संत कबीर के दोहों को जीवन में उतारने से समाज में आएगा बदलाव : संजय टंडन
Applying the Couplets of Sant Kabir
संजय टंडन बोले, गुरु का स्थान समाज में सबसे अव्वल, आज भी संत कबीर की शिक्षाएं सार्थक
चंडीगढ़, 21 जून। Applying the Couplets of Sant Kabir: भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं हिमाचल प्रदेश के सह प्रभारी संजय टंडन ने कहा कि संत कबीर के दोहों को सुनने के साथ जीवन में उतारना भी जरूरी है, क्योंकि आज से 600 वर्ष से पहले गुरु की सबसे बड़ी महिमा लिखी गई थी। यह महिमा आज भी समाज को संदेश दे रही है कि गुरु का स्थान सबसे अव्वल है।
संजय टंडन संत कबीर शोभायात्रा की समाप्ति में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। लॉ भवन में आयोजित कार्यक्रम में आयोजक सुरजीत फौजी ने संजय टंडन को पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि जब भी गुरु की महिमा की बात होती है तो कबीर के दोहों के बिना उसे पूरा नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि कबीर ने गुरु की महिमा का ऐसा वर्णन किया है, जोकि आज तक संभव नहीं हो पाया है। संत कबीर लिखते हैं कि यदि पूरी धरती को कागज, वृक्षों की लकड़ी को लेखनी और सातों समुद्र की स्याही बना दी जाए तो गुरु की महिमा का वर्णन नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दो लाइनों के भीतर गुरु की महिमा का वर्णन कोई महात्मा व पुरुष नहीं बल्कि ब्रह्मज्ञान वाला संत कर सकता है, जोकि संत कबीर ने करके दिखाया है।
वहीं उन्होंने आज के दौर में गुरु और शिष्य के व्यवहार पर चिंता जाहिर कि आज के विद्यार्थी गुरु की महिमा से परिचित नहीं हैं और न ही शायद उन्होंने गुरु की महिमा का वर्णन पढ़ा है।
गुरु हर संकट और विपदा में मार्गदर्शन करता है। गुरु शिष्य की परछाई होता है। इसलिए गुरु का सम्मान समाज में सबसे बड़ा है। उन्होंने कहा कि गुरु हमेशा अपने शिष्य का सही मार्गदर्शन करता है। क्योंकि गुरु का रूप नहीं बल्कि आत्मीय संबंध होता है।
गुरु की शिक्षाएं आज भी समाज के लिए मार्गदर्शक के तौर पर हैं। संत कबीर ने जो ज्ञान दिया है, उससे समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना है, क्योकि उनकी शिक्षाएं किसी एक समाज के लिए नहीं थी बल्कि पूरे संसार का मार्गदर्शन करने वाली हैं।
इस अवसर पर भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण सूद, पूर्व मेयर रविकांत शर्मा, मंडल प्रधान संजय अग्रवाल, शीलू, मनोनीत पार्षद सतिंद्र संधू एवं बड़ी संख्या में कबीर के अनुयायी मौजूद रहे।