चंडीगढ़ प्रशासन का अब यह आदेश, वैक्सीनेशन ना हो तो फिर भी स्कूल जा सकेंगे छात्र

चंडीगढ़ प्रशासन का अब यह आदेश, वैक्सीनेशन ना हो तो फिर भी स्कूल जा सकेंगे छात्र

चंडीगढ़ प्रशासन का अब यह आदेश

चंडीगढ़ प्रशासन का अब यह आदेश, वैक्सीनेशन ना हो तो फिर भी स्कूल जा सकेंगे छात्र

चंडीगढ़। चंडीगढ़ प्रशासन ने अपने एक अहम आदेश पर रोक लगाते  हुए कहां हे कि जो वैक्सीनेशन न कराने वाले 12 से 18 वर्ष  के लिए 4 मई से स्कूल में फिजिकल मोड में क्लास बंद करने का ऐलान किया गया था।वह वापिस ले लिया हे ।प्रशासक के सलाहकार धर्म पाल ने यह आदेश वापस लेते हुए कहा कि ऐसे बच्चों को कोरोना नियमों का पालन करना होगा। मास्क पहनकर आएं। सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। उचित दूरी बनाए रखें। प्रशासन किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता, इसलिए बच्चे सहयोग करें।

चंडीगढ़ प्रशासन ने पिछले महीने आदेश जारी किए थे, जिससे निजी स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई पर बड़ा संकट खड़ा हो सकता था। इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन, चंडीगढ़ के प्रेसिडेंट एचएस मामिक ने साफ किया था कि 4 मई से बिना वैक्सीनेशन वाले बच्चों को स्कूल में एंट्री नहीं होगी, लेकिन उनके लिए ऑनलाइन क्लासों की भी सुविधा नहीं होगी। प्रशासन द्वारा आदेशों पर रोक लगाने से उन हजारों बच्चों की पढ़ाई खराब नहीं होगी, जो सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ते हैं

गौरतलब है कि कोरोना वैक्सीनेशन पूरी तरह से ऐच्छिक है और केंद्र सरकार भी सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में एफिडेविट दे चुकी है। हालांकि शहर में 'वैक्सीन नहीं तो स्कूल नहीं' जैसी प्रथा शुरू करने से वैक्सीन बच्चों के लिए बाध्यता बन सकती थी, इसलिए प्रशासन ने अपना आदेश वापस ले लिया।

वैक्सीनेशन ऐच्छिक, मगर ड्यूटी है कि हम इसके लाभ बताएं

चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग शिक्षा विभाग के साथ तालमेल करके 12 से 18 वर्ष के बच्चों को 15 मई तक पहली डोज से 100 प्रतिशत वैक्सीनेट करने के प्रयासों में जुटा है। प्रशासक के सलाहकार धर्म पाल ने कहा है कि हालांकि कोविड वैक्सीनेशन ऐच्छिक है, मगर यह प्रशासन की ड्यूटी है कि लोगों को इसके फायदे बताए। उन्होंने एक बार फिर से शहर के सभी स्कूल टीचर्स से अपील की है कि बच्चों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक करें। अभिभावकों से कहा है कि बिना देरी किस बच्चों को वैक्सीन लगवाएं।