Chief Minister of Haryana Manohar Lal

हरियाणा मुख्यमंत्री का भ्रष्टाचार पर प्रहार सराहनीय

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Haryana Chief Minister Attack on corruption commendable

Chief Minister of Haryana Manohar Lal हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का यह संकल्प सराहनीय है कि वे प्रदेश में भ्रष्टाचार Corruption in the state को नहीं बर्दाश्त करेंगे। उनकी यह प्रतिबद्धता उनके भाषणों से, उनके जनसंवाद से और कर्म से भी जाहिर हो रही है।

उनका यह कथन अब कहावत बन चुका है कि न खाऊंगा और न खाने दूंगा। सोनीपत Sonipat में जन शिकायतें सुनते हुए भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी को निलंबित करना और यह कहना कि कोई पैसे मांगे तो बोलना, गर्दन काट दूंगा, हरियाणवी शैली में कही गई ऐसी बात है जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। एक मुख्यमंत्री Chief Minister प्रदेश सरकार का मुखिया होता है, अगर वे नरम और ढीले शब्दों में अपनी बात कहेंगे तो इसका अर्थ नरम ही निकाला जाएगा लेकिन अगर एक मुख्यमंत्री Chief Minister इतने कड़े शब्दों में अपनी बात कह रहे हैं तो इसका अभिप्राय यह है कि वे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ बेहद सख्त हैं। मुख्यमंत्री के इन शब्दों को ऐसे भी समझा जा सकता है कि बीते आठ सालों के अंदर हरियाणा में 1193 भ्रष्ट अधिकारी 1193 corrupt officials in Haryana और कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। इस दौरान 965 मुकदमे दर्ज किए हैं। विजिलेंस और सीआईडी तो अपने काम को अंजाम दे ही रही हैं, मुख्यमंत्री Chief Minister का उडऩदस्ता भी भ्रष्टाचार Corruption में लिप्त कर्मचारी-अधिकारियों पर अंकुश लगाने में कोई कमी नहीं छोड़ रहा।

Manohar Sarkar मनोहर सरकार के समय में सरकार और प्रशासन पहले से कहीं ज्यादा निष्पक्ष, कारगर और प्रभावी नजर आता है तो इसका श्रेय मुख्यमंत्री Chief Minister की प्रतिबद्धता को जाता है। भ्रष्टाचार आज के समय में कहां नहीं है, एक छोटे से कार्य से लेकर बड़ी-बड़ी नियुक्तियों तक में भ्रष्टाचार Corruption का अंश मिलता है। हालांकि न भ्रष्टाचारी Corruption खुद को रोक सकते हैं और न ही उन्हें प्रोत्साहित करने वाले लोग। लेकिन सरकार जिसका यह दायित्व है कि वह भ्रष्टाचार की रोकथाम करके सुशासन प्रदान करे, वह संकल्पबद्ध होकर निम्न से खास तक पर कार्रवाई करती है तो इसका संदेश साफ दिखता है। हालांकि यह जरूरी है कि सरकार का यह संकल्प एक मुहिम की भांति नजर आए। इसकी आशंका हो सकती है कि जो पकड़े गए वे भ्रष्टाचार के आरोपी हो गए लेकिन जो नहीं पकड़े गए या पकड़े जा रहे हैं, वे दागमुक्त हैं। भ्रष्टाचार Corruption को लेकर यह बात भी प्रसिद्ध है कि यह हर कहीं है और बस सामने लाए जाने भर की देर होती है। बहरहाल, अगर सरकार लगातार इस दिशा में प्रयासरत रहे तो भ्रष्टाचार Corruption और उसके आयोजकों पर नियंत्रण बरकरार रहता है।

रिपोर्ट है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री Chief Minister  के निर्देश पर जिलों में ऐसे लोगों की सूची तैयार की जा चुकी है, जो पुलिस और प्रशासन की दलाली करते हैं। फरीदाबाद Faridabad और पानीपत में तो ऐसी सूची को सार्वजनिक भी किया जा चुका है। यह अपने आप में एक नायाब तरीका है, भ्रष्टाचारियों को उजागर करने का। इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ है कि सरकार ने ऐसी कोई सूची तैयार करवाई हो। राजस्व विभाग में रिश्वतखोरी सर्वाधिक देखने को मिलती है, ऐसा कहा जाता है कि वह पटवारी ढूंढे से भी नहीं मिलेगा जोकि पैसे लेकर काम न करता हो। मुख्यमंत्री Chief Minister एवं उपमुख्यमंत्री Deputy Chief Minister को इस संबंध में भी संज्ञान लेना चाहिए। आबकारी एवं राजस्व विभाग उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला Deputy Chief Minister Dushyant Chautala के पास है, दोनों पार्टियां मिलकर समन्वय के साथ सरकार चला रही हैं, लेकिन जनता को भी इसका विश्वास दिलाए जाने की आवश्यकता है। जनता को सुशासन का अहसास तब भी होता है जब पटवारियों आदि के पास उन्हें अपनी जेबें ढीली न करनी पड़ें।

Chief Minister Manohar Lal मुख्यमंत्री मनोहर लाल की कार्यशैली एक शांत और संयमशील राजनेता की है। वे निर्विवाद रूप से ऐसे राजनेता के रूप में सामने आए हैं, जोकि निरंतर जनसेवा में रत हैं। हालांकि उनके बारे में जैसी अफवाहें फैलती हैं, वे हैरान करती हैं, लेकिन पार्टी नेतृत्व को जिस प्रकार उनकी कार्यक्षमता और ईमानदारी पर भरोसा है, वह यह दिखाता है कि वे आगे भी प्रदेश में भाजपा और सरकार के कर्णधार बने रहेंगे। अब यह एकतरह से तय भी हो गया है कि पार्टी आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में ही लड़ेगी। यह मुख्यमंत्री मनोहर लाल Chief Minister Manohar Lal के नेतृत्व का ही करिश्मा था कि आदमपुर उपचुनाव में जहां उन्होंने भाजपा को एकजुट बनाए रखा वहीं विपक्ष की चुनौती को भी धराशायी किया।

इससे पहले राज्यसभा चुनाव में भी निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा को जितवा कर मुख्यमंत्री ने अपने रणनीतिक कौशल का परिचय दिया था। इन सभी घटनाक्रमों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Prime Minister Narendra Modi , गृहमंत्री अमित शाह Home Minister Amit Shah और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा BJP President JP Nadda मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व और उनकी कार्यप्रणाली की प्रशंसा कर चुके हैं। हरियाणा में सुशासन को लेकर जैसी योजनाएं बनाई हैं, उससे आम आदमी का जीवन सुगम हुआ है, इसके लिए भी मुख्यमंत्री Chief Minister को ही श्रेय जाता है। अब चिरायु कार्ड के रूप में प्रदेश के लोगों को एक और सौगात प्रदान की गई है।

बेशक, किसी भी सरकार Government के पक्ष और विपक्ष में तमाम पहलू होते हैं, सरकार के मुखिया को सभी पक्षों को साथ लेकर चलना होता है, इस दौरान कामयाबी और नाकामी के भी चांस रहते हैं। लेकिन फिर भी किसी सरकार Government के आउटपुट को राजनीतिक Political चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। एक सरकार का धर्म जनता की सेवा करना है, इसमें वह विफल होती दिखे तो उसकी आलोचना जरूरी है लेकिन अगर वह सही राह पर चलती दिखे तो उसकी सराहना होनी चाहिए। हालांकि राज्य में अभी विकास की बेहद गुंजाइश है। मौजूदा सरकार Government को भ्रष्टाचार Corruption को खत्म करना होगा वहीं बढ़ती बेरोजगारी की रोकथाम और सरकारी कर्मचारियों की दिक्कतों का समाधान भी करना होगा। राज्य में अपराध की घटनाओं पर अंकुश और शिक्षा व्यवस्था को लेकर पेश हो रही  दिक्कतों के भी समाधान की जरूरत है। 

 

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