ECI notice to Congress's Supriya Shrinet

महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के लिए कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत, भाजपा के दिलीप घोष को ईसीआई का नोटिस

ECI notice to Congress's Supriya Shrinet

ECI notice to Congress's Supriya Shrinet

ECI notice to Congress's Supriya Shrinet- नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने बुधवार को लोकसभा चुनाव के दौरान महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणियों के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत और भाजपा के दिलीप घोष को 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया।

कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रभारी सुप्रिया श्रीनेत ने शोसल मीडिया पर एक पोस्ट में मंडी से भाजपा की उम्मीदवार अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की। हालांकि बाद में उन्‍होंने पोस्‍ट हटा लिया। उधर, भाजपा सांसद दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की। आयोग ने दोनों नेताओं की टिप्पणियों को "अशोभनीय और खराब" पाया।

सुप्रिया श्रीनेत ने मंडी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा का नामांकन हासिल करने वाली कंगना रनौत का मजाक उड़ाया। उनकी पोस्‍ट से हंगामा खड़ा हो गया।

भाजपा ने कांग्रेस प्रवक्ता पर तीखा हमला किया और उन पर अपने उम्मीदवार पर लैंगिक टिप्पणी करने का आरोप लगाया, जबकि प्रवक्ता ने जवाब देने की कोशिश की।

भाजपा के दिलीप घोष ने सीएम ममता बनर्जी पर उनके पिता को लेकर तंज कसा, जिस पर विवाद पैदा हो गया। भाजपा सांसद ने प्रेस से बात करते हुए कहा था, ''ममता जहां भी जाती हैं, खुद को उस राज्य की बेटी होने का दावा करती हैं। उन्‍हें पहले अपने पिता की पहचान करनी चाहिए कि वह किसकी बेटी हैं।''

जब महिला पर टिप्‍पणी की बात आई तो तृणमूल कांग्रेस ने दिलीप घोष के खिलाफ पूरी ताकत लगा दी और उन्हें "बार-बार अपराध करने वाला अपराधी" बताया।

तृणमूल कांग्रेस ने ईसीआई से तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए लिखा, “दिलीप घोष की टिप्पणियां न केवल शालीनता की सीमाओं को पार कर गईं, बल्कि सत्ताधारी महिलाओं के प्रति द्वेष और अनादर की संस्कृति को भी कायम रखने का प्रयास है।”

गौरतलब है कि सीएम ममता के खिलाफ दिलीप घोष की टिप्पणी ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी नाराज कर दिया। उन्हें एक नोटिस दिया गया था, जिसमें पार्टी प्रमुख ने सीएम ममता के खिलाफ उनकी विवादास्पद और असंसदीय टिप्पणियों पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है।

ईसीआई ने दोनों नेताओं को 29 मार्च तक 'कारण बताओ' नोटिस का जवाब देने को कहा है और चेतावनी दी है कि जवाब से संतुष्‍ट न होने पर उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता के तहत उचित कार्रवाई शुरू की जाएगी।