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फिर अटका शिमला नगर निगम चुनाव, देखें हाईकोर्ट ने कब तक लगाई रोक

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शिमला। नगर निगम शिमला का चुनाव एक बार फिर से लटक गया है। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने चुनाव पर 16 अगस्त तक रोक लगा दी है। इसके  बाद ही हाईकोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा। तब तक सरकार और चुनाव आयोग चुनाव नहीं करा सकते हैं। वहीं, कोर्ट ने डीसी शिमला से एक बार फिर वार्डों के पुनर्सीमांकन को लेकर जवाब तलब किया है। डीसी शिमला ने प्रार्थी की पुनर्सीमांकन की मांग को खारिज कर दिया था।

बीते मार्च में जयराम सरकार ने शिमला नगर निगम में सात नए वार्ड बनाए हैं। शिमला में अब वार्डों की संख्या 34 से बढक़र 41 हो गई है। नए वार्ड बनाने के साथ कुछ पुराने वार्डों की सीमाएं भी बदली गई हैं। समरहिल और नाभा वार्ड के डिलिमिटेशन को दो प्रार्थियों ने अदालत में चुनौती दी थी। प्रार्थी का आरोप था कि राजनीतिक लाभ के लिए उनके वार्डों के कई इलाके दूसरे वार्ड में शामिल किए गए हैं।

उनकी अपील पर लंबे समय तक अदालत में सुनवाई हुई, लेकिन कुछ दिन पहले डीसी ने इनकी आपत्तियां खारिज कर दीं। इसके बाद फिर से प्रार्थी पार्षद सिमी नंदा और राजीव ठाकुर ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। ऐसे में अब कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि जिला प्रशासन को नाभा और समरहिल वार्ड की आपत्ति एवं सुझाव को दोबारा सुनना होगा।

प्रार्थी ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा कि चुनाव आयोग व शहरी विकास विभाग ने निगम वार्डों का पुनर्सीमांकन कर 41 वार्ड बनाए हैं। ऐसे में आरक्षण रोस्टर तैयार करते समय निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया और न ही हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन किया। कोर्ट ने सरकार व चुनाव आयोग को आदेश दिए थे कि चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने से पहले तमाम औपचारिकताएं कम से कम 3 महीने पहले पूरी कर ली जानी चाहिए, जिससे सभी पीडि़त पक्ष समय से आपत्तियां दर्ज करा सकें व जरूरत पढऩे पर समय रहते वह अदालत के समक्ष अपना पक्ष रख सकें।