ई-कामर्स साइट पर फर्जी रिव्यू लिखने वालों की अब खैर नहीं, सरकार रखेगी नजर

ई-कामर्स साइट पर फर्जी रिव्यू लिखने वालों की अब खैर नहीं, सरकार रखेगी नजर

ई-कामर्स साइट पर फर्जी रिव्यू लिखने वालों की अब खैर नहीं

ई-कामर्स साइट पर फर्जी रिव्यू लिखने वालों की अब खैर नहीं, सरकार रखेगी नजर

अब ई-कॉमर्स साइट पर फर्जी रिव्यू लिखने वाले लोगों पर सरकार पैनी नजर रखेगी. सरकार ने इसके लिए कल यानी शुक्रवार को एक बैठक भी बुलाई है. केंद्र सरकार के उपभोक्ता मंत्रालय ने ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ बैठक आयोजित की है. इस बैठक में ई-कॉमर्स साइट पर फर्जी रिव्यू लिखने वाले लोगों पर शिकंजा कसने के लिए योजना बनाई जाएगी. बता दें कि फेक रिव्यू (Fake Reviews) कंज्यूमर को प्रोडक्ट के प्रति गुमराह करते हैं. इस बैठक में उपभोक्ता मामलों के सचिव, एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) मौजूद रहेंगे. इसके अलावा इस बैठक में ई-कॉमर्स कंपनियों के अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स भी शामिल होंगे. 

किन मुद्दों पर होगा विचार

इस बैठक मोटे तौर पर फेक रिव्यू की वजह से कंज्यूमर पर होने वाले असर पर चर्चा होगी. इसके अलावा बैठक में इस बात पर भी चर्चा होगी कि कैसे फेक रिव्यू के जंजाल से बचा जा सकता है. इसी सिलसिले में  उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार ने सभी स्टेकहोल्डर्स को चिट्ठी लिखी है. 

कौन-कौन शामिल होगा बैठक में

इस बैठक में फ्लिपकार्ट, अमेजॉन, टाटा संस, रिलायंस रिटेल समेत कंज्यूमर फोरम, लॉ यूनिवर्सिटी, वकील, FICCI, CII, कंज्यूमर राइट एक्टिविस्ट शामिल होंगे. उपभोक्ता मामलों के सचिव ने चिट्ठी के साथ साथ स्टेकहोल्डर्स के साथ यूरोपियन कमीशन की प्रेस रिलीज को भी साझा किया है. जिसमें 223 मेजर वेबसाइट्स पर ऑनलाइन कंज्यूमर रिव्यू पर यूरोपीय संघ व्यापी स्क्रीनिंग के परिणामों को उजागर किया गया है. 

इस प्रेस रिलीज में बताया गया है कि 223 वेबसाइट्स में से 55 फीसदी कंपनियों ने अनफेयर कमर्शियल प्रैक्टिस का उल्लंघन किया है. इसमें कंज्यूमर को तथ्यपूर्ण सूचना देना शामिल है. वहीं 223 वेबसाइट्स में से 144 वेबसाइट्स में अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि नहीं की साइट पर लिखे रिव्यू ऑथेंटिक है या नहीं.