Haryana Pundri MLA Satpal Jambha: हरियाणा पुंडरी के विधायक सतपाल जांबा ने दी बड़ी जानकारी, विधायकों की खोली पोल
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हरियाणा पुंडरी के विधायक सतपाल जांबा ने दी बड़ी जानकारी, विधायकों की खोली पोल

SATPAL JAMBA

MLA PUNDRI SATPAL JAMBA GIVE STATEMENT

MLA PUNDRI SATPAL JAMBA: कैथल जिले के पूंडरी विधायक सतपाल जांबा ने विधायकों को मिलने वाले फंड और ग्रांट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि सरकार विधायकों को तीन प्रकार के फंड और ग्रांट देती है। यह राशि जनहित के लिए खर्च की जानी चाहिए। लेकिन अधिकतर विधायक इस बारे में लोगों को जानकारी नहीं देते।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें विधायक जांबा गांव फरल में एक दिव्यांग व्यक्ति जिले सिंह से मिलने पहुंचे। उन्होंने पाया कि जिले सिंह का बिजली बिल 49 हजार रुपए है। अधिकारियों से बात करने पर पता चला कि कटौती के बाद बिल 36 हजार रुपए होगा। विधायक ने तत्काल अपने बैंक खाते से जिले सिंह के खाते में 40 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए।

विधायक जांबा ने बताया कि प्रत्येक विधायक को सालाना 20 लाख रुपए पैटी ग्रांट मिलती है। इसमें से एक व्यक्ति को अधिकतम 40 हजार रुपए दिए जा सकते हैं। हर तीन महीने में विधायकों को 5 लाख रुपए मिलते हैं। इस राशि का उपयोग जरूरतमंद, लाचार, बेसहारा लोगों और फीस भरने में असमर्थ छात्रों की मदद के लिए किया जा सकता है। यह राशि विधायक के खाते में आती है, लेकिन इसका उद्देश्य जरूरतमंदों की सहायता करना है।

बता दें कि विधायक ने कहा कि लोगों को विधायकों को मिलने वाले फंड की जानकारी नहीं होती, जो केवल जरूरतमंदों की सहायता के लिए ही उनको मिलते हैं। एक विधायक को एक साल में 20 लाख रुपए पैटी ग्रांट मिलती है। उसमें से एक जरूरतमंद व्यक्ति काे 40 हजार रुपए दिए जा सकते हैं। इसके लिए हरेक विधायक को तीन महीने में पांच लाख रुपए मिलते हैं। उसमें से जरूरतमंद, लाचार, बेसहारा या फिर ऐसे किसी छात्र को जिसके पास फीस के पैसे नहीं हैं, उनकी सहायता कर सकते हैं। यह पैसा आता विधायक के खाते में है, लेकिन यह जरूरतमंदों की सहायता के लिए विधायकों को दिया जाता है।


इसके अलावा डीक्यू ( डिस्क्रेशनरी ग्रांट) मिलती है, जिसकी राशि 31 लाख रुपए तक होती है। यह राशि उन संस्थाओं की दी जाती है, जनहित में अच्छा काम कर रही है। जो सामाजिक संस्थाएं लोगों के लिए काम कर रही हैं, लेकिन जिन लोगों को इसकी जरूरत है, वे लोग इससे वंचित रह जाते हैं।