Shani Dev

शनिदेव जब चल रहे हों  उल्टी चाल तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान

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Shani Dev ज्योतिषविदों के अनुसार, 17 जून को शनि देव सुबह 10 बजकर 48 मिनट पर वक्री अवस्था में जानें वाले हैं। शनि देव 04 नवंबर तक इसी अवस्था में रहेंगे। बता दें कि शनि वक्री का प्रभाव न केवल राशियों पर पड़ेगा, बल्कि देश और दुनिया पर भी पड़ेगा। शनि वक्री के दौरान सभी राशियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि व्यक्ति को इस अवस्था में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। माना जाता है कि जो व्यक्ति नियमों का ध्यान रखकर कार्य करता है, उन्हें शनि हानि नहीं पुहंचाते हैं, अन्यथा शनि देव क्रोधित हो जाते हैं। 

रखें इन बातों का ध्यान
शनि वक्री की अवधि में व्यक्ति को लोभ और अधिक महत्वकांक्षाओं से दूर रहना चाहिए। साथ ही इस दौरान किसी बड़े-बुजुर्ग या उम्र में छोटे व्यक्ति से वाद-विवाद नहीं करना चाहिए। शनि वक्री के दौरान वाणी पर संयम रखना सबसे जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि कटुवचन बोलने से जातक को शनि के दुष्प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि में साधु-संत, पशु-पक्षी और माता-पिता का अपमान भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इन नियमों को न मानने से शनि देव जातक से क्रोधित हो जाते हैं।

शनि वक्री के कारण उत्पन्न होते हैं यह दुष्प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि शनि वक्री के कारण मनुष्य में आत्मविश्वास की कमी हो जाती और भय की स्थिति बनी रहती है। इसके साथ इस दौरान व्यक्ति को अन्य लोगों पर अधिक शक होने लगता है। स्वार्थ की भावना भी जागृत होने लगती है और व्यक्ति खुदको दूसरों से श्रेष्ठ समझने लगता है।

इन बातों से क्रोधित होते हैं शनि देव
शनि देव को न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है और ऐसा माना जाता है कि शनि देव कर्म के अनुसार फल प्रदान करते हैं। शनि भगवान को ‘न्यायाधीश’ की उपाधि भगवान शिव ने स्वयं प्रदान की है। शास्त्रों में कुछ ऐसे कार्य बताए गए हैं, जिनसे शनि देव बहुत क्रोधित हो जाते हैं।
* झूठ बोलना

* नियम तोडऩा

* गरीबों को परेशान

* मेहनत करने वाले को सताना

* धन का लोभ करना

* पशु-पक्षी, वृद्ध जनों को परेशान करना

* पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना

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