मानसून ने भारत में दी दस्तक; 16 साल में पहली बार सबसे जल्दी केरल पहुंचा, भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी, कई राज्यों में बदलेगा मौसम

Monsoon 2025 Arrives Kerala

Monsoon 2025 Arrives Kerala In Advance India Meteorological Department

Monsoon Arrives in Kerala: भीषण गर्मी के बीच एक गुड न्यूज आई है। मानसून ने भारत में अपनी दस्तक दे दी है। मानसून अपने तय समय से 8 दिन पहले ही शनिवार को केरल पहुंच गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मानसून (Monsoon 2025) के केरल पहुंचने की आधिकारिक जानकारी दी है। मौसम विभाग ने कहा कि, दक्षिण-पश्चिम मानसून 1 जून की सामान्य तिथि के विपरीत शनिवार 24 मई को केरल में प्रवेश कर गया है। इससे पहले मानसून के 27 मई तक केरल पहुंचने की संभावना जताई गई थी।

16 साल में पहली बार सबसे जल्दी केरल पहुंचा

खास बात ये है कि, मानसून 16 साल में पहली बार सबसे जल्दी केरल पहुंचा है। यानि 16 साल में ऐसा पहली बार हुआ जब मानसून इतनी जल्दी केरल आया है. पिछले साल 2024 में यह 30 मई को केरल पहुंचा था। जबकि 2023 में मानसून करीब एक सप्ताह की देरी से 8 जून को केरल पहुंचा था। वहीं साल 2022 में मानसून 29 मई को केरल पहुंचा। इसी प्रकार साल 2021 में 3 जून को, 2020 में 1 जून को, 2019 में 8 जून को, 2018 में 29 मई को, 2017 में 30 मई को, 2016 में 8 जून को और 2015 में 5 जून को मानसून केरल पहुंचा था।

वहीं इससे पहले साल 2014 में 6 जून को मानसून केरल पहुंचा। जबकि 2013 में 1 जून, 2012 में 5 जून, 2011 में 29 मई और 2010 में 31 मई को मानसून ने केरल में अपनी दस्तक दी थी। आपको बता दें कि, सामान्यतः 1 जून को मानसून केरल पहुंचता है। यानि मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तिथि 1 जून के आसपास मानी जाती है। मानसून आने के साथ ही भारत में 4 महीने (जून से सितंबर) की वर्षा ऋतू की शुरुवात हो जाती है। इस दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में झमाझम भारी बारिश होती है।

IMD ने कहा- मानसून के लिए अनुकूल परिस्थितियां

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि, मानसून के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनी हुईं हैं। यह भारत के अधिकांश भागों में अपनी गति से निरंतर आगे बढ़ रहा है। दक्षिण-पश्चिम मानसून दक्षिण अरब सागर के शेष भागों, पश्चिम-मध्य और पूर्व-मध्य अर सागर के कुछ भागों, पूरे लक्षद्वीप क्षेत्र, कर्नाटक के कुछ भागों, मालदीव और कोमोरिन क्षेत्र के शेष भागों; तमिलनाडु के कई भागों, दक्षिण-पश्चिम और पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के शेष भागों, पश्चिम-मध्य और उत्तर बंगाल की खाड़ी के कुछ भागों और मिजोरम के कुछ भागों में आगे बढ़ गया है।

मौसम विभाग ने बताया कि, अगले 2-3 दिनों के दौरान मध्य अरब सागर के कुछ और हिस्सों, पूरे गोवा, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों, कर्नाटक के कुछ और हिस्सों, तमिलनाडु के शेष हिस्सों, पश्चिम-मध्य और उत्तरी बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ और हिस्सों और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं। बताया जाता है कि, मानसून चार दिन से देश से करीब 40-50 किलोमीटर दूर रुका हुआ था और शुक्रवार शाम यह आगे बढ़ा।

बता दें कि, मानसून आमतौर पर आठ जुलाई तक पूरे देश को 1 जून से 8 जुलाई यानी 38 दिन में कवर करता है। लेकिन 2024 में मानसून सामान्य तारीख की तुलना में जल्दी तो आया ही साथ ही दो जुलाई तक यह पूरे देश में पहुंच गया था। इस साल मानसून में अल नीनो की संभावना नहीं है। मौसम विभाग ने अप्रैल में कहा था कि 2025 के मानसून सीजन के दौरान अल नीनो की संभावना नहीं है। यानीइस साल सामान्य से ज्यादा बारिश होगी। कम बारिश की आशंका न के बराबर है। 2023 में अल नीनो सक्रिय था, जिसके कारण मानसून सीजन में सामान्य से 6 फीसदी कम बारिश हुई थी।

भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी

मानसून की दस्तक के साथ ही मौसम विभाग ने केरल और गोवा के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने बताया कि, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, तटीय कर्नाटक और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, केरल में आज अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है। इनके तटीय इलाकों में 200 mm तक बारिश हो सकती है। इन राज्यों में अगले सात दिन तक भारी बारिश हो सकती है। इसके साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी मौसम बदलेगा और आंधी-तूफान के साथ बारिश हो सकती है।

दिल्ली-चंडीगढ़ और यूपी समेत उत्तर भारत कब पहुंचेगा मानसून

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुमान के मुताबिक, इस बार मानसून 2025 के जल्दी आने के चलते इसके तेजी से आगे बढ्ने का अनुमान है। देश के अलग-अलग राज्यों में अपने तय समय से पहले भी मानसून वहां दस्तक दे सकता है। माना जा रहा है कि, 20 से 25 जून के बीच मानसून दिल्ली-चंडीगढ़ और यूपी समेत उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में दस्तक दे सकता है। वहीं आमतौर पर राजधानी दिल्ली में मॉनसून 27 जून के आसपास पहुंचता है।

जबकि बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों और गुजरात के कुछ हिस्सों में मानसून के पहुंचने की सामान्य तारीख 10 से 15-20 जून है। वहीं राजस्थान में 30 जून के आसपास मानसून पहुंच सकता है। वहीं महाराष्ट्र में मानसून 5 से 10 जून के बीच पहुंचने की उम्मीद रहती है। मानसून के आगमन पर इन हिस्सों में झमाझम बारिश होती है। वहीं मानसून की बारिश से लोगों को गर्मी से भी राहत मिलती है।

मानसून 2024 में सामान्य से अधिक बरसात हुई

भारत मौसम विभाग ने साल 2024 में मानसून सामान्य से अधिक रहने की संभावना जताई थी और बताया था कि जून से सितंबर के बीच सबसे अधिक बारिश दर्ज की जा सकती है। मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान ने कहा था कि इस साल मानसून बारिश सामान्य से अधिक 104% से 110% होने की संभावना है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के मुताबिक जून से सितंबर के बीच सामान्य से अधिक बरसात हुई। इस तरह से यह मानसून 105 से 110 फीसदी की कैटेगरी में रहा, जो सामान्य बरसात से 5 फीसदी ज्यादा है।

सितंबर बीच से लौटने लगता है मानसून

भारत को बारिश से सराबोर करने के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून सितंबर बीच से लौटने लगता है। यानि इसकी वापसी की यात्रा शुरू हो जाती है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून एक जून को केरल पहुंचता है और जुलाई के पहले सप्ताह तक पूरे देश में पहुंच जाता है। वहीं मानसून की वापसी सामान्यतया बीच सितंबर से शुरू हो जाती है। 15 अक्टूबर तक मानसून पूरी तरह से वापस चला जाता है। मानसून के लौटने पर भी झमाझम बारिश होती है।

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