Adani's arbitrariness will not work now, apple sellers got option

Himachal: अब नहीं चलेगी अदानी की मनमानी, सेब विक्रेताओं को मिला विकल्प

Adani's arbitrariness will not work now, apple sellers got option

Adani's arbitrariness will not work now, apple sellers got option

Adani's arbitrariness will not work now, apple sellers got option- रामपुर बुशहर (आत्मा सिंह)। इस बार सेब बागवानों को आढ़तियों द्वारा सेब के दाम प्रति किलो के हिसाब से दिए जाने से बागवानों ने राहत की सांस ली है। खास कर शिमला जिला के ऊपरी क्षेत्र, कुल्लू का आनी एवं किन्नौर  के  लोगों को बिथल स्थित अदानी के सीए स्टोर का विकल्प मिल गया है। ऐसे में ऊपरी क्षेत्र के प्रमुख सेब क्रेताओं की अब मुश्किलें बढ़ गई है।  यही कारण है की इस बार अदानी सी ए स्टोर बिथल के बाहर सन्नाटा पसरा हुआ है। बागवानों का कहना है कि अदानी के बीथल स्थित सी ए  स्टोर में हमेशा मनमानी का शिकार होना पड़ता था ।

जब से बाहर नेशनल हाइवे पर  सेब खरीद रहे व्यापारी  किलो के हिसाब से सेब ले रहे है। दूसरा कुमारसैन में डिजिटल मंडी का भी शुभारंभ किया गया है। इससे अडानी की मनमानी पर अंकुश लगा है। बागवानों का कहना है कि अडानी का बिथल सी ए स्टोर अपनी सुविधा अनुसार सेब खरीदता था। विकल्प न होने से  सेब सीजन के दौरान अदानी के बिथल सी ए स्टोर के बाहर वाहनों की लंबी-लंबी कतारे लगी होती थी  और तीन-तीन चार-चार दिन बाद नंबर लगता था। ऐसे में उनका सेब धूप में खड़ी गाडय़िों में खराब होता रहता था । लेकिन इस बार विकल्प मिलने के बाद लोगों ने अदानी के मनमानी से राहत की सांस ली है। क्योंकि पहले बागबानो के पास प्रमुख विकल्प अदानी ही था ।

अदानी सी ए स्टोर  के द्वारा अपने रेट तय करने के बाद ही मंडी के अन्य व्यापारी भी उसी हिसाब से सेब खरीदारी करते थे। जिसका सीधा फायदा अदानी को होता था। लेकिन अब अन्य क्षेत्र में भी खरीदारी  अच्छी सुविधाएं दे रहे हैं। रामपुर नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष हरिश्चंद्र  लकटू ने बताया कि अदानी ने अब तक बागवानों का शोषण ही किया।  अडानी के बिथल स्थित स्टोर संचालकों को मालूम था कि ऊपरी क्षेत्र के बागवानों के पास कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में  उनकी मजबूरी का फायदा उठाया जाए । लेकिन इस बार बागवानों को विकल्प मिला है । उन्होंने बताया कि अडानी के  सी ए स्टोर के बाहर इस बार सन्नाटा पसरा हुआ है। अडानी इस बार भी सेब की दरें निश्चित तो कर चुका है। लेकिन जिस आकार का सेब क्षेत्र में ज्यादा है उसके दाम काफी कम रखे हैं । ऐसे में कोई बागबान अदानी की ओर जाना नहीं चाहता । 

उन्होंने बागबानो से भी अपील की है कि अब विकल्प बाजार में काफी है और सोच समझ अपना सेब विक्रय करें।