सुप्रीम कोर्ट में CJI गवई पर जूते से हमले की कोशिश; कोर्ट रूम में वकील का हंगामा, चिल्लाया- 'सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान'

A Lawyer Attempts Shoe Attack on CJI BR Gavai In Supreme Court
CJI BR Gavai: देश की सबसे बड़ी अदालत में देश के सबसे बड़े जज के साथ हैरान करने वाली घटना सामने आई है। CJI बीआर गवई पर कोर्ट रूम में जूते से हमले की कोशिश की गई है। दरअसल आज सुप्रीम कोर्ट में जब CJI गवई किसी मामले की सुनवाई कर रहे थे तो इसी दौरान कोर्ट रूम में मौजूद एक वकील सीजेआई की बेंच को ओर बढ़ा और जूता हाथ में उठा उनपर हमले की कोशिश की। हालांकि, जूता CJI की बेंच तक नहीं पहुंच सका। कोर्ट रूम में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने फौरन वकील को पकड़ लिया।
चिल्लाया- 'सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान'
मिली जानकारी के अनुसार, इस घटना के बाद जब सुरक्षा कर्मी आरोपी वकील को पकड़कर कोर्ट रूम से बाहर ले जा रहे थे तो उसने बाहर जाते समय 'सनातन धर्म' का नारा लगाया। उसने कहा, ''सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।" उधर CJI बीआर गवई ने इस तरह की घटना से परेशान न होने की बात कह कर कोर्ट में मामले की सुनवाई जारी रखी। CJI ने कहा कि, ऐसी घटनाओं से वे विचलित नहीं होते। इन चीजों से उन्हें फर्क नहीं पड़ता। फिलहाल आरोपी वकील को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
CJI की इस टिप्पणी से वकील का हंगामा
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आरोपी वकील का नाम राकेश किशोर (71 साल) है। सुप्रीम कोर्ट बार में राकेश किशोर का रजिस्ट्रेशन 2011 का है। बताया जा रहा है कि राकेश किशोर जस्टिस गवई के उस बयान से आहत था जिसमें CJI ने भगवान विष्णु को लेकर टिप्पणी की थी। दरअसल, 16 सितंबर को CJI ने मध्य प्रदेश के खजुराहो में भगवान विष्णु की 7 फुट ऊंची सिर कटी खंडित मूर्ति बदलने के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से कहा था ''जाओ और अपने भगवान से ही कहो की वही कुछ करें। तुम कहते हो भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो, जाओ उनसे प्रार्थना करो।''
CJI के साथ इस घटना से मचा हड़कंप
फिलहाल CJI बीआर गवई के साथ इस घटना (Supreme Court Incident) से पूरे देश में हड़कंप मच गया है। मतलब बताइए CJI तक सुरक्षित नहीं हैं। वो भी सुप्रीम कोर्ट के अंदर। यह घटना अपने आप में शर्मनाक और हैरान करने वाली घटना है। इस घटना से भारत के मुख्य न्यायाधीश के अपमान के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट का भी अनादर हुआ है. ये तो असल में सुप्रीम कोर्ट की मानहानि का बेहद गंभीर मामला है। ऊपर से और हैरानी की बात ये है कि एक वकील ने ऐसा किया।
एडवोकेट्स एसोसिएशन का बयान
इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCOARA) का कहना है, "हम एकमत से एक वकील के हालिया कृत्य पर गहरी पीड़ा और असहमति व्यक्त करते हैं, जिसने अपने अनुचित और असंयमित व्यवहार से भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश और उनके साथी न्यायाधीशों के पद और अधिकार का अनादर करने की कोशिश की। ऐसा आचरण बार के सदस्य के लिए अनुचित है और यह उस पारस्परिक सम्मान की नींव पर प्रहार करता है जो बेंच और बार के बीच संबंधों को बनाए रखता है।
SCOARA ने आगे कहा कि भारत का सर्वोच्च न्यायालय उक्त आचरण का स्वतः संज्ञान लेकर न्यायालय की अवमानना के लिए उचित कार्यवाही शुरू कर सकता है, क्योंकि यह कृत्य/आचरण सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार को कलंकित करने और जनता की नज़रों में इसकी गरिमा को कम करने की एक सोची-समझी चाल है। इसकी जितनी निंदा की जाये वो कम है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में ये जो भी हुआ है, उसे लेकर सोशल मीडिया से सड़क तक चर्चा का माहौल गरम है।