Daughters future shown in 10th result in Punjab

Editorial: पंजाब में 10वीं के परिणाम में दिखा बेटियों का सुनहरा भविष्य

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Golden future of daughters shown in 10th result in Punjab

Golden future of daughters shown in 10th result in Punjab पंजाब में शिक्षा का ग्राफ निरंतर ऊपर की तरफ उठ रहा है, जोकि राज्य की जनता एवं पूरे देश के लिए गौरवान्वित करने वाला है। आखिर शिक्षा ही वह मूल आधार है, जिससे बेहतर समाज और संसार की रचना होती है। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की दसवीं कक्षा के परिणाम में छात्राओं ने जैसा कौशल प्रदर्शित किया है, वह बेटियों की शिक्षा के प्रति परिवार के लोगों की बदलती सोच और उनकी काबिलियत का उम्दा उदाहरण है। अभी भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी आईएएस का परिणाम भी आया है, जिसमें टॉपर तो एक युवती है ही, अन्य पदों पर भी बेटियों ने ही बाजी मारी है।

दरअसल, एक समय माना जाता था कि बेटियां सिर्फ घर का काम करने के लिए हैं, लेकिन बेटियों ने अपने संघर्ष और आत्मविश्वास के बूते यह साबित कर दिखाया है कि समाज की सोच कितनी गलत थी। यह चाहे फिर हरियाणा हो या फिर पंजाब, बेटियों के संबंध में बदला परिदृश्य समाज के उत्थान की कहानी कहता है। निश्चित रूप से आज जो छात्राएं इतना शानदार परिणाम ला रही हैं, वे भविष्य में भी शिक्षा के उच्चतर पायदान छू लेंगी, बस जरूरत है तो इसकी कि उन्हें परिवार और समाज का प्रोत्साहन मिलता रहे।

पंजाब में गगनदीप कौर ने जहां शतप्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं, वहीं नवजोत कौर ने 99.69 प्रतिशत और हरमनदीप कौर ने 99.38 अंक हासिल कर तीसरा स्थान पाया है। अब यह ग्रेडिंग सिस्टम का प्रभाव है कि शत प्रतिशत अंक या फिर उससे एक अंक हासिल करने की वजह से पोजीशन पहली या दूसरी हो गई। लेकिन इन अंकों को हासिल करने के लिए जो ज्ञान और समझ इन बेटियों ने अपने आप में विकसित की, उसका मूल्य इन अंकों से भी कहीं ज्यादा है।

यह विडम्बना ही थी कि दूसरा स्थान अर्जित करने वाली नवजोत कौर की माता का निधन हो चुका है और उनकी दादी ने उनका पालन पोषण किया और उसका हौसला बढ़ाया। एक बच्चे पर माता-पिता में से किसी भी एक का साया न होना, उसे तोड़ सकता है। लेकिन यहां विषम परिस्थितियों में भी नवजोत कौर ने खुद को संभाले रखा और अंकों का पहाड़ खड़ा कर दिया। यह भी खूब है कि पहले चार स्थानों पर आई सभी बेटियों के पिता खेती-किसानी से जुड़े हैं। खेती आज के समय में बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य हो गया है लेकिन यह सबसे पवित्र कार्य भी है। क्या इसकी उम्मीद की जा सकती है कि बेटियां चाहे वे किसी भी क्षेत्र में जाकर अपना मुकाम हासिल करें, लेकिन वे खेती-किसानी के संबंध में नई योजनाएं तैयार करें।

पंजाब और हरियाणा की अर्थव्यवस्था खेती पर आधारित है, यहां पर अनेक राष्ट्रीय स्तर के कृषि विश्वविद्यालय हैं, जहां से प्रत्येक वर्ष हजारों की तादाद में कृषि विज्ञानी बाहर आते हैं, निश्चित रूप से वे खेती और पशुधन की बढ़ोतरी के लिए काम करते हैं, लेकिन बैंकिंग सेक्टर, प्रशासनिक पदों और अन्य संबंधित विभागों में कार्यरत रहकर इस क्षेत्र के और विकास की योजनाएं बनाई जा सकती हैं। प्रथम स्थान पर रहीं गगनदीप कौर का कहना भी है कि वे बैंकिंग क्षेत्र में जाना चाहती हैं।

पंजाब में आम आदमी पार्टी की मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में चल रही सरकार ने शिक्षा के ढांचे को परिवर्तित कर दिया है। पंजाब में अब शिक्षा का उजियारा वास्तव में ही चेहरों को रोशन कर रहा है। सरकार ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को विदेश में प्रशिक्षण लेने के लिए भेजा है, वहीं स्मार्ट स्कूल खोले हैं। इसी प्रकार से दूसरी योजनाओं के जरिये शिक्षा के प्रति बच्चों एवं युवाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। पंजाब में नशाखोरी एक बड़ी समस्या है, लेकिन आजकल जिस प्रकार से नशे पर आघात हो रहा है, वह सरकार के दृढ़ इरादों को जाहिर करता है। उसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। इसी धारा में अगर स्कूलों का परिणाम इस प्रकार सामने आता रहा तो यह प्रदेश में तमाम समस्याओं को खत्म कर देगा।

भारत एक लोकतांत्रिक देश है, यहां प्रत्येक को आगे बढ़ने और अपनी क्षमता के अनुसार शिक्षा, पद एवं रोजगार हासिल करने की आजादी है, अगर देश के युवा इसी प्रकार काबिलियत के पैमाने पार करते गए तो वह दिन ज्यादा दूर नहीं होगा, जब भारत एक बार फिर विश्व गुरु की भूमिका में होगा। नालंदा जैसे शिक्षण संस्थान हमें इसका सबूत देते हैं कि किस प्रकार भारत दुनिया को शिक्षित करता आया है।

वास्तव में पंजाब सरकार को अपने प्रयासों को निरंतर आगे बढ़ाते रहना होगा। पंजाब प्रतिभाओं से संपन्न राज्य है और यह देश का दिल भी है। यहां होने वाली प्रत्येक घटना देश को प्रभावित करती है। बेटियों की सफलता सिर्फ उनकी नहीं है, पूरे राज्य एवं देश की है। हालांकि बदलते दौर में सरकारों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना चुनौती हो गई है। अच्छे अंक नौकरी दिलाएंगे लेकिन नौकरी होनी भी तो चाहिए। सरकार को प्रत्येक नागरिक के कल्याण का दायित्व पूरा करना होगा। 

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