निर्भय गुर्जर के दत्तक पुत्र श्याम जाटव की पत्नी और पूर्व दस्यु सुंदरी सरला जाटव हाईकोर्ट से मिली जमानत के बाद शुक्रवार शाम जेल से रिहा हो गई है। वह 2005 से इटावा जेल में बंद थी। 17 साल बाद वह जेल से बाहर आई है। वहीं, श्याम जाटव अभी भी जेल में बंद है।

सरला जाटव पर हत्या, अपहरण, डकैती जैसे कई संगीन मामले दर्ज थे। मुठभेड़ के बाद इटावा पुलिस ने उसे 2005 में गिरफ्तार किया था। बाद में इटावा कोर्ट से उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। तब से सरला जेल में थी। सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में सरला की ओर से अपील की गई।
इस पर कोर्ट ने उसकी जमानत मंजूर करते हुए रिहाई के आदेश दे दिए। शुक्रवार को आदेश इटावा जिला जेल पहुंचे तो शाम को सरला जाटव को रिहा कर दिया गया। जेल से रिहा होने पर परिजन सरला को लेने जेल पहुंचे, जिनके साथ वह घर चली गई।

मिली जानकारी के अनुसार, कुख्यात डाकू निर्भय गुर्जर ने श्याम जाटव का दिल्ली से अपहरण किया था और बाद में उसे अपना दत्तक पुत्र बना लिया था। निर्भय गुर्जर ने श्याम की शादी जनपद औरेया के अयानशाह थानाक्षेत्र के गंगादासपुरा गांव निवासी सरला जाटव से कराई थी।

पुलिस टीम पर किया था जानलेवा हमला

शादी के बाद सरला जाटव भी निर्भय गुर्जर के गिरोह की सक्रिय सदस्य बन गई। श्याम और सरला निर्भय गुर्जर के सबसे वफादार थे और गिरोह को भी वहीं चलाते रहे। गिरोह का सदस्य रहते हुए सरला जाटव ने सहसो थानाक्षेत्र में पुलिस टीम पर हमला बोला था।

छह किसानों के सामुहिक अपहरण का मामला

इस दौरान गांव का एक राशन डीलर की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद सरला ने सहसो गांव से ही एक साथ छह किसानों का सामूहिक अपहरण कर लिया था, जिसके बाद वह पुलिस की नजर में आई थी। इसके बाद ही पुलिस ने मुठभेड़ में उसे गिरफ्तार किया था।

कई मामलों में हो चुकी है सजा

सरला जाटव को कई अलग-अलग मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। साल 2005 में सरला को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद पकड़ा था। तब उसे इटावा जेल की महिला बैरक में रखा गया था। सरला को पुलिस मुठभेड़ के एक 12 साल पुराने मामले में पांच साल की सजा और आठ हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई थी।

ब्रांडेड और महंगे कपड़ों और चश्मों का था शौक

मिली जानकारी के अनुसार, सरला जाटव कम उम्र में ही बंदूक के कारतूस को कमर में लगाकर घूमती थी। श्याम जाटव से शादी के बाद से ही उसका भी चंबल में बोलबाला हो गया। कुछ घटनाओं में उसका नाम आते ही पुलिस की लिस्ट में वो भी वॉन्टेड हो गई। उसे ब्रांडेड चश्मे और जींस-टीशर्ट की काफी शौक था। साथ ही, खाकी वर्दी, डार्क लिपिस्टिक, माथे पर बिंदी और हाथों में चूड़ियां पहनना भी खूब पसंद था।