दीपों की रौशनी में नहाई अयोध्या, मुख्यमंत्री योगी ने खींचा प्रभु श्रीराम का रथ
Ayodhya Deepotsav 2025
Ayodhya Deepotsav 2025: दीपों की अनगिनत पंक्तियों से सजी अयोध्या रविवार की शाम ऐसी दमक उठी मानो स्वयं त्रेता युग धरती पर उतर आया हो. रामकथा पार्क में प्रभु श्रीराम और माता सीता के अवतरण और राज्याभिषेक का भव्य दृश्य लाखों श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय बन गया. जैसे ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभु श्रीराम के रथ को खींचना शुरू किया, पूरा पार्क जय श्रीराम के गगनभेदी नारों से गूंज उठा. सीएम योगी के नेतृत्व में 9वें दीपोत्सव में संतों ने राम दरबार पर पुष्प वर्षा की. इसके बाद मुख्यमंत्री ने संतों का वस्त्र एवं माल्यार्पण कर स्वागत किया. इसके पहले पुष्पक विमान उतरते ही श्रद्धालु जय श्रीराम का उद्घोष करते नजर आए.
राज्याभिषेक से झलका त्रेता युग
पुष्पवर्षा और वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच जब मुख्यमंत्री ने गुरु वशिष्ठ के साथ भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न व हनुमान का पूजन और वंदन किया तो साक्षात त्रेता युग का आभास हुआ. स्वर्ण सिंहासन, रथ, अश्व और सुसज्जित राजसभा ने त्रेता कालीन रामराज्य को सजीव कर दिया. सीएम योगी ने सबसे पहले राम, लक्ष्मण, मां सीता और हनुमान जी को माला पहनाई. आगे-आगे राम, उनके पीछे माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान रथ पर सवार हुए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं रथ को खींचकर आगे बढ़ाया. संतों ने भी उनका सहयोग किया. इसके बाद श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, हनुमान सीएम योगी के साथ-साथ आगे बढ़े. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान श्रीराम की आरती की, फिर प्रतीकात्मक राज्याभिषेक कर उनका आशीर्वाद लिया. इसके बाद कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जयवीर सिंह और राकेश सचान ने मंच पर पहुंचकर राम दरबार का पूजन और अर्चन किया. इस दौरान राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के साथ संत, महंत, जनप्रतिनिधि और भाजपा पदाधिकारी मौजूद रहे.
दीपों से झिलमिलाई रामनगरी
रामकथा पार्क से लेकर राम की पैड़ी, धर्मपथ, लता चौक और हनुमानगढ़ी तक दीपों की पंक्तियां ऐसे झिलमिला उठीं कि पूरा नगर दिव्य आलोक में नहा गया. हर गली, हर घाट, हर भवन जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज रहा था. श्रद्धालु दीप जलाते, भक्ति गीत गाते और इस दृश्य को अपने कैमरों में कैद करते दिखे.
विश्व के सामने अयोध्या मॉडल
दीपोत्सव 2025 ने न केवल रिकॉर्ड बनाया, बल्कि अयोध्या मॉडल के रूप में एक नया मानक भी स्थापित किया. यहां सुरक्षा, स्वच्छता और अनुशासन के बीच आस्था, संस्कृति और आधुनिकता का सुंदर समन्वय दिखाई दिया.
लगा जैसे देवता स्वयं अयोध्या को सजाने उतर आए हों
दीपों से जब पूरा अयोध्या आलोकित हुई तो लगा जैसे देवता स्वयं अयोध्या को सजाने उतर आए हों. रामकथा पार्क से लेकर सरयू तट तक फैला यह दृश्य वर्षों तक स्मृतियों में अंकित रहेगा. दीपोत्सव 2025 ने यह सिद्ध कर दिया कि अयोध्या केवल एक नगर नहीं, बल्कि जीवंत आस्था की ज्योति है, जो सदा मानवता के पथ को प्रकाशित करती रहेगी.
भरत मिलाप का दृश्य बना भावविह्वल क्षण
कार्यक्रम का सबसे भावनात्मक पल तब आया जब भरत मिलाप का मंचन हुआ. चरणों में गिरते ही श्रीराम ने भरत को गले लगा लिया. क्षण भर को सभी श्रद्धालु स्तब्ध रह गए और फिर जय श्रीराम के जयकारों से पूरा सरयू तट भक्ति से सराबोर हो गया. श्रद्धालु भावविह्वल होकर नयनों से आंसुओं की धार बहाते दिखे. ऐसा लगा मानो रामायण का दृश्य प्रत्यक्ष हो उठा हो.