अमेरिका-ईरान में बढ़ते तनाव के बीच बंद हुआ मिडिल ईस्ट का Airspace, भारत वापस लौटा विमान

British Airways Flight Returns

British Airways Flight Returns

चेन्नई: British Airways Flight Returns: अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की सामान्य व्यवस्था को भी प्रभावित करना शुरू कर दिया है. इसका प्रभाव चेन्नई से लंदन जा रही ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट BA276 पर स्पष्ट रूप से देखने को मिला. इस बोइंग 777 विमान को रविवार सुबह अरब सागर के ऊपर उड़ान भरने के दौरान अचानक चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन रूप से वापस लौटना पड़ा.

ब्रिटिश एयरवेज की उड़ान BA276 निर्धारित समय से लगभग एक घंटे की देरी से सुबह 6:24 बजे उड़ान भरी थी, जबकि इसका मूल निर्धारित समय सुबह 5:35 था. विमान में कुल 262 लोग (247 यात्री और 15 क्रू मेंबर) सवार थे. विमान ने बेंगलुरु को पार कर लिया था और अरब सागर के ऊपर उड़ान भर रहा था, जब अचानक सूचना मिली कि मध्य पूर्व इलाके के छोटे से लेकर प्रमुख हवाई मार्गों तक को बंद कर दिया गया है.

सुरक्षित लैंडिंग

मध्य पूर्व में हवाई क्षेत्रों के बंद होने की सूचना पाते ही एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और एयरलाइन अधिकारियों के बीच तुरंत संपर्क स्थापित हुआ. यात्रियों की सुरक्षा को पहले प्राथमिकता देते हुए फ्लाइट को दुनिया के किसी दूसरे क्षेत्र की ओर नहीं बल्कि वापस चेन्नई लौटने का आदेश दिया गया. सुबह लगभग 10:00 बजे फ्लाइट BA276 ने सुरक्षित लैंडिंग की और सभी यात्री व चालक दल को एक दूरस्थ बे (remote bay) में उतारा गया.

यात्रियों को मिली सुरक्षित व्यवस्था

चीफ अधिकारीओं ने बताया कि भारत सरकार और एयरलाइन ने मिलकर यात्रियों को एयरपोर्ट लाउंज और स्थानीय होटलों में अस्थायी रूप से ठहरने की व्यवस्था की है. जैसे ही मध्य पूर्व एयर स्पेस खोलने या वैकल्पिक मार्गों को लेकर पुष्टि होगी, एयरलाइन द्वारा फ्लाइट संचालन का निर्णय लिया जाएगा. एयरलाइन ने अपनी आधिकारिक बयान में कहा, यात्री की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है… हम वैकल्पिक रूट्स चुनने या क्षेत्र खुलने पर अगली जानकारी देंगे.

क्षेत्रीय प्रभाव और अन्य उड़ानें प्रभावित

सिर्फ ब्रिटिश एयरवेज नहीं, बल्कि इसी परिस्थिति के तहत कतर एयरवेज की दोहा की फ्लाइट और एमिरेट्स की दुबई की उड़ान—दोनों को भी लगभग एक घंटे की देरी का सामना करना पड़ा. यह संकेत है कि भू-राजनीतिक तनाव अंतरराष्ट्रीय एयर ट्रैफिक पर व्यापक प्रभाव डाल रहा है.

विश्लेषकों का कहना है कि अगर मध्य पूर्व में स्थिरता नहीं आती, तो भविष्य में और अधिक अंतरराष्ट्रीय रूट्स पोस्टपोन या रीरूट हो सकते हैं. इससे यात्री सुरक्षा, उड़ान की सहजता और संचालन लागत—तीनों प्रभावित हो सकते हैं.