CM Sukhu said in Buddhist temple - Dalai Lama is a symbol of non-violence, compassion and brotherhood...'

बौद्ध मंदिर में बोले सीएम सुक्खू - अहिंसा, करुणा और भाईचारे का प्रतीक हैं दलाई लामा...'

CM Sukhu said in Buddhist temple - Dalai Lama is a symbol of non-violence, compassion and brotherhood...'

CM Sukhu said in Buddhist temple - Dalai Lama is a symbol of non-violence, compassion and brotherhoo

धर्मशाला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वीरवार को धर्मशाला के मैक्लोडगंज में तिब्बती आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा को उनके 88वें जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि तिब्बती समुदाय के लोगों और प्रदेश के बीच 75 वर्षों का गहरा रिश्ता है।

उन्होंने दोनों समुदायों के बीच सौहार्दपूर्ण सह-अस्तित्व पर प्रकाश डाला और आश्वस्त किया कि राज्य सरकार तिब्बती समाज के कल्याण के लिए सदैव तत्पर रहेगी। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा की जीवन यात्रा, दृढ़-निश्चय समर्पण और संघर्षों से भरी है।

उन्होंने सभी से दलाई लामा की शिक्षाओं और अनुभवों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया और कहा कि उनके विचारों को आत्मसात करते हुए हमें अध्यात्म के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि दलाई लामा अहिंसा, करुणा और भाईचारे का प्रतीक हैं तथा दुनियाभर में प्रेम, शांति और भाईचारे के अग्रदूत के रूप में जाने जाते हैं।

जीवन मूल्यों के बारे में युवाओं को किया जागरूक: CM

उन्होंने तिब्बत और वहां के लोगों के अधिकारों के लिए दलाई लामा के अथक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि दलाई लामा को इन्हीं प्रयासों के फलस्वरूप नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मुख्यमंत्री ने भारत की समृद्ध प्राचीन संस्कृति, ज्ञान और जीवन मूल्यों के बारे में युवाओं को जागरूक करने में दलाई लामा के प्रयासों को भी सराहा।

उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक गुरू के संदेश का विश्वभर में अनुसरण किया जाता है। वैश्विक स्तर पर उनकी शिक्षाओं को लोगों का अपार स्नेह और समर्थन मिला है। शांति के क्षेत्र में दलाई लामा के योगदान के लिए उन्हें 150 से अधिक पुरस्कार मिले हैं।

कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति हुए शामिल

इस कार्यक्रम में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के अध्यक्ष पेंपा त्सेरिंग, निर्वासित तिब्बती संसद के अध्यक्ष खेंपो सोनम तेनफाल, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर, कृषि मंत्री प्रोफ्रेसर चंद्र कुमार, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रघुवीर सिंह बाली, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल और किशोरी लाल, विधायक यादविन्द्र गोमा, केवल सिंह पठानिया, मलेंदर राजन, ओएसडी रितेश कपरेट, जिला कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अजय महाजन, विभिन्न बोर्डों और निगमों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए थे।