गवर्नर ने लौटाया पंजाब सरकार का 'वन  एमएलए-वन पेंशन' ऑर्डिनेंस

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चंडीगढ़। पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान (Chief Minister Bhagwant Mann) की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी सरकार को झटका लगा है। गवर्नर बीएल पुरोहित (Governor BL Purohit) ने उनका 'वन एमएलए-वन पेंशन' का ऑर्डिनेंस लौटा दिया है। मान सरकार को इस संबंध में पंजाब विधानसभा में बिल पास करवाकर भेजने को कहा गया है। गवर्नर ऑफिस से भेजे नोट में कहा गया है कि जून में पंजाब विधानसभा का सेशन होना है। इसलिए सरकार को इसके लिए ऑर्डिनेंस लाने की जरूरत नहीं है।
 

इस बारे में आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता मालविंदर कंग ने कहा कि यह ऑर्डिनेंस रिजेक्ट नहीं हुआ है। इसकी मियाद 6 महीने होती है। इसलिए गवर्नर ने इसका बिल पास कर भेजने को कहा है। सरकार अगले सेशन में इसे गवर्नर को भेज देगी।
 

पंजाब में नई सरकार बनाने के बाद सीएम भगवंत मान ने 'वन एमएलए-वन पेंशन' का फैसला लिया था। इसमें कहा गया कि अब एक एमएलए को एक ही टर्म की पेंशन मिलेगी। चाहे वह कितनी बार भी एमएलए बना हो। अभी तक एमएलए को हर बार के लिए पेंशन जुड़कर मिलती रहती थी। इससे सालाना 19.53 करोड़ की बचत का दावा किया गया था।

कैबिनेट में संशोधित किया था एक्ट
मुख्यमंत्री भगवंत मान की घोषणा के बावजूद यह फैसला लागू नहीं हुआ था। इसे देखते हुए मान सरकार कैबिनेट में इस प्रस्ताव को लेकर आई थी। जिसमें पंजाब स्टेट लेजिस्लेटर मेंबर्स (पेंशन एंड मेडिकल फेसिलिटीज) एक्ट 1977 में संशोधन किया गया था। इसी ऑर्डिनेंस को पास कर गवर्नर को भेजा गया था।

उनके अलावा 6 बार विधायक रहीं पूर्व ष्टरू राजिंदर कौर भट्ठल, लाल सिंह, पूर्व मंत्री सरवण सिंह फिल्लौर को 3.25 लाख, 5 बार विधायक रहे बलविंदर सिंह भूंदड़ और सुखदेव ढींढसा को सवा 2 लाख रुपए पेंशन मिलती है।

इनको बतौर राज्यसभा सदस्य अलग से वेतन, पेंशन भत्ते भी मिलते हैं। इस बार कैप्टन अमरिंदर सिंह भी चुनाव हारे हैं तो उन्हें भी लाखों की पेंशन मिलनी थी।