बुजुर्ग सास को अकेले छोड़कर अधिकारी से कर ली शादी, पति की नौकरी मिलने के बाद पत्नी का बदल गया रवैया

Daughter-in-law married an Officer

Daughter-in-law married an Officer

Daughter-in-law married an Officer: यूपी के बरेली जिले के प्रेमनगर थाना क्षेत्र की राजेंद्र नगर कॉलोनी की रहने वाली मीना शर्मा के परिवार की कहानी इन दिनों नगर निगम में चर्चा का विषय बनी हुई है. मीना शर्मा के पति राकेश शर्मा जलकल विभाग में मीटर रीडर थे. 2015 में उनकी मौत हो गई. इसके बाद उनके इकलौते बेटे प्रशांत शर्मा को मृतक आश्रित कोटे में नौकरी मिली. प्रशांत की शादी जया शर्मा से हुई थी.

प्रशांत शर्मा की 2018 में बीमारी के चलते मौत हो गई. इसके बाद जया शर्मा ने नगर निगम में मृतक आश्रित कोटे से नौकरी मांगी. नौकरी पाने के लिए उसने एक शपथ पत्र दिया कि वह अपनी सास मीना शर्मा की पूरी देखभाल करेगी और प्रशांत की बीमारी में लिए गए लोन की किश्तें चुकाएगी.

नौकरी मिलते ही बदल गया रवैया

जैसे ही जया को नगर निगम के टैक्स विभाग में बाबू की नौकरी मिली, उसका बर्ताव बदल गया. उसने अपनी सास को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया और कर निर्धारण अधिकारी ललतेश सक्सेना से नजदीकियां बढ़ा लीं. बताया जा रहा है कि दोनों के बीच प्रेम संबंध थे और फिर 14 फरवरी 2024 को दोनों ने गुपचुप शादी भी कर ली.

सास हुई बेसहारा, मांगी न्याय की गुहार

मीना शर्मा अब अकेली और परेशान हैं. उन्होंने बताया कि जया ने शपथ पत्र में जो वादे किए थे, वो सभी झूठे निकले. न तो वो उनकी देखभाल कर रही है और न ही लोन की किश्तें भर रही है. अब मीना खुद ही बैंक के नोटिसों का सामना कर रही हैं और मानसिक रूप से बहुत परेशान हैं.

शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं

मीना शर्मा ने नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य से शिकायत की है कि जया और ललतेश दोनों ने कर्मचारी नियमों का उल्लंघन किया है, इसलिए उन्हें नौकरी से हटाया जाए, लेकिन अब तक उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला है, कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.

ललतेश का तबादला, फिर भी बरेली में सक्रिय

ललतेश सक्सेना का तबादला रायबरेली हो चुका है, लेकिन वो अब भी अक्सर बरेली आते हैं और जया के साथ देखे जाते हैं. बताया जा रहा है कि वह जया के साथ सरकारी गाड़ी में घूमते हैं. ललतेश की पहली पत्नी की मृत्यु हो चुकी है और उनकी दो बेटियां हैं, जो उम्र में जया के बराबर हैं.

नगर निगम की चुप्पी पर सवाल

नगर आयुक्त संजीव मौर्य से जब इस मामले पर बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया. लोगों का कहना है कि यदि ऐसे मामलों पर कार्रवाई नहीं हुई तो आगे भी नियमों की धज्जियां उड़ती रहेंगी.