Group Captain Varun Singh Letter Viral

हरियाणा: आर्मी स्कूल चंडी मंदिर को जिंदगी-मौत से लड़ रहे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की यह चिट्ठी, इसे न पढ़कर गलती करेंगे आप

Group Captain Varun Singh Letter Viral

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तमिलनाडु के कुन्नूर में बीते बुधवार को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) सहित 13 लोगों की जान चली गई| इस दुर्घटना में मात्र एक व्यक्ति ही जिन्दा बचा है और वो भी इस समय जिंदगी के लिए संघर्षरत है| हम बात कर रहे हैं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की| ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जिन्दा तो बच गए हैं लेकिन उनकी हालत बेहद खराब है| वहीं, जहां ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जिंदगी और मौत के बीच की स्थिति में हैं तो इस समय उनकी एक चिट्ठी सामने आई है जो कि बेहद ज्यादा वायरल हो रही है और हमें लगता है कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की यह चिट्ठी सभी को पढ़नी चाहिए| खासकर बच्चों को, युवाओं को| आज के समय में इस चिट्ठी की इन्हें सख्त जरुरत है| अगर आप इस चिट्ठी को नहीं पढ़ते हैं तो आप गलती करेंगे|

चिट्ठी में लिखीं वरुण सिंह की बातें... आपको मजबूत करेगीं...

बतादें कि, 18 सितंबर 2021 को वरुण सिंह ने यह चिट्ठी आर्मी स्कूल चंडी मंदिर को लिखी थी| जिसमें उन्होंने अपनी सफलता के लिए स्कूल का धन्यवाद किया| वरुण सिंह ने सन 2000 में इस स्कूल में पढ़ाई की| फिलहाल, चिट्ठी में वरुण सिंह ने आगे कहा कि मैं आज के इस चुनौतीपूर्ण समय में इस प्रतिस्पर्धी दुनिया के बीच अपने जीवन के कुछ विचार साझा कर रहा हूं| मेरे ये विचार काफी मददगार साबित हो सकते हैं|

जो भी करें तन-मन से करें .....

वरुण सिंह का कहना है कि मैं एक बहुत ही औसत छात्र था जिसने 12वीं कक्षा में मुश्किल से प्रथम श्रेणी प्राप्त की थी। मैं समझता था कि मैं उत्कृष्ट प्रदर्शन नहीं कर सकता हूं लेकिन मैंने अपने भीतर आत्मविश्वास को जगाना शुरू किया, लगन से किसी काम में लगा और फिर मैं आगे बढ़ता चला गया| 

वरुण सिंह ने आगे कहा कि औसत दर्जे का होना ठीक है| हर कोई स्कूल में उत्कृष्ट नहीं होगा और हर कोई 90 प्रतिशत स्कोर नहीं कर पाएगा| यदि आप ऐसा करते हैं, तो यह एक अद्भुत उपलब्धि है और इसकी सराहना की जानी चाहिए| सिंह ने कहा कि यदि आप इतना स्कोर नहीं कर पाते हैं तो ऐसा यह मत सोचिए कि आप औसत दर्जे के हैं| आप स्कूल में औसत दर्जे के हो सकते हैं लेकिन यह जीवन में आने वाली चीजों का कोई पैमाना नहीं है| अपनी कला ढूंढें, यह कला संगीत, ग्राफिक डिज़ाइन, साहित्य इत्यादि हो सकती है| बस आप जो भी काम करते हैं, उसमें समर्पित रहें, अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें और यह सोचकर कभी सोने न जाएँ कि मैं और प्रयास कर सकता था या कम प्रयास किया। ये सोचें मैंने प्रयास किया|

बतादें कि, ग्रुप कैप्टन सिंह अभी बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वह लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं| ग्रुप कैप्टन सिंह को वीरता पुरस्कार शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है| ग्रुप कैप्टन सिंह के पिता कर्नल रिटायर हैं और छोटा भाई नेवी में अफसर है| ग्रुप कैप्टन सिंह की एक छोटी बेटी और एक बेटा है|