पंचकूला में खड़ा हुआ 180 फीट ऊंचा रावण का पुतला; करीब 15 लाख के खर्च पर बना, साथ जलेंगे 100-100 फीट के मेघनाद और कुंभकरण

Panchkula 180 Feet Ravan Effigy Tricity Tallest Ravan 2025 Dussehra  Dahan

Panchkula 180 Feet Ravan Effigy Tricity Tallest Ravan 2025 Dussehra Dahan

Panchkula 180 Feet Ravan Effigy: इस बार देशभर में 2 अक्टूबर को दशहरे का उत्सव मनाया जाना है। जिसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं। रावण, मेघनाद व कुंभकरण के पुतले तैयार करके खड़े कर दिए गए हैं। जहां दहन से पहले ये पुतले लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। कई जगहों पर रावण के काफी बड़े और ऊंचे पुतले भी बनाए गए हैं। चंडीगढ़ से सटे पंचकूला में इस बार 180 फीट ऊंचा रावण का पुतला बनाया गया है। सेक्टर 5 स्थित शालीमार ग्राउंड में बने इस पुतले को लोग कौतूहल बस देखने पहुंच रहे हैं।

ये ट्राइसिटी में रावण का सबसे ऊंचा पुतला

180 फीट ऊंचे इस विशाल रावण के पुतले को आज क्रेन के माध्यम से ग्राउंड में खड़ा कर दिया गया है। ये ट्राइसिटी में रावण का सबसे ऊंचा पुतला है। यानि चंडीगढ़ और मोहाली में भी रावण का इतना ऊंचा कोई पुतला नहीं बनाया गया है। इसलिए इस बार ट्राइसिटी में पंचकूला में सबसे ऊंचा 180 फीट का रावण का पुतला जलाया जाएगा। पिछली बार भी पंचकूला में ही रावण का सबसे ऊंचा पुतला जलाया गया था। जिसे काफी भारी संख्या में लोग देखने पहुंचे थे। रावण का दहन रिमोट कंट्रोल के माध्यम से होगा और शानदार एको-फ्रेंडली आतिशबाज़ी होगी।

करीब 15 लाख के खर्च पर बना रावण

पुतला निर्माता मोहम्मद उस्मान ने बताया कि 180 फीट का रावण बनाया गया है और 100-100 फीट के मेघनाद और कुंभकरण के पुतले हैं। रावण के पुतले में 10 सिर लगाए गए हैं। तीनों पुतलों को बनाने में 30 लाख रुपये की लागत आई है। केवल रावण को ही बनाने में लगभग 15 लाख रुपये का खर्च आया है। पुतलों के निर्माण में करीब 2.5 लाख रुपये का कपड़ा लगा है। ढेढ लाख के गोले लगाए गए हैं। रावण का एक पैर 20 फीट का है, 20 फीट की ही रावण की जूती है और 45 फीट उसकी तलवार है।

पहली बार साथ जलेंगे 3 पुतले

इस बार पंचकूला में इस गगनचुंबी 180 फुट के रावण अकेला नहीं जलेगा। उसके साथ 100-100 फीट के मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलों का भी दहन होगा। दरअसल, लोगों के उत्साह और मांग को देखते हुए इस बार पंचकूला की आदर्श राम लीला कमेटी और माता मनसा देवी चैरिटेबल ट्रस्ट, दशहरा समिति ने रावण के साथ-साथ मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले भी पहली बार तैयार करवाए हैं। यानि पहली बार इस मैदान पर, जहां पहले केवल विशाल रावण का पुतला जलता था, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले भी जलेंगे।

UP के मुस्लिम कारीगरों ने बनाए तीनों पुतले

उत्तर प्रदेश के रहने वाले मोहम्मद उस्मान और उनकी टीम ने शालीमार ग्राउंड में तीनों पुतले तैयार किए और इसमें महीनों का समय लगा। मोहम्मद उस्मान बताते हैं कि उन्हें रावण बनाने का करीब 35 साल का अनुभव है, वह कानपुर, पानीपत और बराड़ा में रावण बनाते आए हैं। बराड़ा में उन्होंने एक बार 210 फीट ऊंचा रावण का पुतला भी बनाया था। जिसकी काफी चर्चा हुई थी। मोहम्मद उस्मान ने यह भी बताया कि उनसे राम लीला कमेटी ने अगले साल भी ठेका लेने को कहा है और उस बार 250 फीट का रवाना बनाने की तैयारी है। जो कि दुनिया का सबसे ऊंचा रावण होगा।

2023 में दुनिया का सबसे ऊंचा रावण पंचकूला में बना

पिछले साल 2024 में रावण का 181 फीट का पुतला तैयार किया गया था, लेकिन तेज हवाओं के कारण पुतले का नुकसान हो गया। जिसके बाद इसकी ऊंचाई लगभग 26 फुट कम हो गई और इस तरह 155 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया था। इसलिए इस बार समिति ने और अधिक मजबूती व सुरक्षा का ध्यान रखते हुए 180 फीट का पुतला तैयार कराया है। वहीं ज्ञात रहे कि साल 2023 में दुनिया का सबसे ऊंचा रावण पंचकूला में बना था। तब 171 फीट का सबसे ऊंचा रावण यहां तैयार किया गया था। यह देश का सबसे ऊंचा रावण था।

दशहरा का पर्व क्यों मनाया जाता है?

प्रत्येक वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस खास अवसर पर देशभर में रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले दहन (Dussehra 2025 Ravan Dahan) किए जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार, दशमी तिथि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर विजय प्राप्त की थी। मतलब रावण जोकि बुराई का प्रतीक था उसका श्रीराम ने नाश किया था। इसीलिए आज भी बुराई पर अच्छाई की जीत मानकर रावण का दहन किया जाता है।

रिपोर्ट- आदित्य शर्मा