BJP's state co-media in-charge Sanjay Sharma said - Minister's threat dropped the morale of officers, CM should take cognizance.

बीजेपी के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी संजय शर्मा बोले- मंत्री की धमकी से गिरा अधिकारियों का मनोबल, सीएम लें संज्ञान

BJP's state co-media in-charge Sanjay Sharma said - Minister's threat dropped the morale of officers, CM should take cognizance.

BJP's state co-media in-charge Sanjay Sharma said - Minister's threat dropped the morale of officers

धर्मशाला:बीजेपी के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी संजय शर्मा का कहना है कि हिमाचल सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने जिस तरह से मीडिया के माध्यम से अधिकारियों को धमकाने का प्रयास किया है ,वह अत्यंत निंदनीय है। नौकरशाही अधिकारी कर्मचारी सब प्रदेश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान अदा करते हैं। चाहे IAS , HAS , Engineers, Doctors, Teachers के अलावा अन्य विभागों के भी सभी कर्मचारी अधिकारी सब मिलकर प्रदेश को सरकार के साथ मिलकर विकास की राह पर ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह की धमकी मंत्री ने अधिकारियों को दी है वह हर किसी अधिकारी कर्मचारी का मनोबल नीचे करता है और उसका प्रभाव प्रदेश के विकास पर पड़ता है।

ऐसी हरकतों के बारे में सीएम को संज्ञान लेना चाहिए। संजय शर्मा ने कहा कि सच्चाई यह है कि सरकार के भीतर मंत्रियों मैं एक दूसरे को लेकर अंतर्द्वंद चला हुआ है। मंत्री एक-दूसरे की टांग खिंचाई का काम कर रहे हैं। इन्हीं मंत्री ने पिछले दिनों अपनी ही सरकार के दूसरे मंत्री के विभाग के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि मंत्री अवैध खनन को संरक्षण दे रहे हैं जबकि मंत्री हर्षवर्धन ने उनके इस बयान को बचकाना करार दिया।

सीएम यह सब कुछ देख कर मौन हैं, मजबूरी दिखती है

संजय शर्मा ने कहा कि एक सीपीएस ने मंत्री को दरकिनार करते हुए प्रदेश से संबंधित उद्योगपतियों को अपनी तरह के निर्देश देने शुरू कर दिए उसे लेकर भी उद्योग मंत्री को अलग बयान देने पड़ रहे हैं। इससे यह पता चलता है कि सरकार के भीतर गहरा असंतोष चल रहा है और मंत्री आपसी खींचतान में व्यस्त है और प्रदेश की जनता त्रस्त है। सीएम यह सब कुछ देख कर भी मौन हैं, इससे उनकी मजबूरी भी साफ झलकती है कि वह कुछ भी कर पाने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को विक्रमादित्य के बयान पर कड़ा संज्ञान लेना चाहिए और भविष्य में ऐसी हरकतों पर अंकुश लगाना चाहिए।

संविधान लोकतंत्र के अंदर ऐसी हरकत को स्थान नहीं देता है। अधिकारियों-कर्मचारियों का भी अपना आत्मसम्मान है। उनके आत्मसम्मान को बनाए रखने की जिम्मेदारी भी सीएम की है। विक्रमादित्य अपनी रजवाड़ा शाही पृष्ठभूमि से शायद बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। इन्हीं प्रशासनिक अधिकारियों के सहारे प्रदेश के पूर्व सीएम और इनके परिवार के मुखिया अपने राजनीतिक विरोधियों को कुचलने का काम करते रहे हैं और इस बात को मंत्री को भूलना नहीं चाहिए।