‘ऑपरेशन सिंदूर सबूत है, नया भारत अब आतंकवाद का शिकार नहीं होगा’, बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

Defence Minister Rajnath Singh in J-K

Defence Minister Rajnath Singh in J-K

उधमपुर: Defence Minister Rajnath Singh in J-K: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के जवानों से बातचीत करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवादियों और उनके संरक्षकों को एक स्पष्ट और शक्तिशाली संदेश भेजा है कि नया भारत अब आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता से खड़ा है. उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है, यह केवल एक विराम है. मैं अपने पड़ोसी देश को साफ तौर पर यह संदेश देना चाहता हूं कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपने अधिकारों की रक्षा करता रहेगा."

यह बयान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ भारत की लगातार कार्रवाई और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सरकार के संकल्प को दर्शाता है. राजनाथ सिंह ने बताया कि इस ऑपरेशन का उद्देश्य केवल आतंकवादियों को नुकसान पहुंचाना ही नहीं, बल्कि उनके समर्थन करने वालों को भी मजबूत चेतावनी देना है.

सैनिकों के साहस और बलिदान को किया सलाम

रक्षा मंत्री ने सैनिकों के जीवन को साहस, समर्पण और बलिदान का प्रतीक बताते हुए कहा कि देश हमेशा उन वीर जवानों का ऋणी रहेगा, जो मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने से भी पीछे नहीं हटते. उन्होंने कहा, “एक सैनिक की सेवा का कोई विकल्प नहीं. यह सेवा केवल कर्तव्य नहीं, बल्कि देश के प्रति निष्ठा और प्रेम का सर्वोच्च रूप है.”

उन्होंने सैनिकों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखने की सलाह दी, ताकि वे हमेशा अपनी जिम्मेदारियों को बेहतरीन ढंग से निभा सकें. राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि एक स्वस्थ और मजबूत सैनिक ही देश की सीमाओं को अटूट बनाए रख सकता है.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की अहमियत

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 की पूर्व संध्या पर आयोजित बाराखाना कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने सैनिकों को योग और नियमित व्यायाम के माध्यम से अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, "यदि आप मजबूत रहेंगे तो हमारी सीमाएं भी मजबूत रहेंगी. सीमाओं की सुरक्षा से ही देश की ताकत और संपूर्ण विकास सुनिश्चित होता है."

कार्यक्रम में खुखरी नृत्य, भांगड़ा, कलारी पट्टू और झांझ पटक जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, जो सैनिकों के उत्साह और देशभक्ति की भावना को प्रगाढ़ करते हैं. इस अवसर पर सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा समेत भारतीय सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.

ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि और राष्ट्रीय सुरक्षा में भूमिका

कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में आयोजित भाजपा के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की भावना को स्पष्ट किया. उन्होंने रामचरितमानस की पंक्ति “जिन्ह मोहि मारा, ते माई मारे…” का उल्लेख करते हुए कहा कि यह ऑपरेशन उन्हीं आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ है, जिन्होंने भारत को नुकसान पहुंचाया.

यह ऑपरेशन विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के कुछ ही हफ्तों बाद शुरू किया गया था. उस हमले में 26 नागरिकों की मौत हुई थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था. ऑपरेशन सिंदूर एक नपे-तुले, रणनीतिक और निर्णायक कदम के रूप में सामने आया, जिसमें पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में सक्रिय लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया.