Puta and many senators were already against
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पूटा व कई सीनेटर थे पहले ही खिलाफ, अब टीचरों ने भी खोला मोर्चा

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आननफानन में गौरव गौड को डायरेक्टर पब्लिक रिलेशन के पद से वाइस चांसलर ने हटाया

डा. नमिता गुप्ता को दिया गया इस पद का चार्ज, गौरव गौड को इसकी इंतेलाह भी नहीं दी गई

वीसी के फैसलों को कई सीनेटरों व फैकल्टी ने बताया, तानाशाह और मनमाना

Puta and many senators were already against- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)। पंजाब यूनिवर्सिटी (Punjab University) में वाइस चांसलर राजकुमार पर भ्रष्टाचार के बाद अब तानाशाह और मनमाने फैसले करने का भी गंभीर आरोप लगने लगा है। पूटा के बाद सीनेट के कई सदस्यों ने उनके खिलाफ खुलेआम मोर्चा खोल दिया है। फैकल्टी भी वीसी को घेरने में अब पीछे नहीं है। अब तक उनके साथ जुड़े टीचर भी उनसे खफा होकर अलग रास्ते अखित्यार करने लगे हैं। ऐसे में नया साल वाइस चांसलर के लिए नई मुसीबतें लेकर आ सकता है। शनिवार को सीनेट मीटिंग से ठीक पहले वाइस चांसलर राजकुमार ने डायरेक्टर पब्लिक रिलेशन के पद पर बेहतरीन तरीके से काम कर रहे गौरव गौड को बिना बताये उनके पद से हटा दिया।

गौरव गौड का केवल इतना कसूर था कि वह एडिशनल सॉलीसिटर जनरल के पद पर तैनात सत्यपाल जैन के गुट से जुड़े देवेश मौदगिल के भानजे हैं। हालांकि बतौर डीपीआर गौरव गौड ने कभी भी ऐसा आचरण नहीं किया जिससे लगे कि वह वाइस चांसलर के खिलाफ हैं लेकिन अनुमानों के अनुसार उन्हें हटा दिया गया। जानकारी के अनुसार जब से फैकल्टी के चुनाव हुए थे वह वाइस चांसलर और उनके गुट के निशाने पर थे।

गौरव गौड को केवल हटाया ही नहीं गया बल्कि उन्हें सूचना देना भी सही नहीं समझा गया। सीनेट मीटिंग से कुछ देर पहले ही प्रो. नमिता गुप्ता को डायरेक्टर पब्लिक रिलेशन का प्रभार देकर गौरव गौड के कमरे में भेज दिया गया। संपूर्ण मामले से खफा गौरव गौड ने वाइस चांसलर व यूनिवर्सिटी प्रशासन के रवैये को लेकर तुरंत प्रभाव से एपीआरओ और ऑफीशियेटिंग डीपीआर के पद से इस्तीफा दे दिया है।

इस्तीफे  को लेकर वाइस चांसलर राजकुमार को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि उन्हें 23 दिसंबर 2021 को असिस्टेंट पब्लिक रिलेशन अफसर के पद पर तैनात किया गया था। इसके बाद उन्हें 25 जनवरी 2022 से डायरेक्टर पब्लिक रिलेशन का ऑफीशियेटिंग चार्ज दे दिया गया था। गौरव गौड ने लिखा कि मेरी जानकारी के मुताबिक सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स एंड ड्यूटीज की एसोशिएट प्रोफेसर डॉ. नमिता गुप्ता को औपचारिक तरीके से उनसे चार्ज लिये बिना डायरेक्टर पब्लिक रिलेशन के पद पर नियुक्त कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक उन्होंने डीपीआर का चार्ज मेरी अनुपस्थिति में शनिवार सुबह यानि 30 दिसंबर 2022 से संभाल लिया है। इस दौरान दो सीनियर फेलो भी उपस्थित रहे। सेंटर फॉर सोशल वर्क के असिस्टेंट प्रोफेसर गौरव गौड ने तुरंत प्रभाव से एपीआरओ व डीपीआर के पद से इस्तीफा दे दिया है। यहां बता दें कि सीनेट की शनिवार को हुई मीटिंग में भी किसी एजेंडा आइटम पर कोई चर्चा नहीं हुई लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से देर शाम प्रेस नोट जारी किया गया कि तीन आइटमें पास हो गई। इसको लेकर कई सीनेट सदस्यों ने चांसलर को लैटर लिखा है। कहा है कि अब यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार के साथ साथ तानाशाही और मनमानियों की इंतेहा हो गई है। पीयू का नाम बदनाम हो रहा है।

ये है राजनीति

असल में वाइस चांसलर पर बीते कुछ समय से भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे हैं। सत्यपाल जैन व उनके गुट से जुड़े सदस्यों ने वीसी के खिलाफ ओपन मोर्चा खोल रखा है। सीनेट की मीटिंग के दौरान वीसी पर भ्रष्ट के साथ साथ तानाशाह होने के भी गंभीर आरोप लगे। कई सीनेटरों व पूटा का कहना है कि वाइस चांसलर ने पंजाब यूनिवर्सिटी के नाम को पूरी तरह बदनाम कर दिया। उनके कृत्यों की वजह से यूनिवर्सिटी की साख गिरती जा रही है। सीनेट में उनके खिलाफ एक दो नहीं बल्कि कुल 11 ऐसे मामले गिनाये गए जिसमें भ्रष्टाचार बताया गया। देवेश मौदगिल बड़े मुखर होकर उनके खिलाफ बोले। देवेश मौदगिल तो यहां तक कह रहे हैं कि वाइस चांसलर व उनके स्टाफ की फोन कॉल रिकार्डिंग निकलवा ली जाए। इससे साबित हो जाएगा कि वीसी का भ्रष्टाचार में सीधा हाथ है। टीचरों से सरेआम दीवाली पर गिफ् ट मांगे गए। इस वाइस चांसलर ने तो हर किसी को भ्रष्टाचार में मात दे दी। केवल आर्थिक भ्रष्टाचार नहीं हो रहा बल्कि एकेडमिक भ्रष्टाचार भी पूरे चरम पर है। उन्होंने गौरव गौड को हटाये जाने के मामले को भी तानाशाही व मनमाना फैसला करार दिया।

सत्यपाल जैन शनिवार को हुई सीनेट की मीटिंग में आंखों के आपरेशन की वजह से नहीं पहुंचे लेकिन सत्यपाल जैन की उपराष्ट्रपति व यूनिवर्सिटी के चांसलर जगदीप धनखड़ के साथ बहुत बढिय़ा इक्वेशन है। उनके पारिवारिक रिश्ते हैं। अब ये तल्खी क्या मोड़ लेती है यह तो 2023 के दौरान ही दिखाई देगा।