धर्म बदलकर बेघर हुए जितेंद्र नारायण त्यागी, अब हनुमान सेतु मंदिर की पार्किंग में डाला डेरा

धर्म बदलकर बेघर हुए जितेंद्र नारायण त्यागी, अब हनुमान सेतु मंदिर की पार्किंग में डाला डेरा

धर्म बदलकर बेघर हुए जितेंद्र नारायण त्यागी

धर्म बदलकर बेघर हुए जितेंद्र नारायण त्यागी, अब हनुमान सेतु मंदिर की पार्किंग में डाला डेरा

उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन और अपने बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले जितेन्द्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने शनिवार शाम लखनऊ विश्वविद्यायल मार्ग स्थित हनुमान सेतु मन्दिर में डेरा जमा लिया है। उन्होंने पुराने लखनऊ के सआदतगंज स्थित शिया यतीमखाना परिसर के मकान से कथित तौर पर  बेदखल किए जाने का विरोध करते हुए धरना शुरू किया है।

उनका आरोप है कि शिया वक्फ बोर्ड के यतीमखाने के पास स्थित आवंटित मकान पर ताला लगा दिया गया है। एग्रीमेंट की शर्तों का पालन नहीं किया गया है। उन्होंने मांग की है कि मकान की चाबी उन्हें लौटाई जाए। जबकि उ.प्र.शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अली जैदी ने त्यागी उर्फ रिजवी के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि शिया यतीमखाना परिसर में उन्होंने अवैध निर्माण करवाया था और किराया भी अदा नहीं कर रहे थे।

वसीम रिजवी उर्फ जितेन्द्र नारायण त्यागी शनिवार शाम करीब छह बजे हनुमान सेतु मन्दिर की पार्किंग में आकर बैठ गए। उनका आरोप है कि हिन्दू धर्म अपनाने के बाद उन्हें घर में रहने नहीं दिया जा रहा है। चार माह पहले वह जेल चले गए थे। इसी बीच मकान पर ताला लगा दिया गया। 

शनिवार को वह शिया यतीमखाना परिसर स्थित अपने मकान पर पहुंचे तो ताला लगा हुआ था। उनका कहना है कि वर्ष 2016 में शिया वक्फ बोर्ड की ओर से यतीमखाने के पास स्थित जमीन का एग्रीमेंट उनके ससुर इब्ने हसन के साथ हुआ था। जिसके अन्तर्गत यह तय हुआ था कि यतीम खाने को जब भी इस जमीन की आवश्यक्ता होगी तो उसे तीन माह पहले खाली करने के लिए नोटिस देनी होगी।

साथ ही निर्माण कार्य में जो राशि लगी है, उसे लौटाना होगा। वसीम रिजवी का कहना है कि मकान निर्माण में करीब 20 लाख रुपये खर्च हुए हैं। उनका आरोप है कि एग्रीमेंट की शर्त का पालन किए बगैर ही मकान पर ताला लगा दिया गया है। इस मामले में उन्होंने शुक्रवार को पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर से शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसलिए वह हुनमान सेतु मंदिर परिसर में आकर रुकने को मजबूर हुए।

30 मई के बाद ले सकते हैं सन्यास

वसीम रिजवी उर्फ जितेन्द्र त्यागी का कहना है कि हरिद्वार में 30 मई के बाद वह कभी भी सन्यास की दीक्षा ले सकते हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी व जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद से वार्ता हो चुकी है। जल्द ही वह सन्यास लेकर अखाड़े के संत बनेंगे।

कब्जा नाजायज था : चेयरमैन

उत्तर प्रदेश शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अली जैदी ने जितेन्द्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी द्वारा लगाए गये आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि शिया यतीमखाना परिसर में त्यागी ने अवैध निर्माण करवा रखा था। जिस मकान में वह रह रहे थे उसके किराये की रसीद उनकी दूसरी पत्नी के पिता के नाम कटती थी, जिन्होंने कई महीनों से किराया जमा नहीं किया था। शिया यतीमखाने के मुतवल्ली वसीउल हसन मुन्ने ने नोटिस दी। नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया बल्कि वहां के केयरटेकर को धमकी दी गई। इसके बाद मुतवल्ली ने त्यागी उर्फ रिजवी के ससुर के नाम उस मकान का आवंटन निरस्त कर दिया। धमकियां मिलने पर वहां केयरटेकर ने पुलिस में सूचना दी और उस मकान की चाभियां पुलिस के सिपुर्द कर दीं।