तीन साल के जश्न में तीन प्रदेशव्यापी योजना तक नहीं बता पाई सरकार और मुख्यमंत्री: जयराम ठाकुर ने उठाया सवाल
- By Gaurav --
- Sunday, 21 Dec, 2025
even mention three state-wide schemes during the three-year celebration:
शिमला से जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की झूठ बोलने के अलावा तीन सवाल की कोई उपलब्धि नहीं है। यह सरकार झूठे दावों और विफलताओं का पर्याय बन चुकी है। वर्तमान मुख्यमंत्री केवल झूठे दावों और खोखले बयानों तक ही सीमित हैं। सरकार के पास न तो कोई ठोस योजना है और न ही प्रदेश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार कोई गंभीर पहल कर रही है। सरकार हर जगह सिर्फ हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने की बात कर रही है लेकिन आत्म निर्भर बनाने के लिए कोई कदम उठाने के बजाय पूर्व की सरकारों द्वारा किए गए प्रयासों को भी धराशाई कर रही है। प्रदेश की आर्थिकी झूठे वादों से नहीं प्रभावी आर्थिक सुधारो से मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आज तक यह नहीं बताया कि व्यवस्था परिवर्तन के तहत उन्होंने कौन–कौन से कदम उठाए हैं जिससे यह प्रदेश आत्म निर्भर बन सके। सरकार सिर्फ कर और कर्ज के मॉडल पर चल रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि झूठे भाषणों, आंकड़ों की बाजीगरी और निराधार बयानों से प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत नहीं होती। इसके लिए प्रभावी आर्थिक सुधार, उद्योगों को संरक्षण और रोजगार सृजन की ठोस नीति की आवश्यकता होती है, जिसमें वर्तमान सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। जिस सरकार ने सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने उद्योगों को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन के बड़े-बड़े वादे किए थे आज उसी पार्टी के नेताओं ने सत्ता में आने के बाद उद्योगों को हतोत्साहित किया, अराजकता और भ्रष्टाचार को संरक्षण देकर निवेशक के प्रतिकूल माहौल बनाया। जिसकी वजह से निवेशकों का भरोसा टूट चुका है, नए उद्योग आना बंद हो गए हैं और प्रदेश की आर्थिकी लगातार कमजोर होती जा रही है। स्वरोजगार के नाम पर पूर्व सरकार की योजनाएं बंद कर दी, आधे–अधूरे प्रोजेक्ट्स की वजह से युवा उद्यमी परेशान हो रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार के पास अगर उपलब्धियां होती तो आपदा राहत के पैसों से मनाए जा रहे जश्न के दौरान सरकार केंद्र और पूर्व सरकार को कोसने के बजाय अपनी उपलब्धियां बताती। लेकिन मुख्यमंत्री और उनका पूरा मंत्रिमंडल एक भी ऐसी प्रदेशव्यापी योजना नहीं बता पाया जिससे आम हिमाचली को सीधा लाभ मिला हो। तीन वर्षों का कार्यकाल जनहित के कार्यों के बजाय मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बीच आपसी लड़ाई और सत्ता संघर्ष में ही समाप्त हो गया। उन्होंने कहा कि तीन साल का कार्यक्रम जनता को सरकार की उपलब्धियां बताने का अवसर होना चाहिए था, लेकिन यह कार्यक्रम अपनी नाकामियों को छुपाने और शक्ति प्रदर्शन का मंच बनकर रह गया।
जयराम ठाकुर ने कहा कि “व्यवस्था परिवर्तन” का असली चेहरा हर दिन प्रदेश की जनता के सामने उजागर हो रहा है। यह सरकार ठेकेदारों और भ्रष्ट तत्वों के इशारे पर काम कर रही है, जबकि आम आदमी की समस्याओं और जरूरतों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। प्रदेश की जनता अब समझ चुकी है कि यह सरकार केवल घोषणाओं और झूठे दावों की सरकार है, जिसमें न दिशा है और न ही दूरदृष्टि। सरकार झूठ के बजाय जनहित पर ध्यान दे तो प्रदेश के लिए बेहतर होगा।